चं
चंपत,रफूचक्कर -गायब होना , भाग जाना
चौंरि (चबूतरा)
चौकुलो- (काष्ठ निर्मित चौकी)
चौंतरो/चौंथरो- (छोटा-सा गोल या समतल पत्थर जो प्रायः चंदन घिसने के काम आता है)
चौंरि- (चबूतरा, पत्थरों की चिनाई करके बनाया गया बैठने का स्थान)
चूं-चक्की/कौं-कौं- (एक लकड़ी के ऊपर दूसरी लकड़ी रखकर बनी बच्चों के खेलने की चरखी)
चांट- (बदले की भावना
चंक- सतर्क, चटक, चतुर
चंख-सतर्क, चटक, चतुर
चंगुल- पकड़, जाल
चंट-सतर्क, चटक, चतुर
चंड- तेज, गुस्सैल
चंडाल- दुष्ट, बुरा
चंडी- रोष, दुर्गा
चंदरौळी- बच्चों का गले का हार
चांट- रंजिश रखना, बदले की भावना
चांठ- चट्टान, जंगली गुफा
चांदु- चाहिए
चिंग- झल्लान, झल्लाहट
चिंचोड़न- नाखून मारना, नोकिला चीज से निशान पड़ना
चिंचोड़ा-नाखून मारने के निशान
चिंवाड़ा- झुरियां, सिकुड़न
चींच्याट- पक्षियों की चहचाहट, कलरव
चुंगण- कंजूस, कृपण
चुंट-चोटी, शीर्ष, शिखर
चुंडण- चिकोटी काटना, चिकोटी
चूंच्याट- पक्षियों की चहचाहट, कलरव
चैंणा- चना,चने
चैंणु, चैंदु- चाहिए
चौंकण-चौंक जाना, डर कर उछलना
चौंठ- ठुड्डा, ठुड्डी
चौंतार- चमत्कार
चौंफळा- समूह नृत्य शैली
चौंफाळ- लंबी छलांग
चौंर्य- सब में होशियार बनने वाला
चौंळ- चावल
चौंळा- नखरे
चंक/चंख = सतर्क
चंगचंगु = जो आसानी से न चबाया जा सके