प्रत्यय
सम्पादन : भीष्म कुकरेती.
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -20
( Comparative Study of Grammar of Kumauni, Garhwali Grammar and Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages-Part-15 )
गढवाली में प्रत्यय
अबोध बंधु बहुगुणा ने गढ़वाली भाषा में दो प्रकार के प्रत्ययों की विवेचना की है- १-कृत प्रत्यय और २- तद्धित प्रत्यय.
जब कि रजनी कुकरेती ने तीन प्रकार के प्रत्ययों की विवेचना की है-
१-क्रिया प्रत्यय
२- कृत प्रत्यय व
३-तद्धित प्रत्यय
.. . व्याकरणीय दृष्टि व सही प्रयोग की दृष्टि से रजनी की विवेचना तर्क संगत है
*गढ़वाली में प्रत्यय.
१- क्रिया प्रत्यय
धातु में जब प्रत्यय लगते हैं तो क्रिया बज जाय उसे क्रिया प्रत्यय खते हैं
३-तद्धित प्रत्यय
आणु
आणि
आन्दु
अन्दन
ऐगि
एगेन
-खाणु
- कहानी
- खांदु
- खान्दन
- खैगि
- खैगेन
वळु -
अरु -
गुणु -
अङ्गत -
या -
अणि -
याण -
दां -
घौरवळु
म्यारु
दुगुणु
पंगत
दुघर्या
सलाणि
सड़याण
तेरिदां
२- कृत प्रत्यय
जब शब्द कोई संज्ञा , विशेषण या क्रिया विशेषण बनाते है तो वे शब्द कृत प्रत्यय कहलाते हैं
वळु, वळा/ वळी -
अन्दरू/अन्दरा -
आलु/ऐलु -
सार -
एकी-
दिदां -
गिरि -
-खाणवळु, खाणवळा, घटवळी
- खन्दरु/खंदरा
-झगडालू/झगडैलु /बिगडैलु
- मिलनसार
- पकी
- देदिदां
- जैकितैं
-पटवरिगिरि
कृत प्रत्यय -कुछ शब्द भाववाचक संज्ञा बनाते है जैसे
चढ़न से चढ़े (ढ़ +ऐ)
मुतण से मुताड़
गाण से गवय्या
रुण से रुताडु
जग्वळण से जग्वाळ
, हुणमांग, बरज़ात आदि
*कुमाउंनी में प्रत्यय
कुमाउंनी में प्रत्यय
१- संज्ञा संरचक प्रत्यय
अ- स्वदेशी
ब- विदेशी
अ- स्वदेशी
क- स्वदेशी संज्ञा संरचक प्रत्यय
१- संज्ञा संरचक प्रत्यय
अ- स्वदेशी
ब- विदेशी
क- स्वदेशी संज्ञा संरचक प्रत्यय
आद् + अ आद
हांण +आ = हाणा
श्यार + आ = श्यारा
चौथ = इ = चौथि
सफेद + इ = सफेदि
बीश = इ = बीशि
हंश + इ = हंशि
पौंच +इ = पौंचि
झाड + उ = झाडु
परि =उ = परु
बुर = ऐ = बुरै
ढूंढ़ + ऐ = ढुंढऐ
ठंड +ऐ = ठनडै
उखाल = ओ = उखालो
ताल = ओ = तालो
पार + ओ = पारो
गड़ +ओ = गड़ो
लेख + न +ओ = लेखनो
हिट + न + ओ= हिट्नो
पड़ + औ = पडौ
तल् + औ = तलौ
ढोल= क + इ = ढोलकि
ठंड + अक = ठंडक
कुछ स्वदेसी प्रत्यय इस प्रकार हैं
बुड +काल = बुड्याकाल
मल + कोट =मलकोट
नान + तिन =नानतिन
चु+ दान+ इ =चुदानि
खोल + देलि =खोल्देलि
तैल + फाट =तैलफाट
माह + वार +इ = माहवारि
तलि+ शार +इ = तलिशारि
घर +वाल + इ =घर्वालि
घर +वाल +ओ =घरवालो
पी +हर = पीहर
हनों +हार = होनहार
इसी तरह के शब्दों में प्रत्यय हैं -
कुल्लिगिरी , तबलची, हरामजादा आदि
स्वतंत्र प्रत्यय
छाप = खान +ओ = छापोखानो और इसी तरह - बीड़ीबाज, उमेदवार , रन्ग्शाज आदि
ज - किसी रिश्ते का द्योतक - भतीजो/ भतिजि
ट- लिंग बोधक ---- रमटा
बच् + अत = बचत
लग् +अन= लगन
सुहाग = अन = सुहागन
कल् + आट =कल्लाट
नौर+ आट = नौराट
शल्ला + आड़ - इ = शल्याडि
बर + आत= बरात
कह + आन+_ इ = कहानि
लु + आर = ल्वार
घास + आर + इ = घस्यरि
घास + आर + ओ = घस्यारो
निरबट +आर + ओ = निब्टारो
भांग = आल = भंगाल
बोल + आव + आ = बुलाला
शौर = आश =शौराश
कश + इण = इ = कशिणि
लुट + इया =लुट्या
हल + इया= हलिया
बानर + इया = बनरिया
पील + इया =पीलिया
भितर + इया = भितरिया
टहल + उआ = टहलुआ
कट + उआ =कटुआ
कर + ऐठ + ओ =करेठो
बज+ एड़ = बजेड़
कम +एड़ = कमेड़
बद +एत = बड़ेत
कोठो +अर +इ = कोठरि
मिल +आप = मिलाप
भर+ आन + ओ =भरानो
दयोरा +आन = द्यौरान
साल + आन +आ = सालाना
घाणो +एल + घणेल
पंच + ऐत=पंचैत
चुकिलो +ऐन +इ =चुकिलैनि
रख + एल = रखैल
खो + आल +आ = ख्वाला
गौ +आ; +ओ = ग्वालो
बाटो +उल +इ = बाटुलि
दाम + ओड़ +इ दामडि
तिन + ओड + ओ =तिनोड़ो
हाथ = औड़ ओ =हथौड़ो
शिर +औण + ओ =शिरौणो
कट + औट + इ=कटौति
बिछ +ऑन + ओ = बिछौनो
आदिमि+ ऑल + इ = आद्म्यौलि
धींग + ऑल = इ = धिंगयौलि
भेट + ऑल + इ = भेटौलि
बड़ +अप्पन = बडप्पन
बन + आवट = बनावट
गरम + आहट = गरमाहट
शौ+कड़ +ओ = शैकड़ो
गो + ठ =गोठ
बस + ति =बस्ति
शाड़ +न +ओ =शाड़नो
शत +ल़ा = शल्ला
पिछ = वाड़ + ओ = पिछ्वाड़ो
खिल + वाड़ =खिलवाड़
ब- विदेशी प्रत्यय
बाग़ +इचा =बगिचा
जान + कार =जानकार
गम +खोर =गमखोर
*नेपाली में प्रत्यय
नेपाली में प्रत्यय उदहारण
ना --- गार्दैना , खादैना (सभी क्रियाएं )
लाइ - हरुलाई
ल़े - हरुले
बाट- हरुबाट
को - हरुको
मा - हरुमा
ऐ
इन
इस
यो
यौ
एन
एनौ
एनन
चाहि - ठुल़ोचाहि
होला - हाक्नुहोला
वार - आइतवार
आई- हंसाई
इलो- दुधिलो
आरि- भिखारि
एर- भुएर (हू + एर)
आड़ - दिपाड़
चा - क्याहचा
चा - बिराटचा