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  • लड़बड़ि-गाढ़ी एवं रसदार

  • लमडण, गिरण, पुतकण-गिरना

  • लमडाण, लमडोण -गिरना

  • लमडाळ, लमडेर-कामचोर

  • लटुलियों मा-बालों में

  • लग्यार-अपनत्व

  • लटुला-लटें

  • लंग्यार- लम्बी कतार

  • लंटांगु- डगमगाने वाला

  • लखी- पखी- दुर्गम या घनधोर जंगल, दूरस्थ स्थान

  • लगड़ि- एक प्रकार की मीठी रोटी

  • लगोठ- बकरी का जवान बकरा

  • लचलचु- चबाने में मुलायम

  • लटुला- सिर के लम्बे बाल

  • लट्टि-सिर के लम्बे बाल

  • लडैं- लड़ाई

  • लदोडि- पेट, उदर

  • लद्वड़-पेट, उदर

  • लद्वडया- बहुत खानेवाला, बड़े पेट वाला, पेटू

  • लम्पसार- टाँगे लम्बी करके लेता हुआ

  • लन्ज्जन= लांछन , कलंक

  • लग्गा = गाँव की सीमा के अन्दर मुख्य गाँव से हटकर वसे कुछ परिवार

  • लग्द - बग्द= जल्दी जल्दी

  • लग्यार = लगाव

  • लदेरू = लड्डू पशु

  • लपराळ =आग की लपट

  • लमाळा =फते पुराने वस्त्र






  • लाद - गोद

  • लाखड़ा-लकड़ियाँ

  • लाखड़ो -लकड़ी

  • लाडा-लाटा-सबसे प्यारा

  • लाख्डा-लकडी

  • लाटो (सीधा-साधा)

  • लाटा (गूंगा)

  • लाखड़ा- (लकड़ियाँ)

  • लाट- (हल पर प्रयुक्त होने वाली लंबी लकड़ी जिसका एक सिरा बैलों के कंधों से बंधे जुए पर तथा दूसरा सिरा हल से जुड़ा होता है)

  • लाटु- बेकार, नालायक, बेवकूफ, उज्जड

  • लिपण- मिट्टी गोबर से फर्श लीपना

  • लींजी /लेंजी = चिपचिपापन


  • लुकारु -दूसरों का

  • लेला-लेना

  • लेटण ,पोडूण-लेटना

  • लैन, छमोर -कतार

  • लैन- लकीर, पंक्ति

  • लोठया-लोटा

  • लोंकी -लोकी

  • लोटया- लोट, लुटिया

  • लौण (लवाई)

  • लौल्याट =जोर की खुजली

  • लूंण - नमक

  • लंठ ,लंठि, टौंटख्या, लंडेरु-आवारा

  • लुंगत्या-पतला

  • लंग्यार- लम्बी कतार

  • लंक/लंख = बहुत दूर

  • लंकोदय = उषाकाल

  • लंगलंगी =पतली व लम्बी

  • लंगसंग =संगति का प्रभाव

  • लंगोडि =ऐसा खेत जो चुअदा कम लम्बा अधिक हो

  • लंठ =बदमाश/उत्तर्दायित्व्हीन


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  • ल्वाठी-सिलिकायुक्त क्ले मिटटी

  • ल्वेड़ी - (सिल पर जिस पत्थर से मसाला आदि पीसा जाता है)

  • ल्यराट- (बकरियों की मिमियाहट)

  • ल्वे -खून

  • ल्वीणि =असह्य दर्द