• छ- है

  • छंचर- शनिवार

  • छंच्या- छंछ में झंगोरा पकाकर बना द्रव्य भोजन, छंछ से बना भोज्य

  • छंछया- छांछ और झंगोरे में पकाया हुआ भोज्य पदार्थ

  • छंछयाडु- ऊंची खड़ी चट्टान या पहाड़ आदि से नीचे गिरने वाली जलधारा, झरना, जलप्रपात

  • छंटण- छांटना, पसंद करना, चुनना

  • छंटै- छंटाई, छंटनी

  • छंटयूं- छंटा हुआ, आतिचालक, बदमाश

  • छंतळु- छतरी, छता

  • छंवळु- छ्या

  • छंतोळि- माळू के पत्तों और रिंगाल की पतली तीलियां व छोड़ियों से बनाया छाता

  • छंद-अनुकूल समय, सुविधा, सुयोग, बढ़िया स्थिति या मौका

  • छंवाल- अवस्ता, पीढ़ी, हमउम्र

  • छंवाळ्या-अवस्ता, पीढ़ी, हमउम्र

  • छंसेडु- छांच में झंगोर पकाकर बना द्रव्य भोजन

  • छउं- हूं, हैं

  • छकण- भर पेट खाना, पूर्ण रूप से तृप्त होना, धोखा खाना

  • छकण्या- पर्याप्त, भरपेट, पेटू

  • छकल्वी- घर-घर में छोटा- मोटा काम करके पेट पालने वाला

  • छाकौण- छलना, छकाना

  • छक्क- संतुष्ट, तृप्त, पर्याप्त, भरपेट. पेटू

  • छक्कड़- चपत, थप्पड़

  • छक्टणु- ठगना

  • छक्ट- ठग

  • छगोट-पिछड़ा क्षेत्र, पिछडे क्षेत्र का निवासी

  • छछेण्डु- छंछा और झंगोरे में पकाया हुआ भोज्य

  • छछोळनु-भेद लेना, टटोलना, पूछताछ करना

  • छज्जा- बालकनी

  • छटंकि- छटांक भर का, फुर्तिला, तेज

  • छटकणु- छिटकना, फेंकना, छिटकाना

  • छटकौण-छिटकना, फेंकना, छिटकाना

  • छटण- छांटना, अलग करना, हटाना, हटना

  • छट्ट- एकाएक हात से छूटना

  • छट्टि- पतली लचीली छड़ी., लठ्ठी या सोंटी

  • छड़कांडो- चुभा हुआ कांटा, सूक्ष्म कांटा

  • छड़छड़ी- छरहरी,छरहरा

  • छड़ा- झरना

  • छड़ोण- छुडना, हटाना

  • छणकण- थाली बजाना, छनकना

  • छणकौण-छनकाना

  • छणणि- छलनी

  • छणन- छनना

  • छणमण-छनकाना,बजाना, घंटियों आदि की ध्वनि

  • छणमुणी- एक प्रकर का छोटा पौधा जिसकी फलियां सुखने पर बजती हैं

  • छण्यूं- छना हुआ

  • छतराड़ी- भगदड़, बिखरना

  • छन- हूँ, हैं

  • छन्दमन्द- कार्य करने की विशेष युक्ति

  • छन्दियाड़- शौच करने का स्थान, शौचालय

  • छन्न- गौशाला

  • छन्ना- कटोरा

  • छन्नि- गौशाला

  • छपकणु- छिपना, लोप होना

  • छप- छपाक- अच्छी तरह से मिला हुआ, सुयोग, संतुलित मेल

  • छणमुणी- एक प्रकर का छोटा पौधा जिसकी फलियां सुखने पर बजती हैं

  • छण्यूं- छना हुआ

  • छतराड़ी- भगदड़, बिखरना

  • छन- हूँ, हैं

  • छन्दमन्द- कार्य करने की विशेष युक्ति

  • छन्दियाड़- शौच करने का स्थान, शौचालय

  • छन्न- गौशाला

  • छन्ना- कटोरा

  • छन्नि- गौशाला

  • छपकणु- छिपना, लोप होना

  • छप- छपाक- अच्छी तरह से मिला हुआ, सुयोग, संतुलित मेल

  • छपछपो- सही पूरा पहना हुआ

  • छपण- छापना

  • छपलु- समतल, पत्थर

  • छपाक-पानी की हल्की धार, पानी मारने की आवाज

  • छपेली- एक लोक नृत्य

  • छपोड़न- उठा उठा कर पटकना, जोर से धोना

  • छपौण- छपवाना

  • छबलाट- छलकन, समर्थता का आभास

  • छमकोट- ऊनी कोट

  • छमटी-चिबुक

  • छमणाट- चूड़ी या पायल का खनकना, छनकना

  • छमोट- अंजुलि से पानी पीना

  • छम्म- छद्म, बहुरूपिया

  • छरथुपुडु- राख का ढेर

  • छर- राख

  • छरबट्ट- बरबादी, विनाश

  • छरमंडयळि- बिखराव, अस्त-व्यस्त

  • छरमाळु- राख, क्षार

  • छराक- द्रव की तेज धार, पतली और तेज धार

  • छराड़ा- दस्त

  • छरोळि- पानी रंग की होली

  • छलार पानी की लहर, उछाल

  • छलुड़ि- छाला, छले, फफोले

  • छळ- भ्रम, अदृश्य डर भूत-प्रेत आदि से

  • छळेटु- छलने वाला, डराने वाला

  • छळेणु- डरना, भयभीत होना,भूत-प्रेत का डर

  • छळौण- डराना भयभीत करना

  • छळ्योण- हल्के से धोना

  • छवतोळेण- पानी में खेलना, भीगना

  • छसगस- चंचलता

  • छसाक-चुभना, चुभ जाना, जल जाना

  • छसु- खरगोश

  • छपछपी- (तृप्ति, पूर्ण संतुष्टि का भाव)

  • छ्वीबथ-बातचीत

  • छछड़ाट- (झरने का स्वर)

  • छवरा- छापर-अनाथ

  • छंवाळ-अवस्था , पीढ़ी

  • छणमण- (गहनों के बजने की ध्वनि)

  • छबताट- (पानी भरे बर्तन में पानी के छलकने की ध्वनि)

  • छमणाट- (चूड़ियों या गहनों के बजने की ध्वनि)

  • छरपी -गरम राख

  • छर्क्यों,गपोड़ी-गप्प हांकने वाला

  • छणमण-गहनों के बजने की ध्वनि

  • छतरु-छाता

  • छवरा- छापर-अनाथ

  • छवरा- गुर्दा

  • छवरा- गुर्दा

  • छवारा- अनाथ लड़का, बेसहार

  • छकटु /छकटो =मौका , अवसर

  • छकल्वी =घरों में छोटा मोटा काम कर जीवन बसर करने वाला

  • छ्क्कू = पेटू

  • छगटणु = ठगना ,ल़े लेना

  • छ्छल़ोण/छ्याळणु =भेद लेना, पूछताछ करना

  • छsडु /छsड़ो = झरना, (s = आधी अ )

  • छपनवास = छुप जना, लुप्त हो जना

  • छपड्वड़ी =पर्याप्त

  • छ्वैणा = दूध दुहना