गढवाली शब्द जो विलुप्त होने के कगार पर हैं
- गढवाली शब्द जो विलुप्त होने के कगार पर हैं
- Presented by भीष्म कुकरेती
कृपया ध्यान दें :
गढ़वाली व्याकरणनुसार व्यंजनान्त में बडी ई की मात्रा अधिकतर वर्जित ही है क, का, को भी गढ़वाली व्याकरण सम्मत नही है
ष भी प्रयोग नही होता था प्राचीन काल में ष को ख पढ़ते थे...
- व
वंग
वंस
वगाण
वथ्यार
वअण = बड़ा छेद
विखळाण/ विकुळ
वीटा
वीणा
वीर्यौण
संगेठण
संदौण
संतेण
संवार
स्क्यावान
सगळो
सगाती
सतरौण
सिनक्वाळ
समसूत
सळकि
सांवा
सिंगताळ
सुकरौड़
सुरता
सुराळि
सुळया
सेंजडि
स्यमता
हितराड़
हुर्स्यौण
हेवार = पंक्ति
हेसणु
होकड़
होतिल
ह्युंर
उनग, ओंग,
ओस
फूलना (रोति आदि)
व्श्राम का कार्य खासकर बकरियों से समन्धित
बड़ा छेद
अरुचि
उलटा
जागृत स्तिथि
किसी कार्य को शुरु करना
समेटना
छोटे बच्चों को तेल मालिश कर गरम हाथों से सेकना
घाव भरना
सामने
शक्तिशाली
पूरा/समूचा
सगोत्री
वस्थित करना
अन्धेरा होने से पूर्व
रात्री का सन्नाटा
डींग
कर्ज के रूप में दी गयी राशी
दो सींगो के बीच का भाग , माथा
एकदम सुखा पड़ना
इच्छा, आकांक्षा
रिश्ता, नाता
कामुक
हमउम्र
ऐसी इच्छा जो पूरी होना कठिन हो
डांट
चिढाना
पंक्ति
कष्ट भोगना
होड़, बाजी
समृद्ध
ग्लेशियर
- ल
लंक/लंख
लंकोदय
लंगलंगी
लंगसंग
लंगोडि
लन्ज्जन
लंठ
लग्गा
लग्द - बग्द
लग्यार
लदेरू
लपराळ
लमाळा
लींजी /लेंजी
लौल्याट
ल्वीणि
बहुत दूर
उषाकाल
पतली व लम्बी
संगति का प्रभाव
ऐसा खेत जो चुअदा कम लम्बा अधिक हो
लांछन , कलंक
बदमाश/उत्तर्दायित्व्हीन
गाँव की सीमा के अन्दर मुख्य गाँव से हटकर वसे कुछ परिवार
जल्दी जल्दी
लगाव
लड्डू पशु
आग की लपट
फते पुराने वस्त्र
चिपचिपापन
जोर की खुजली
असह्य दर्द
य
यकच्वट्या
यकसौंडाळ
यक्लग
यखरौण
रंगसाळेण
रंगाळि
रगड़घोस
रग ताडू
रतकाळि
रमदैलि
रीस
एक इ चोट मा, एक प्रहार में
समतल
निरंतर
ओखली में धान को एकी बार कुटना
चौंकना, खुसी से अचंभित होंना
गप्पें, बध चढ़ कर की गई बातें
व्यर्थ , बेकार
भूस्खलन से बाना उबड़ खाबड़
बड़े सुबह , उषा काल से पहले
सभी चीजों भात, दाळ सब्जी को एक साथ मिला देना
इर्ष्या
म
मगर
मंग्याळ
मंडुल़ा
मन्था
मकड़
मड़ापति
मडि
मणख्याळु
मांदण
ममका
माळ
मुखाणि
मुन्याळ
मुयाळी
मेवाळ
मोंळार्त
पनघट
पकती , कटार
छोटे छोटे मन्दिर
संसार
अधिक, भरा पुरा
मठाधिपति
मरा /शव
मनुष्य के साथ रहें वाला पालतू पशु
मथनी
घुड़की, बंदर भगाने के लिए घुड़की
मैदानी क्षेत्र /तराई वाला भाग
मृतक के यंहा जाकर दी जाने वाली संवेदना
उद्गम
लावारिस सम्पति
काई
कई लोगों द्वारा एक साथ किसी के यहाँ गोबर डालने का काम
भ
भ्नकर
भंगेल्डु
भकेंड
भगन
भगनमास
भटास
भणकाण्या
भणनु
भताड़ = निट्ठला पति
भतेड़ा
भन्क्या
भमाण
भम्वार
भांचण
भानण
भिंदु
भिट्टू
भिड़ासौड़
भिदौण
भीन
भुकोल
भुचकु
भुन्नु
भूमंडु
भुड़था
भुरतु
भेतको
भेलकु
भेलगाळी
भैरगडडू
भौंतरेण
भ्युंरि
भ्वींता
भ्वींजु
खलियान में सूखने रखा अनाज
गौरैया
किसी हथियार पर लगा हत्था
बर्बाद, उत्तरदायित्यहीन
नष्ट भ्रष्ट
प्यास की अनुभूति
बाध्य होकर
बखान करणा
निट्ठला पति
व्यर्थ का परिश्रम, कष्ट
मजबूरी में /मजबूर होकर
उदासीनता, उदासी, सूनापन
उठाव , जोश
बन्द करणा, इनकार
तोड़ना, नष्ट करना
पत्ते या फल का वृंत
सीढ़ीनुमा खेतों में दो खेतों के बीच की दीवार
बहुत सारे लोगों का जोर शोर से कार्य करना
निशाना मरना, भेदना
परहेज, भेदभाव , अंतर
भुकोल = सांयकाल
भुचकु =झाडी, झाड़ीनुमा पौधा
भुन्नु = जंगली सुअर
एक ही तल वाला मकान (तल मंजिला)
बकरियों की देखभाल करने वाला व्यक्ति
सेवक
मिटटी का छोटा सा तीला
अनैतिक गर्भ ठहरना
बिना किसी का नाम लिए गाली देना
व्यर्थ घुमने वाला
आपे से बाहर होंना
आँखों के आगे छाने वाला अन्धेरा
लकड़ी या रस्सी का पुल
पूर्व परिचित
ब
बिजोरि
बंचण
बन्चौण
बंठया
बंडा
बंदड़ा
बंदडि
बंधेज
बंबाळी
बकरूट
बगच्छु
बगडु
बच्छर्वी
बज्जनी
बड़वाती
बताळु
बात्थ्गा
बदनाळ
बबकार
बबुर्या
बांगणु
बांठीण
बिडारु
बित्खोच्या
बिसारू मुलक
बुखार्याण
बुडबौळ
बेजू
बैसनार
बौंट
बौंठ
बौंठेण
ब्युंक
बीज के रखा ग्या बीज
पढना
पढवाना
सुन्दर, रूपवान
भट्ट, पहाड़ी सोयबीन
ब्योला, दुल्हा
ब्योली, दुल्हन
पथ्य
शरीर की चर्बी
जलन
गाँव के पास रहने वाला बाग़
उत्सव के दौरान पकाया जाने वाला सामान्य भात
ग्वाले
वाद्य यंत्र बजाने में कुशल
बड़ की झूलती जड़ें
हवादार
टुकडा
जांघ का उपरी हिस्सा
तीब्र खुजली
बेचारा, दयनीय
पैर
रूपवती
स्केयर क्रो
त्रुटी निकालने वाला
जंहाँ अनाज कम हो और लोग खरीदकर अनाज पूर्ति करते हैं
बुखार की गंध
बुढ़ापे में उमर से विपरीत किया गया कार्य जैसे साथ साल में शादी करना
निशाँ, चिन्ह
गर्भवती स्त्री
हाथ की कलाई का दरद
पशु की बच्चेदानी
बच्चा होते हुए पशु की बच्चेदानी बाहर आ जाना
कमी, त्रुटी
- फ
फडींग
फणकण
फदौण
फफंड
फफंडि
फफराण
फबटेणु
फरजंट
फरडि
फरोड़ा
फळसु
फिड़फिड़ी
फिफड़ाण
फैमाळ
फुन्द्या, फोंद्या
फ्यानकु
फौंसा
धान काटने बाद लगाया गया हल
नाराज होना
झूटी बात कह कर विश्वास में लेना
ढोंग, पाखण्ड
ढोंगी
उत्साह में आकार काम करना
ठोकर खाना
चालाक, चतुर , कार्यकुशल
झंडी
बलि , न्यौछावर
अवरोध, बाड़
दया का भाव , करूणा का भाव
दुखी या वथित होना
रुकावट, बाधा
मुखिया, चतुर चालाक
आँचल
गीदड़ भभकी
- प
पंख्यूड़
पंचर
पंचारन
पंज्वे, पंजोइ
पच्चार
पSजण
पSजण
पज्वणि
पड़कुंडा
पड्याळ
पड्वा
पढ़दारु
पणकुल़ा
पणग्वड
पणतरु
पणसारु
पणसौणु /संतर्योण
पनौला/ भ्वीणा
पन्नौ
पयाणु
पयाणु
पयार
पराज
पर्वाण
पळछ
पलास = सहलाओ
पसाळउ
पस्तौ
पाडु
पाण
पाण
पातडि
पिचग्व़ाण/बिखल़ाण
पिठा लोटी
पीठया
पुंजळु
पुच्याडु
पुणन/ पूण
पेटरौण
पेवण्या
पैलोठ /पैलि पैणि
पैसार/पैसुक
पोळेञचु
पौंछा/पौंठा
पौंडळ
पौंळ्या
पौडि /फैडि (ड़ + इ )
प्वंस
पौणखि
प्वथल्या
प्वथल्या
प्यSडा
पंचघेता
पंख
सिंचित भूमि
ललकारना
पंचायत करने वाला , समझौता करने वाला मध्यस्थ
दो टुकडो को जोड़ने के लिए लगा टुकडा
दुधारू गाय/भैंस के स्तनों से दूध उतरना
धान आदि के पौधों में बाल निकलना
झंगोरा आदि का मांड
पपड़ी
काम के बदले काम
गळया= हाल चलाते समय लेटने वाला बैल
विद्यार्थी, पढने वाला
मुंह में बार बार पाणी आना
धान के खेतों की पहली गुड़ाई
अन्न उधार देने की प्रथा जिसमे उधार व व्याज फसल आने के बाद ही वापिस किया जाता है
पानी ढोने वाला
समान को व्यवस्थित ढंग से रखना
पहेली
पांडव
छेद
प्रस्थान
उंचाई पर चारागाह जहाँ पेड ना हों
पैरों/हथेली पा सुरसराहट जिसका अर्थ की कोई याद कार रहा है
पर्वी ण, नेतृत्व के गुण वाला, बिना किसी के कहे कार्य में पहल करना, पहल कनरे वाला
तराशना
सहलाओ
हल्का प्रकाश
मृतक के सगे स्म्बंधिय्यों को सम्वेदना देना, कन्डोलेंस
वस्तु विनियम में ड़ी जाने वाली अतिरिक्त वस्तु/ धन राशि
दराती आदि की धार
आदत , (सुपाण =भली आदत, कुपाण= बुरी आदत )
पिछले कारनामे
किसी खाद्य पदार्थ से होने वाली अरुचि
आगे पीछे के भाई-बहन
सहोदर
समूह
पानी रोकने हेतु अव्यवस्थित प्राकृतिक या मनुष्य कृत घास फूस का अवरोधक
भुसयुक्त अनाज को सिर से ऊँचाई से गिराना जिससे भूसा उड़ जाय/ बथौं लगना
गर्भ ठहरना
चारा या घास जो पशुओं को दूध दुहने से पहले दिया जाता है
प्रथम बार बच्चा जनने वाली गाय/भैंसी
फैलाव
परेशानी में डालने वाला कार्य, कलंक, आरोप, बकाया
कलाई
जवान भैंसी
जवान पशु
सीढ़ी
ऊँचे स्थान पर होने वाली वर्षा
दावत
पक्षी प्रेमी
बच्चों का प्रिय या निक नाम
सुटक या बर्जात वाले परिवार
किसी के व्यक्तिगत कार्य में दिया जाने वाला श्रम सहयोग जैसे धाण सहयोग करने के एवज में सहयोगी के खेत में धाण करणा
- न
नंगझाड़
नंगस्वन्नि
नंग्यूळ
नS
नकटंडि
नकथोड़
नक-फक
नजवाड़ा /नजवाडु
नठणु
नठयण
निठण्याण
नडक्यण/ रुस्याण
नडयौण्या
ननकौण
नरनरु
नर्फ़ट्टा
नळग्यञडा
नळक
नवाण
नसेटि
नाकड़बाजि
नाकड़बाजि
नाकिस्ती
नागळ
नागळी
नाट
नाड
नामल़ो
नामल़ो
निंगटन
निकर्तुत्याल़ो
निक्न्याणि
निगर
निफ्रां
निमका, निम्कि
निमलु
निरतण
निरासिलू/निरासिलो
निस्तुक
निस्सोलि
नौताड़
न्यासि
नट्ठु / नट्ठो =
पांव से नाखुनो तक बाल निकालने का कार्य
नाखुनो के पूर
नग्नता
कुँवें की पक्की बौडी
नटखट
नथुने
विपत्ति
अनाज के खेत
इनकार करना
गुम होना
बच्चे का रोना जिसमे वह पुरा रो नही सकता ( ए मेरी ब्व़े ! म्यार नौनु निठण्याणु च )
गुसा होना
पशु बांधने की रस्सी
धमकौण
रूठा हुआ
कन्धे क नीचे का बजु क भाग
घुटने से नीचे का भाग
पळक तीब्र, प्रबल
शुरुवात, नये अनाज खाने का शुभ दिन
भागी हुई, पति गृह छोड़ कर आई हुयी
जिद्द
स्पर्धा
बेज्जती
कलह , वाद विवाद
कलह/वाद विवाद करने वाला
निस्संतान
वेवकूफ
सीधा -साधा
सुन्दर, बढ़िया
वर्तन से तरल पदार्थ धीरे धीरे निकलना , निथरना
अकरमणय
अस्वाभाविक रूप से हंस रही है
शुद्ध, बगैर मिलावट का, जो खोखला ना हो
स्वतंत्र , अलग, एकांत
बहुत
निर्मल
भुगतना, निपटना
निर्दई
निश्चिन्त , चिंता रहित
सावधानी पूर्बक, सम्भलकर
नई आबाद की गयी जमीन
तरह, जैसे
मकई , झंगोरे या कोदे के डंठल जो चरे के काम आते हैं किन्तु उन्हें मुन्ग्रेट (मकई का डंठल ) झंग्रेट (झंगोरे का डंठल ) व कुदेट (कोदे का डंठल ) ही कहा जाना श्रेयकर है
- ध
धौल
धंकळयोण
धंद/धंध
धजबांधण
धडां
धड्वी
धड्वे
धन-चन
धनालु
धयेणु
धर्दारी
धरगस
धाद्दि
धिध्राट्या
धिया/धियाण
धुरसाल़ेण /धुरसाल़ेणु
धुळएन्क
ध्याणतो
ध्वंका
धऐडु
चपता
धांधली , अव्यवस्था
आश्चर्य, विष्मय
धनवान होना
समूह में , एक साथ
पक्ष लेने वाल्, वाली
मु मदद, सहायता
पालतू पशुओं क समूह
पशुधन वाला
उत्तेजित करना
माँ, धारक
जिद्दी, हट्ठी
दौड़ कर किया जाने वाला पीछा
ऋतु में आया पशु
कन्या, बेटी, बहन
पशु को काबू में करना
पत्नी द्वारा उपेक्षित
=भांजा
धुंए में अधिक देर तक रहने से आँखों का दुखना
पहाड़ी ढलान
- द
दंद
दगडचंद
दड्यौंण
दबड़ाक
दमद्यौण
दळकण/ दाकळयण
दागला
दाळउ
दिंग्थाल़ू
दिमटाळ
दिसावर
दिसैरी
दिस्वळी/द्यसळी
दुचित्या
दुणासु
दौंकरा फौन्करी
झगड़ा , कष्ट
जो हमेशा दोस्तों के साथ रहता हो
किसी भी बरत की संध्या जिसमे सामर्थ्यानुसार भोजन बनाया जाता है
बौछार
उत्साहित करना
वर्षा के मलवे के नीचे किसी स्थान का दब जना
दुखों की कहानी
अधिक वर्षा के कारण गधेरों में आने वाले मिटटी, पथर कंकड़ आदि .
अधिक मोटापे कारण ठीक से ण चल पाना
रसोई में एक सीमा जंहाँ रसोइये के अतिरिक्त कोई अन्य ना जा सके.
परदेश
मैदानी क्षेत्र का
मैदानी क्षेत्र का
दुविधा
गाय, भैंस का एक बर्ष के अन्दर गर्भ धारण करना
हाँफते हुए की जाने वाली दौड़ भाग
- थ
थंवार
थड़थड़ा (वि.) = रूठे हुए
थरपण
थरा
थांगडु
थल्ला
थातवान
थाम
थाम
थिन्थरौण
थोकदार
थोच
थोपी
थेपण
थेपण
थैस
दिलासा , संतोष देना
रूठे हुए
स्थापित करना
पेंदा, तला
अकौंट रजिस्टर
तिबारी के नक्कासिदार खम्भों के नीचे के नक्कासी वाले पत्थर
समृद्ध
उत्तराधिकारी विहीन
रोकना , थामना
बच्चों को कुछ देकर बहलाना
कुलीन
पशु के बच्चे द्वारा थनों पर मुंह का धक्का
खच्चरों को दी जाने वाली गुद-आते की खुराक
अनिछापुर्बक रोटियाँ बनाना
चिपकाना
आराम
- त
तंगतबाई
तंगास
तंगास
तंत
तंद्यारो = वैसा
तगदा=
ततभळकोततभळक
ततलोट = भयाक्रांत
तद्यांण कारीगर
तनगळउ
तनगड़ा
तपल्वाड़ू
ताड़ीफाड़ी
तिताल़ा
तिलकैंसू
तुंगण
तोक
तुलपण
तेज, कलक्वांस
तीरा =
आपत्ति, कठिनाई
स्थान की कमी
गरीबी
तत्काल
वैसा
आभूषण
अत्यंत गरम
भयाक्रांत
मिस्त्री , कारीगर
कुल्हाड़ी , फरसा
नाराजगी
धूप वाली जगह
बैचैनी
तीखे
तेल में पका व्यंजन
रस्सी का पुल
क्षेत्र, गाँव में विशेष क्षेत्र
हाथ से सिलाई
आभा
दीवार पर चिनाई के समय छोड़ा गया छेद
- ढ
ढंगच्याळ
ढंगबाणि
ढंट
ढंडक
ढंडकौण
ढाञट/ ढाञटणि
ढाडि
ढुंढयासु
ढुडीर
प्रबंध, हालत
ढंगबाणि =अनुकूल, कहना मानने वाला
बदमाश
अस्योग, विरोध
बरगलाना
कुत्ता/कुत्ती
अफवाह
धान का भूसा
नितम्ब
- ड
डंक्वणि
डंग्याण
डंड्वाक
डंणसिलु
डक्वति
डडैल
डळघास
डांडरा, डांडर, डांडण
डमराण
डांसि
डाबर
डार
डिगण
डिलारू
डीट
डीप
डुकाण
डुकौणु य
डोंर्य
डोंर्या (Dounryaa
ड्वैंटा, ड्वणेटु , द्वणेटु
चालाकी से पंहुचाया ग्या नुकसान
पत्रों वाली जगह
पहाड़ी भालू
दूसरों को सहन न करने वाला
झूटी बाते, शेखी
वस्तु को तेल में पकाने के बाद वर्तन में बचा तेल
पेड़ों की पत्तियाँ जो घास के काम आती है , चारे के पेड यथा भीमल, खड़ीक
हल लगे दो स्यूं के बीच की बिन जुती जमीन
सीं पर सीं हल न लगाकर ऐसे ही बेतरतीब हल लगाना
नुकसान
जंगल
झुण्ड , समूह, कतार
किसी खाद्य पदार्थ की तीब्र इच्छा
खेत में मिटटी के ढेल़े फोड़ने का लकड़ी का टुकड़ा
नजर, दृष्टि
नीचे की ओर का किनारा
गाय/भैंस के थानों में स्वाभाविक रूप से दूध उतर आणा
गाय/भैंस के स्तनों को मलासना जिससे दूध उतर जाय
डमरू बजाने वाला
समूह में सबसे ताकतवर या बड़ा
तेल पिराने के लिए प्रयुक्त लकड़ी
- ठ
ञ= अनिस्वर बिन्दु
ठञगट्याट
ठञगट्याट्या
ठट्टा
ठडगल़ा
ठड्याळउ
ठड़यौण
ठप्पा
ठमणि
ठमसाट
ठमसाण
ठाञड़णु
ठाणी
ठुबसौण
ठुल्ला
ठुल्ली
ठेकि
ठेणि
ठऐञडि
ठोंट
ठौंसो/ ठौंसी
ठोकराट
बनवतिपन , दिखावा
दिखावा करने वाला
नकल, मजाक
मुंह में ऊपर से गिरा कर पानी पीने का तरीका
सीधा
सहारा देना
सांचा , खांचा
एक नृत्य
असंतोष
असंतोष प्रकट करना
तय करना
गाँव का चौकीदार
पलटना जैसे बौंळी ठुबसौण
बड़ा (नाते में उमर में )
नाते में, उमर में बडी
परोठी (अधिक्तर लकड़ी की)
नाटु / ठिगना
पौधे का टूटा अगर भाग
चोंच
छोटी टहनी (सोंटी )
उलाहना
- ट
ञ= बिन्दु
टंगट्यपडु
टंगट्यपाळी/ टंगटिपाळी
टकोरा (पु.)
टकोरा
टणक
टब्बर
टांच/आँक
टांच/टांक
टाखणु
टिटखि
टौंकाण्या
ट्वंगार
टौख
ट्वsम
उपेक्षा में किसी के ससमान को व्यर्थ बताने वाला शब्द
क्षण भर की व्यवस्था ओ खतम हो जाय, चालू काम
सेंक,
पोरी तरह खिला हुआ
उत्तेजना
क्तुम्ब
बैर भावना
चिन्ह
लम्बी साँस लेना
ह्रदय विदारक दृश्य देख मन की दया
अप्रिय बात कहने वाला
चोंच से किया गया प्रहार
जोर से की गयी पुकार (जोर की धाद )
सिलाई , हाथ से की गयी सिलाई
- झ
झंकरि/झाँकरि
झंकर्या
झंकर्या
झाँकरि
झंगझंगो
झंटा /झ्वंटा
झंटेली
झाकंड
झपान
झंपाण
झमपाणी
झल्यारु
झल्व्ती
झटगु
झुळकु
झेंटा
झोंळकंद
झोंळकंद
झ्यूंताळ
झ्यूंताळण
झोप
सिर के लम्बे बाल
लम्बे बालों वाला
मिर्गी की बीमारी
मिर्गी का मरीज
सुस्त
झून्ति
अवैध, जारज
सनक , भावनाओं की लहर
डांडी/पीनस/डोली
डांडी/पीनस/डोली
डांडी/पीनस/डोली उठाने वाले
चूल्हे की आग की लौ पीछे व्यर्थ ना हो रोकने का पत्थर
पागलपन
कांटेदार लकड़ियों का गुच्छा जो मंडुवे के बोने के बाद खेत में प्रयोग होता है
स्त्रियों के सिर में रखने की ओढ़नी
लम्बी बारीक लकड़ी
मायूसी
अन्धेरा
प्रहार , कमजोरी, ठंड के कारण मस्तिक की क्षणिक अक्रियाशीलता
सूं होना
घुंघट
- ज
जनक
जंकरू /जौंळया
जंगजगु/जंगजगो
जंगारी
जंतणु
जन्दा
जजलाट
जड़जड़कार
जड़जडो/जड़जडू
जणगरु/ जणगरो
जणदारु, जणदारो
जतय
जद्यों
जनीत
जफ्फा/जफ्फी
जबराण
जमरकिट्टा
जळकामुंडी
जळगड्ड
जवाती
जवातु
जान्ठी
जाखू
जाकारू
जाजरया
जाबु
झिंगरेण
जिळका
जुड़खु
जुळक्या
जोंगड़ो
जोबरू
जोबा
जंगार
बैलों या घोड़ो के गले की माला
जुड़वां बच्चे
मोती वुधि वाला , सुस्त
जालीदार झोला
जोड़ना, पृथक हुए अवयवों को जोड़ना
ताला
कम्पन, हिलना, भय से अचानक काम्पना
सुखी, कठोर
सुखा, कठोर, जडो से मजबूत हुई
विद्वान्, विशेषग्य
पैदा करने वाला, पिता
नर भैंसा
जै देव , राजवंश और कुलीन वंस वालों के लिए अभिवादन.
भोज में आमंत्रित लोग
मजबूत पकड़
भूस्खलन के बाद पत्थरों से भरी जगह
वस्तु को गहराई में मजबूती से गढ़ने का कार्य
छिपकर बार बार देखने की प्रक्रिया
झीना , पारदर्शी
जौ की पत्तियां
जौ का आटा
लाठी
रोशनदान
बुद्धिहीन
पथरीला
जानवरों का पंजा
गुस्सा होंना
गेंहूँ /धान आदि की कटाई के बाद बचे जड़ें
रस्सी
चंचल
छोटे बच्चों को रखने की टोकरी
मिट्टी या कठ की परोठी
याक
गधेरों में जांघ तक गहरे पानी में लाठी के सहारे पाने के अन्दर अन्दर ही पैरो को सरकाकर चलना
- छ
छंचर
छंछा
छ्न्तोळी
छंवाळ
छकटु /छकटो
छकल्वी
छ्क्कू
छगटण
छ्छल़ोण/छ्याळणु
छsडु /छsड़ो
छपनवास
छपड्वड़ी
छांगण
छारु , छारो
छिर्वणि
छिलबिलू
छिलडेणु
छुचकार
छुदर, छेपरू
छुन्यार
छुंवोदारि
छेपरवाती
छोळया
छ्वैणा
शनिवार
कलंकिनी , चरित्रहीन
रिंगाळ का छाता
अवस्था, पीढ़ी
मौका , अवसर
घरों में छोटा मोटा काम कर जीवन बसर करने वाला
पेटू
ठगना ,ल़े लेना
भेद लेना, पूछताछ करना
झरना, (s = आधी अ )
छुप जना, लुप्त हो जना
पर्याप्त
चुनना , बीनना
राख
कच्चे गूल से रिसता पानी
पतला कपड़ा
छटपटाना
लानत
क्षुद्र
सेवा, टहल करने वाला
वह स्त्री जो नवजात शिशु को सर्वप्रथम छूती है
ओच्चेपन की बातें
वह पशु जिसके दूध में वसा अधिक हो
दूध दुहना
- उ
उनगण
उनगी
उनाणयण
उनौणु
उन्य देसी
उमटाळ
उगाळ
उराडु
प्रसव होना, स्वील होण
प्रसव हो गया
जम्हाई लेना
ध्यान में लाना
परदेसी
उबटन
उबटन
औडळ, झंझावत , आंधी
- अ
अलखणि /उलखणि
ओंजू
ओगरा
औरु
औल़ाण
औळयूँ लगण
औसर
विचित्र , अनोखा, अजीव
संतानोत्पति हेतु एक तांत्रिक क्रिया
ओगरा = पथ्य हेतु हल्का भोजन
बैरु, बहरा
उलाहना
बच्चे का माता पिता के पीछे लगना या जिद करना
नाचने गाने का अखाड़ा
- क
(डा. शिव प्रसाद डबराल का भी मात है की यह प्रथा या शब्द साबित करते हैं की गढ़वाली पहले खस व को भाषा मिश्रित थी)
कंकाली
कणसुणा
कटकटकार
कड़कड़कार
कमचूस
कमोल़ा
करूड़ /करूड़ो
कळखानी
कळदार
कळपणा
कसलो
कांकर
कांडण
काँण
किरचड़
किलबाड़
कुपस्यौ
कुकराण
कुकराण
कुन्नु
कुपाण
कुमलौण
कुरजा
केंटा
केंटि
क्वाणेणु
क्वनका
क्वडया
कोळसांटु
झगडालू
किसी की बात छुपकर सुनना
अत्यंत कठोर
बहुत प्रेत से बेहोश मनुष्य या अत्यंत सख्त
कंजूस
मिटटी की छोटी हांडी
कठोर
झगडालू / कलह की खान
सिक्का
बुरी नजर /किसी के पास अछि चीज देख पाने की कल्पना
तकलीफ
मकान की पहली/दूसरी मजिल की छत का भीतरी भाग
रस्सी बटना
परेशानी
बारीक और छोटा खराब दाने
खूंटा (कीलु)
बुखार का पसीना
कुत्ते के शारीर की गंध
सभा में खि भद्दी या असंगत बात
जाळीदार थैला
बुरी प्रवृति
चापलूसी कर ठगना
कुल्हाड़ी का हथा
लडका
लडकी
उदास होना
खेत में धान का ढेर
दो दीवारों के मिलाने का स्थान , कोर
विवाह की एक प्रथा जिसमे किसी परिवार से बहू लाने के बदले उसी परिवार बेटी ब्याही जाती है
- ख
खंक
खंक
खंकताळ
खंकळ र
खंकळयौ
खंकळयौ
खंकमाळ
खंजरोळ
खंटु
खंणकि
खंतड्या
खमल़ो
खकलाण
खगड़त्या
खच्चा
ख्ज्जन
खड़कील
खडंचा
खड्वानि
खत्वाड़
खपरांत
खबाळ
खरबगनी
खsल़ू
खाकंद
खाकंडी
खाती
खादर
खिरस्यण
खुंगु
खुट्कुलू/ ख्वबडल़ू
खड़बिजु
खुलपिता
खुवा
खुवा
खूसण
खेदकट्टो
ख्यSरा )
ख्वंचि
ख्वमा .
ख्वल़ा /ख्वाळ
कठोर
खरोच
नष्ट भ्रष्ट करना
गैरजिम्मेवार
उत्तरदायित्वहीनता
उत्तरदायित्वहीनता से होने वाली अव्यवस्था
नंगापन , कुछ न रहने की दस
अड़चन
काटे होंट वाला
व्यर्थ ही
जिसने पुराने कपड़े पहने हों
खम्भा
हताश होना, स्तंभित होना
उबड़ खाबड़ , खुरदरा
काम अकल वाला, कार्य में बिघ्न डालने वाला
उन्मूलन, विनाश
जो गाय/भैंस कभी कभी दूध ना दे
घास से ढकी झोपडी
खेतों के आस पास का बंजर क्षेत्र जो घास पनपने के लिए छोड़ा जाता है
खेतों के कच्चे पुश्ते
पथरीली, उबड़ खाबड़ जमीन
फटी हुयी दरार युक्त जगह
चीजों को नष्ट करने वाला
आँगन, चौक
पाखंड
पाखंडी
युधिस्ठिर
नदी किनारे की भूमि
ईर्ष्या करना
खांसी
पानी का छोटा गड्ढा
समूल नष्ट करने की दशा
मा बाप का लाडला
गहरी खाई
काम बिगाड़ने वाला , खोने वाला
=बल झड़ना
ईर्ष्यालु
खेतों के कंकड़ पत्थर, ( छुट छुट र्याड़ )
सिर का पिछ्ला भाग
खेत का वह भाग जहाँ हल नहीं चलाया जा सकता है .
मोहल्ला
- ग
S = आधी अ
गंडखाण्या
गंडखुलै
गजगूर
गट्टू
गट्टू
गमटाण
गरडै
गलफू
गळमारा . गळसट्टी
गाछु
गाटु
गाबल़ू
गुंट
गुजरी -पुन्जरी
गुरख्वळ
गुळया
गैठवा
गैल
गैल्याणी
गो-गिन्ड़ो, ग्वींडा
गौंकारा
गुनखा
गौंथ्यारी
गौंथ्यारी बगत
गौडखी
ग्वस्यार.
स्वादहीन
कर्ज लेते बक्त शाहूकार को थैली की गांठ खोलने के एवज में दी जाने वाली रकम
दुःख की अभिव्यक्ति
टंग (वस्त्र)
जिसमे पानी की मात्र कम हो
दुविधा में रहना
अम्प्लता के करण गले में होने वाली जलन
फुले गाल
कोरी गप्पें
इतिहास, ऐतिहासिक गाथा
धनि, समृद्ध
भेद का बच्चा
सुन्दर, सुडौल
गुजरी -पुन्जरी = परशराम से एकत्रित की थोड़ी सी सम्पति
गुरु गृह , गुरु-मुहल्ला
दरवाजे की चिटकनी
पुत्र
साथ, संगत
सहेलियां
ग्वरबट, संकरा पतला गायों के जाने का रास्ता
किसी काम को करने का साहस
आला
उषा काल में गौमूत्र एकत्रित करने वाली स्त्री
उषाकाल
गाय बांधने का कमरा
हरिजनों की बृति के सवर्ण परिवार जिनसे हरिजनों (लोहार, टमटे आदि) को फसल पर अनाज मिलता था.
- घ
S = आधी अ
घणज
घंमटेण/घंमटयण
घगाड़
घSणकसाल़ा
घमतप्पु
घरबैसू /भितरपैन्छु
घांटी
घाण
घाण
घूंग्यसी
घूंग्यसू
घुंजबैठण
घुग्गी
घुगेर
घुत्तु .
घिंता
घ्यप्सु
घ्वस्याट
घ्वीड्योण
पथरीला स्थान
गले लगाना, आलिंगन
विशेषग्य , चतुर
कष्ट उठाने का साहस
बिना काम काज के धूप सेंकने वाला
गृह प्रवेश
गले की आहार नलिका
एक बार में ओखली में कूटे/चक्की में पीसने लायक वाला अनाज
समूह , टोली
घूमी हुई
घुमा हुआ
घुटनों का काम न करना
सिर ढकने का वस्त्र
पीठ पर बच्चों को ल़े जाने वाला
पत्थर को काट कर बनायीं हुई बडी ओखली जिसमे औरतें पैर धोती थीं .
उत्साहहीन खासकर उद्दंड व्यक्ति जब उद्दंडता चोड़ देता हो
विव्कूफ़,
धीमे शब्दों में की जाने वाली जिद्द , हठ
खदेड़ना , भगाना
- च
चंक/चंख
चंगचंगु
चन्दोया
चकचिमैडु
चकना/चकंदर
चकन्वाति
चग्टा/चकता
चटपट्याल़ू
चड्ला
चढ़गट्युअं
चणक
चणकणु
चन्नार
चरखदु
चळका
चलणपात
चलुणिया
चाचरी
चाड़ा
चाफरा /चाफरु
चिंग
चिंडू
चिंडळ
चिंदरिया
चिड़ो
चिमरताण्या
चिल्सणु
चिसकौण
चिलान्खी
चोमक्या
चोमा
चौंळआ
चौणदु
चौभांण
च्यूंरा
चौसेरू
चौरासी बीती
सतर्क
जो आसानी से न चबाया जा सके
वितान
चमगादड़
छिछोरा , अश्लील हंसी करने वाला
छिछोरापन, हल्की हंसी
शारीर पर चोट आदि के निशान
फुर्तीला, क्रियाशील
मूर्छा.बेहोशी के दौरे
बदमिजाज, चढ़े दिमाग का
क्षणिक उत्तेजना
उत्तेजित होना
पूर्वाभास, चेष्टाओं से पूर्वाभास होना
सतर्क
मुतणि अत्यंत भयभीत होने की दशा
काम धंधा, हाल छाल . कारोबार
सेवक,
बिखेरना
ढलान , चट्टान
बड़ा टुकडा
क्रोधित होने की आदत
परोठी
चिंथड़ा
जूतों वाला
अजगर
दुबला पतला
क्रोधित होना
जलाना
पेड या पर्वत का सर्वोच्च शिखर, शिखर
कम पानी का स्रोत्र
सपोड़ण , सुडकना
नखरे
पहाड़ी धर के ऊपर का चय्रस स्थान
बिलकुल खुला हुआ
झुर्री , शिकन
चार लड़ियों वाला चन्द्रहार
दारूण कष्ट सम्वत चौरासी (सन सत्ताईस में ) गढ़वाल में घोर बिप्पती पड़ी थी.)