अम्यार्त-कद्दू .
लोंकी -लोकी
भट्टा या भट्टू -बैंगन
चेमी -बीन्स
भेंडी -भिन्डी
मर्च-मिर्च
काखड़ी-ककडी
मुंगरी -मकई
गोद्डू-तुरई
पालिंगु-पालक
चहा = चाय
लूण = नमक
बगल = पेड़ की छाल
बात = बड़े नीबू की छाल
हल्मर्च = मसाले
गधू = सीताफल, कद्दू
भुजिल = पेठा
भड्डू = बैगन
जुनह = मक्का, मुगरी, घव्ग
मां - माजी , जिया ,ब्वे
पापा - पापा, प्पा ,
दादा - दादा
दादी - दादी
दीदी- दीदी
जीजा जी- जीजा जी
साला - सियाऊ , सियाला
ससुर - सोरा जी ,
दामाद - जवई
चाचा - चचा
चाची - चची
भांजा - भाण्ड्ज
भांजी - भाण्ड्जि
ताऊ - बाडा जी
ताई - बडी जी ,
मामा , मामी
बुआ - पुफू , बुआ
भाई - भेजी
छोटा भाई - भुला
भाभी - बो जी , भाभी जी
गढ़वाली
छन
तिवारी
भूमडू
कुड़ी-
देळee
खुंटी-
फैडी
द्वार -
मोअर -
मोअरी -
म्यलूट-
काकर -
ढऐपुरु-
बेसान्गडा-
चुल्खान्दा -
खान्दा
चाल या चल
खाल -
कूड़
कमरा
पुंगड़ा /डोखरी
रस्वड़
दिवाल
चौक
छन्नी /गोठ्
खऽण
दोपरू
लारा /कत्ता
चुल्लू
ढुंगु
मऽटु
लकुड़
चदरी
सिरणि
चशमा
बोतल
ल्वट्टा
अन्ध्यर
उज्यल
लैट
थकुल
ह्यून्द
रुड़ि
तौल्या
पौडर
ऐनक
रँग
चटै
खल्ला /खटुल
खातिड़
कमुल
कख
कन च
कबरी बटिन
अबारी
भौल
ब्याली
परछे
सुबेरे
दोपरू
बख्यानी
रुमक
गुल्न-
हिंदी
अस्थायी आवास या पशुशाला जिसकी छत घासफूस की हो
खम्बे दार बरामदे वाला मकान
जमीन पर एक कमरा
“बौंड” या “पांड “ कहते है-दो तल्ले का मकान जिसमे निचले तल को “ओबरा ” उपरी तल को
देहरी
खुंटी-उपरी तल के दरवाजे के सामने सीढ़ी के ऊपर का समतल स्थान
सीढ़ी
दरवाजा
दरवाजा
खिड़की
फर्श
सामान रखने का लकड़ी का टांड
दु छत्ती
तिरछा करना (दरवाजो को )
-चूल्हे के किनारा
-खाना
छोटा तालाब
चाल से बड़ा तालाब
घर :
कमरा :
खेत-खलिहान :
रसोई :
दीवार :
चौक/आँगन : चौक
छन : छन्नी /गोठ्
खाना :
पानी : पाणि
कपड़े :
चूल्हा :
पत्थर
मिट्टी
लकड़ी
चादर
तकिया
चश्मा
बोतल
लोटा
अंधेरा
उजाला
लाइट
थाली
ठंड
गर्मी
तौलिया
पाउडर
शीशा
रंग
चटाई
चारपाई
रजाई
कम्बल
कहां
कैसे हो
कब से
अभी
आने वाला कल -
बीता हुआ कल -
परसों-
सुबह-
दोपहर-
शाम-बख्यानी
रात-
दरवाजो के बीच कुण्डी की तरह इस्तेमाल किये जाने वाला लकड़ी का मजबूत डंडा इसे “थामण” भी कहते है.
हिंदी
नाना जी -
नानी जी-
परनाना -
परनानी -
दादाजी -
दादी जी -
परदादा -
परदादी -
पिताजी -
माता जी -
भाई -
बडा भाई -
बहिन -
बडी बहिन -
साला-
साली -
मौसी -
मौसी(बडी) -
मौसा -
मौसा(बडे)-
मामा जी -
मामी जी-
चाचा जी -
चाची जी -
ताऊ जी -
ताई जी -
देवर -
देवरानी -
फूफू जी -
फूफा जी -
पुत्र-
पुत्री-
छोटी-
बड़ी-
जीजा-
जेठ-
जेठानी-
सौतेली माँ-
सौतेला पिता-
माँ/पिताजी के मामाजी-
माँ/पिताजी की मामी-
पति-
पत्नी-
गढ़वाली
नना
ननि
बुढ़ा नना
बुढ़ि ननि
ददा
ददि
बुढ़ा ददा
बुढ़ि ददि
बुबाजि / बाबाजी
ब्वे /बोई / माँजि/ माँ /माजी
भुल्ला
भाजी /भैजी /दिदा
भुल्ली
दिदि
श्यालऽ
श्याली
कण्सी ब्वे /मौशी
जेठी ब्वे/ जिड़ब्वे
मौसाजि
बड़ा मौसाजी
ममा
मै
चचा/काका
चचि/काकि
बोडा/ब्वाडा
बोडि
द्यूर
द्यूराण
पूफु
ममाजी
नौनु / लाड़ीक/ गैठ्वा / लौड़
नौनि / गैठुड़ि / लौड़ि / ब्येटि
काण्सी
जेठी/ठुल्ली
भेना/जिजा
जिठाणु
जिठाण
मौस्याण ब्वे
कठ बुबा
पुफाजी - बुढ़ाजि
पुफु- बुढ़िजी
कजैं / खसम / मालीक / मन्यारु / मैंस/ आदिम
-कज्याणि / जनानि
हिन्दी
रविवार -
सोमवार -
मंगलवार-
बुधवार -
ब्रहस्पतिवार-
शुक्रवार-
शनिवार-
गढ़वाली
एतवार
सोमवार
मंगल्वार /म्वाटुवार
बुवार
भिप्प्यार
सुक्वार
छंचर
हिन्दी
चैत्र)-मध्य मार्च -मध्य अप्रैल
(बैशाख )-मध्य अप्रैल - मध्य मई
( ज्येष्ठ)-मध्य मई -मध्य जून
(अषाढ़)-मध्य जून -मध्य जुलाई
(श्रावण/ सावन )-मध्य जुलाई -मध्य अगस्त
(भाद्रपद/भादौ )-मध्य अगस्त -मध्य सितंबर
(अश्विन )-मध्य सितंबर-मध्य अक्टूबर
(कार्तिक)-मध्य अक्टूबर-मध्य नवंबर
(मार्गशीर्ष )-मध्य नवंबर -मध्य दिसंबर
(पौष )-मध्य दिसंबर -मध्य जनवरी
(माघ)--मध्य जनवरी-मध्य फरवरी
(फाल्गुन)-मध्य फरवरी-मध्य मार्च
गढ़वाली
चैत
बैसाख
जेठ
असाढ़
सौंण
भादौ
असूज
कातिक
मंगसीर
पूस
माघ
फागुण
हिन्दी
सर :
कंधा :
गर्दन :
हाथ :
पांव :
उंगली :
घुटने :
जांघ :
छाती :
पेट :
सूरत ;
मुंह :
दन्त :
कान :
होंठ :
बाल, केश :
सिर :
गाल :
गढ़वाली
बर्मंड
कंधा
गर्दन
हत्थ
खुटा
अंगुला
घुंडा
जंघा
छाती
लद्वड़
मुख
गिच्च
दांतुड़ी
कन्दूड़
उठड़ी
ल्वटलि(बहु ल्वटला )
कपाल
गल्वड़ी(बहु गल्वड़ा )
गौला
Black - काव पट्ट
White - सफ़ेद पट्ट
Red - लाल पट्ट
Green - हरियाँ जाणी
Yellow - पिंगौव
Blue - निल
Brown - भुर
Pink - गुलाबि
Orange - नारिंग
मुर्खली या मुर्खी (मुंदड़ा)
बाली( बल्ली)
कुण्डल,
कर्णफूल( कानफूल)
तुग्यल/ बुजनी
गोरख
मुनड़,
झुमुक,
टाॅप्स,
लटकन,
नथ(नथुली)
बुलाक
फुल्ली ( लौंग)
गोरख
बिड़
बीरा
घगुले
पौंछि
गुन्ठी( अंगूठी)
धागुल
ठ्वाक
गोंखले
ठोके
चूड़ी,
कंगन,
मुनड़ि
बाजुबंद
कमरबंद,
लटकन,
अतरदान,
सुडी,
कमरज्यौड़ि
मांगटिक,
सीसफूल
बेनी फूल
बंदी( बांदी)
सुहाग बिंदी
झिंवरा
पौंटा
लच्छा
पाजेब
इमरती
पवल्या( बिछुवा)
कण्डवा
अमित्रीतार
पुलिया
चेनपट्टी
बिच्छु
अमरिती
पायल
गिनाल
तिलहरी
चन्द्रहार
हंसूला( सूत)
गुलोबन्द
चरयो
झुपिया
पचमनी
सुतुवा
हुसुली,
मटरमाला,
हमेल,
रुपैमाला,
चवन्नीमाला ,
अठन्नीमाला,
सतलड़ी,
चंद्रहार,
जंजीर,
झुपिया,
मोहनमाला,
कंठी,
मूंगमाला,
जंजीर,
च्यूंच,
पौंला
स्यूण- सांगल
नाना जी-
नानी जी-
परनाना-
परनानी-g
दादाजी-
दादी जी-
परदादा-
परदादी-
पिताजी-
माता जी-
पुत्र-
पुत्री-
भाई [छोटा]-
भाई [बडा]-
बहिन-
बडी बहिन-
जीजा-
साला-
साला [बड़ा]-
साली-
साली [बड़ी]-
मौसी-
मौसा-
मौसी(बडी)-
मौसा(बडे)-
मामा-
मामी-
चाचा-
चाची-
ताऊ-
ताई-
जेठ-
जेठानी-
देवर-
देवरानी-
ननद-
ननदोई-
भाभी-
भांजी
भानजा-
भतीजा-
भतीजी-
फूफू-
फूफा-
बच्चे-
पौते-
पौतियाँ-
पर पौते-
पौतियाँ-
बहु /पुत्र वधु-
जवाईंदामाद
सौतेला बाप-
सौतेली माँ-
पत्नी-
पति-
रिश्तेदार-
अध्यापक-
grand father(maternal)-
grandmother(maternal)-
grand grandfather-
rand grandmother-
grand father(paternal)-
grandmother(paternal)-
grand grandfather-
grand grandmother-
father-
Mother-
Son-
Daughter-
Brother-
elder brother-
Sister-
elder sister-
Brother-in-law-
Brother-in-law-
elder-
Sister-in-law-
Sister-in-law-
aunt (maternal)-
uncle-
aunt-
Uncle-
Uncle-
Aunt-
uncle-
aunt-
uncle-
aunt-
Brother-in-law-
Sister-in-law-
Brother-in-law-
Sister-in-law-
Sister-in-law-
Brother-
Sister-in-law-
Nephew
niece-
Nephew /
niece-
aunt-
uncle-
Children-
Grandchildren-
Grandchildren-
Great grand Children-
Great grand Children-
Daughter-in-law-
-Son -in -law-
Step-father-
Step-mother-
Wife-
Husband-
Distant relatives-
Teacher-
नना-
ननि-
बूढ्ढ नना-
बूढ्ढ ननि-
दद्दा-
दद्दी-
बूढ्ढ दद्दा-
बूढ्ढ दद्दी-
बुबाजि / बाबाजि-
ब्वै / माँजि-
नोन/नोनु-
नोनि-
भुल्ला-
दिदा/दादा/भैजि'-
भुल्लि-
दिदी-
जीजा/भ्येणा-
स्याळु-
जेठ्ठु-
स्याळि-
जेठ्सासु-
मोसी /काण्सी ब्वे-
मोसा-
जेठी ब्वे-
ताऊजी-
ममा-
मामी-
चच्चा-
चच्चि/काकी-
बोडा-
बोडि-
जिठ्ठाजि-
जिठाण-
द्यूर-
द्यूराण-
नणद-
भुल्ला-
बौ/बौजी/भाभी-
भण्जू-
भण्जी-
भतिज-
भतिजी-
फूफू-
ममा-
नना बाल-
नाति –
नातण-
झडनाति-
झड़नातिण-
ब्वारी-
जंवै/जमै-
कठ बुबा-
मौस्याण ब्वै-
कज्याणी/घौरवाली-
कजै/घौरवोल-
स्वारा-भारा-
गुरजि/मास्टर जि-
मावकोटाक बुब
मावकोटेकि आम
बड़ बुब
बड़ी आम
बड़ बुब
बड़ी आम
पड़ बुब
इपड़ आम
बाबू/बौज्यू/बाज्यू
इज/इजा/माँ
च्यल/चियल/लौड
च्येलि/चियेलि
भुला/भुल/भै/भया
दाज्यू/दाद/दा
भुलि/बैनि
दिदी
भिन/जिजा
साव
जियेठ जी
सावी/साईं
जियेठि सावि
कैज/मौसी
काक/मौसा
ठुलिइज/कैज/जेठ्मौशी
ठुलबाबू/ताऊ/जेठ्मौशा
माम/मामू
मामि
काका-काक/चचा
काकी/काकि/चाची
जेठबाबू/ठुलबावू/ताऊ
ठुलि इज
जियाठ ज्यू/जेठ्
जियेठानी/जिठान
दुयोर
द्दोरानी/देवरानि
नद
भुल /भै/भया
भौजी/बौजि
भांजा
भांजी
भतिज
भतिजि
फुफू/पुशयानि
माम/फुफा
नानतिन
नाति
नातिनी
पन नाती
पन नातिनी
ब्वारी
जमै
सौती बाब
सौती मैं
श्येणी/सैनी/घरवावी
घरवाव/मैंस/आदिम
दुराक रिश्तेदार
मासेब
उत्तराखण्ड में मुख्यतः चार बोलियों का चलन है, गढ़वाली, जौनसारी, भोटिया और कुमाऊंनी। इन बोलियों में लगभग समानता है, कुछ शब्द ही अलग हैं, इस टोपिक के अन्तर्गत गढ़वाली बोली के कुछ शब्द और वाक्य दिये जायेंगे। जिससे आप आसानी से इस बोली को बोल और समझ पायेंगे।