सम्पादन : भीष्म कुकरेती
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग
( Comparative Study of Grammar of Kumauni, Garhwali Grammar and Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages )
गढ़वाळी में कारक-Cases in Garhwali Language
- कारक
कर्ता
कर्म
करण
सम्प्रदान
अपादान
छटी
अधिकरण
संबोधन
- परमर्ग या विभक्ति
न
तैं, थैं, सणि. सन,
न, से
कु, कुतैं, कुणि, कुण, खुणि
बटि,बटिन, बिटेन , मुंगै, न, चे, चुले
कु, को, का, कि, रो, रा, रि , ऐ, अ, इ,
मा, मद्ये , मांज, मन्जेंन, मुं , पर, उदै, जनै, जथैं,तनै
हे, हलो, ह्यल़े, ह्याजि, अजि !
१- संज्ञा समबन्धित कारक -प्रतिपादक अन्त्य बहुवचन
एक वचन अविकारी कारक
आ;
भाया
ओ
चेलो
-इ; -ए, -ऐ, -ऐं
चेलि
मैं
शै
व्यंजनान्त - उ -औ
गोरु
उगौ
बैग
बात् -
विकारी कारक
आन
भायान
आन
च्यालान
-ईन
चेलीन-
.
.
ऊन
गोरुऊन
.
बैगऊन--
.
संबोधन कारक
औ
भाय्औ !
औ
च्यालौ
-औ
चेलिऔ
मैंईन - (प्राणी वाचक)
शैईन - (अप्राणी वाचक )
औ
गोरौ
उगौऊन ---(अप्राणी वाचक )
बैगौ
बात्ऊन ---(अप्राणी वाचक )
२- सर्वनाम व कारक
अविकारी कारक एकवचन व वहुवचन सर्वनाम
कुमाउंनी में अविकारी कारक एक वचन बहुवचन में परिवर्तित होता है . किन्तु दुसरे के अंतर्गत एक वचन और वहुवचन के रूप समान रहते हैं .
बहुवचन में परिवर्तन होने वाले सर्वनाम
वे जो एकवचन में स्वरांत होते हैं व बहुवचन में ब्यंजनांत हो जाते है - एक वचन क बहुवचन कक में, एकवचन अ बहुवचन अक में बदल जाता है. वैसे हम और हमि भी इसी कोटि में आते हैं जो smay, jati bhed के मुक्त परिवर्तन के उदाहरण
हम -उत्तम पुरुष बहुवचन द्योतक सर्वनाम है
तुम माध्यम पुरुष बहुवचन द्योतक है
एक वचन
उ (वह)
यो (यह)
तो (सो)
को
जो
बहुवचन
उन (वे)
इन (ये)
तिन, तन
कन
जन
कुछ अन्य नियमों के उदहारण
कुछ, शप, आफु
हम , हमुन
तुम , तुमन
उन , उनुन
इन , इनून
हमूनले (हमने ), हमून (हमको)
हमुंका (हमारा) , हमुश (हमको) , हमुकैं (हमको) , हमुकणि
आपुनान (अपनों को )
शबोका (सबका ) , शबाका (सबके) , शबकि (सबकी)
हमोरो, हमारा , हमरी , तुमोरो, तुमारा , तुमरी , इनोरो , इनारा, उनोरी , उनारा, उर्नार,
हम लोगून, हम शब्, हम शबुन , शब् जन, शब जनून
मेरवे (मेरा ही ) , तेर्वे (तेरा ही) , तुमी ((तुम ही) , मैंइ (मै ही ) , उनि (वे ही ) इनी (ये ही ) , हमई (हम ही ) , , उनीर्वे (उनका ही ) , इनौर्वे (इनका ही )
३- कुमाउंनी में विशेषण व कारक
- प्रतिपादक
- विकारी कारक
निको
कर्ता कारक (ले)
कर्मकारक (आश )-
करण
सम्प्रदान
अपादान
छटी
अधिकरण
संबोधन
एक वचन
निकाले
निकाश
निकाक्पिति
निकाखिन
निकाबटे
निकाको
निका
निक-आ !
बहुवचन
निकानले
निकान
निकानक्पिति
निकानखिन
निकानबटे
निकानको
निकान में
निकौ !
इसी प्रकार व्यंजनान्त विकारी बहु वचन में ऊन के पश्चात् कारक परसर्ग जुड़ते हैं
नेपाली कारक
- कारक
कर्ता
कर्म
करण
सम्प्रदान
अपादान
संबंध
अधिकरण
- एकवचन
.
लाइ
ल़े
लाई
बाट
को
मा
बहुवचन
हरु
हरुलाई
हरुले
हरुलाई
हरुबाट
हरुको
हरुमा