भ *


  • भली-सुन्दर

  • भदेलो-कढाई

  • भड्डु, डिगचु, डिगचि-कांसे का बर्तन (डेगची)

  • भदाळु-कड़ाही

  • भड्याना-सिंचित खेतों मैं पौधे लगाने से पहले की तैया

  • भट्याण,भिटयाण-ऊँची आवाज देकर बुलाना

  • भट्टा या भट्टू -बैंगन

  • भड्डू -बैगन

  • भरवाण- (बहुत मजबूत और मोटी चपटी बल्ली जिस पर 'नटै' और 'दार' टिके होते हैं)

  • भचाक- (किसी धातु की वस्तु पर जोर से किसी चीज के लगने की आवाज)

  • भणाक- (दूर से कान में पड़ती ध्वनि)

  • भबड़ाट- (चूल्हे में जलती लकड़ियों से निकलने वाली भर्र-भर्र की आवाज़)

  • भणभणि- (किसी पदार्थ की तीव्र इच्छा)

  • भंकर- खलिहान मे सुखाने के लिए डाला जाने वाला अनाज

  • भंकरी- अनाज रखने का कोठर

  • भंग्ल्वाड- गंदगी फेंके जाने का स्थान

  • भकार-अनाज रखने का कोठर

  • भट्यांण- आवाज

  • भडूळि- हिचकी

  • भड्डु-डेगची, बर्तन

  • भदाळु- लोहे का कड़ाहा

  • भपारू- भाप का झौंका, उबाल

  • भकेंड = किसी हथियार पर लगा हत्था

  • भगन= बर्बाद, उत्तरदायित्यहीन

  • भगनमास = नष्ट भ्रष्ट

  • भटास = प्यास की अनुभूति

  • भणकाण्या = बाध्य होकर

  • भणनु =बखान करणा

  • भताड़ = निट्ठला पति

  • भतेड़ा = व्यर्थ का परिश्रम, कष्ट

  • भन्क्या =मजबूरी में /मजबूर होकर

  • भमाण =उदासीनता, उदासी, सूनापन

  • भम्वार =उठाव , जोश







  • भात - चावल

  • भागुणु-दौड़ना

  • भाभडाट-फडफडाना

  • भारी गरी-बहुत भारी

  • भाण्डा- बर्तन

  • भांडु- बर्तन, पात्र

  • भांडयांण- बिना तेल या धी के अंगारों में भूनना

  • भापारेण- ठांडी आंच में पकाना

  • भांचण =बन्द करणा, इनकार

  • भानण = तोड़ना, नष्ट करना

  • भिरभिरु, चिलसणु-क्रोधित ,आक्रोशित

  • भितेर= अन्दर

  • भिटूलि, भिटुलु, भेटुलु-गुंथी चोटी , वैणी

  • भितर-अंदर

  • भिचोळाभिचोळि- (किसी दरवाजे को जोर-जोर से धक्का देने की आवाज)

  • भिमणाट- (मक्खियों की भिनभिनाहट)

  • भिरंगी- (छोटी-सी बात पर अचानक आने वाला क्रोध)

  • भिग्यूं-भीगा हुआ, गीला

  • भिज्यूं-भीगा हुआ, गीला

  • भितरबैखु-गृह-प्रवेश

  • भिंदु = पत्ते या फल का वृंत

  • भिट्टू = सीढ़ीनुमा खेतों में दो खेतों के बीच की दीवार

  • भिड़ासौड़ = बहुत सारे लोगों का जोर शोर से कार्य करना

  • भिदौण =निशाना मरना, भेदना

  • भीमे - जमीन पर

  • भीडे-सीढीनुमा खेतों के मध्य पत्थरों की कच्ची दिवार

  • भीन = परहेज, भेदभाव , अंतर


  • भुमंडू-गाय भैंसों को रखने वाला कमरा

  • भुम्याळ-गाँव का रक्षक

  • भोळ (आने वाला कल)

  • भुर्त्या (श्रमिक)

  • भुचण, भौंगण-उपभोग करना

  • भुजिल- पेठा

  • भुतगिला-छोटे पेड़ जो पत्तों-शाखाओं से लदे हों।

  • भुकोल = सांयकाल

  • भुचकु =झाडी, झाड़ीनुमा पौधा

  • भुन्नु = जंगली सुअर

  • भूमंडु = एक ही तल वाला मकान (तल मंजिला)

  • भुड़था =बकरियों की देखभाल करने वाला व्यक्ति

  • भुरतु =सेवक


  • भूली-छोटी बहिन

  • भूकण- (भौंकना)

  • भूलिगे- भूल जाना


  • भेरू -भेड़

  • भेव - चट्टान से चीचे का भाव

  • भेरण- (घराट के नीचे लगी लकड़ी जो पानी के वेग से घूमती है)

  • भेतको = मिटटी का छोटा सा तीला

  • भेलकु = अनैतिक गर्भ ठहरना

  • भेलगाळी =बिना किसी का नाम लिए गाली देना


  • भैर-बाहर

  • भैरू-भूत

  • भैरगडडू =व्यर्थ घुमने वाला


  • भोळ, परबात -आनेवाला कल

  • भौंतरेण =आपे से बाहर होंना


  • भेंडी -भिन्डी

  • भौंर-भ्रमर

  • भंकर- खलिहान मे सुखाने के लिए डाला जाने वाला अनाज

  • भंकरी- अनाज रखने का कोठर

  • भंग्ल्वाड- गंदगी फेंके जाने का स्थान

  • भांडु- बर्तन, पात्र

  • भांडयांण- बिना तेल या धी के अंगारों में भूनना

  • भंगेल्डु =गौरैया

  • भांचण =बन्द करणा, इनकार


भ्

  • भ्विमुंडा-एक तला घर

  • भ्यानता-पत्थरों द्बारा निर्मित अस्थायी पुल

  • भ्वीं (जमीन में)

  • भ्नकर = खलियान में सूखने रखा अनाज

  • भ्युंरि = आँखों के आगे छाने वाला अन्धेरा

  • भ्वींता =लकड़ी या रस्सी का पुल

  • भ्वींजु =पूर्व परिचित