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पर्या (दही मथने का बर्तन)
पलायन - पलायन
पढ़णू छ, बांचणू छ -पढ़ रहा है
पढ़लो-पढ़ेगा
पढ़ि-पढ़ा
पटासुल्कि- (उंगलियों को मुँह में रखकर जोर से सीटी बजाने की आवाज़)
पपड़ाट- (सूखी पत्तियों में चलने या कागज के हिलने से उत्पन्न ध्वनि)
पाटी- (तख्ती)
पनाळ- (घराट तक पानी पहुँचाने के लिए बनाई गई खोखली लकड़ी)
पनाळा- (घराट की भेरण पर लगे लकड़ी के टुकड़े जिन पर पनाळ से पानी गिरता है और घराट घूमने लगता है)
पराळझड़ी- (छोटी, पतली एवं चिकनी डंडी जो धान की मंडाई के बाद पुआल पर बचे धान को झाड़ने के काम आती है)
परोठो- (दही रखने का लकड़ी का पात्र)
पर्या- (दही मथने के लिए बना काष्ठ पात्र)
पसिणा- (मिट्टी के कच्चे मकानों में कच्चा फर्श डालने में प्रयुक्त मोटे लट्ठे)
पठ्वा- (लकड़ी का बना लम्बा-सा संदूक)
पालिंगु-पालक
पक्ख -आलोचना, टिका-टिप्पणी
पठाल-भवन छादय हेतु पत्थर की पट्टियाँ
पन्यौल-पौना
परछी-परसों
पढ़ायो-पढाया
पच्छी,पच्छि,पिछनै-के बाद ,बाद में
पछाण -पहचान
पणधारी-मकानों के छत से आने वाला बारिश का पानी
पखाण-श्रेय लेना
पट-पुडिये जों-गले लगाना
पठाळ/छपाल- (आंगन में बिछे बड़े टाइलनुमा पत्थर)
पणकट्टा- (पत्थरों की छत पर दो पत्थरों के जोड़ पर रखा गया पतला लंबा पत्थर जो जोड़ पर से पानी को अंदर आने से रोकता है)
पथराड़ो- (पथरीला ढाल)
पळेंथरो/पळ्योण्या- (जिस पत्थर पर दराँती की धार तेज की जाती है)
पराज- (पैर के तलुवों में होने वाली हल्की-सी सरसराहट जिससे यह निष्कर्ष निकाला जाता है कि कोई याद कर रहा है)
पकड्येण- पकड़ा जाना
पकौण- पकाना
पक्कु- मजबुत, पक्का
पक्कैस- मजबूती
पक्ख- टीका-टिप्पणी, आलोचना
पक्यूं- पका हुआ
पखाण- पाषाण, पथरीला
पखाण- कहावत, लोकोक्ति, उक्ति
पखाल- पेचिश, तरल पदार्थ का वेग,उल्टी-दस्त, अतिसार
पगार- मजदूरी, वेतन
पगाळ- उधार
पचकौण- पिचकाना
पच्छामुख-पृष्ठ भाग
पच्छितु, पछ्या, पछौ- देर से होना, पिछड़ी फसल
पच्छयण- पिछड़ना, पीछे हटना
पच्छ्यौण- पिछाडना, पीछे हटाना
पछिम- पश्चिम
पछेति- पीछे की, बाद या देर से बोई हुई( फसल), देर से पकने वाली ( फसल)
पटका, पठुखा- कमरबंद
पटकैकि- पूर्ण रूप से, बिल्कुल ही
पटक्वांस- नीरवाता, स्वब्धता
पटगण- सूखा, दुबला पतला होना
पटासुल्कि- मुंह में उंगली डालकर सीटी मारना
पट्वरि- पटवारी, राजस्वकर्मी
पठवा- लकड़ी का बना संदूक
पठोळि, पठ्वळु- ज्वान बकरी या पशु के लिए नाम
पठौण- भेजना, प्रेषित करना
पड़नाति- प्रपौत्र
पढै- तलीम, शिक्षा
पणायूं- पानी दिया खेत, सिंचित खेत
पण्यों- बार बार प्यास लगना
पतडेण- दबना, कुचला जाना
पतोळन- छोटे बच्चे को बार-बार हाथ लगाना
पतौण- धार तेज करना
पथराड़ा- पथरीला स्थान
पधनचरि- मुखिया का अधिकार क्षेत्र
पधनि- मुखिया की पत्नी
पधान- मालगुजारी वसूल करने वाला, गांव का मुखिया
पनूण-शादी के बाद दूसरी बार ससुराल आना
पयांणु- छेद, छिद्र, सुराख
पयाटू- संदेशवाहक, अग्रगामी
पयौंण- थकावट
परसुन्न- चेतनाशून्य, अचेत
परस्यों- परसों
पराज- हाथ पैर के तलवे में खुजली लगना, किसी के द्वार याद किया जाना
पराण- प्राण, जीवन
परात- परात,बड़ी थाली
परेक- परेग, कील
परेसर- प्रेशर कुकर
परोळि- दही जमाने का पात्र
पर्या- अनुचित, अन्य, पराया
पर्वळि- पतलि महीन झिल्ली
पलटण- पलटना
पलतर- दूसरी ओर
पलिंगु-पालक
पळ्यो- छांच में झंगोर पकाकर बना द्रव्य भोजन
पसकण- रिसना, टपकना
पसळाण-रिसना, टपकना
पसयूड़ा- धमोरियां
पस्यौ- पसीना
पस्यौण-पसीना आना
पस्वा- जिस पर देवता अवतरीत होता है
पयौंण- थकावट
पच्चार =दो टुकडो को जोड़ने के लिए लगा टुकडा
पSजण =दुधारू गाय/भैंस के स्तनों से दूध उतरना
पSजण= धान आदि के पौधों में बाल निकलना
पज्वणि = झंगोरा आदि का मांड
पड़कुंडा =पपड़ी
पड्याळ = काम के बदले काम
पड्वा = गळया= हाल चलाते समय लेटने वाला बैल
पढ़दारु =विद्यार्थी, पढने वाला
पणकुल़ा =मुंह में बार बार पाणी आना
पणग्वड = धान के खेतों की पहली गुड़ाई
पणतरु = अन्न उधार देने की प्रथा जिसमे उधार व व्याज फसल आने के बाद ही वापिस किया जाता है
पणसारु =पानी ढोने वाला
पणसौणु /संतर्योण = समान को व्यवस्थित ढंग से रखना
पनौला/ भ्वीणा = पहेली
पन्नौ= पांडव
पयाणु = छेद
पयाणु =प्रस्थान
पयार = उंचाई पर चारागाह जहाँ पेड ना हों
पराज= पैरों/हथेली पा सुरसराहट जिसका अर्थ की कोई याद कार रहा है
पर्वाण = पर्वी ण, नेतृत्व के गुण वाला, बिना किसी के कहे कार्य में पहल करना, पहल कनरे वाला
पळछण =तराशना
पलास = सहलाओ
पसाळउ =हल्का प्रकाश
पस्तौ= मृतक के सगे स्म्बंधिय्यों को सम्वेदना देना, कन्डोलेंस
पांगु, पांगो- दलदल, कीचड़
पांड- मकान की ऊपरी मंजिल का बरामदा
पांडौवार्त- पांडवों की कथा, वार्ता
पाथो (लगभग दो किलो का मापक)
पाड -पहाड़
पाख -पर्वत का ढाल
पार वालूकु -सामने वालों का
पाणी - पानी
पातु- (पंदेरे में कपड़े धोने का पत्थर)
पात, लाबो (बड़ा पत्ता)-पत्ती
पाणि- पानी
पाळ, दिवाल-दीवार
पाटण- भरना, पाटना
पाटि- लिखने की तख्ती
पाठळ- बड़ी दराती
पाण- धारा चढ़ाना
पातु- धराट का पत्थर
पालसि- भेड़ पालक
पावण- मेहमान
पास्ति- शपथ, सौगंध
पाडु = वस्तु विनियम में ड़ी जाने वाली अतिरिक्त वस्तु/ धन राशि
पाण = दराती आदि की धार
पाण= आदत , (सुपाण =भली आदत, कुपाण= बुरी आदत )
पातडि = पिछले कारनामे
पिंगळा- पीले
पिंगळि, पिंगळु- पीली, पीला
पिंडाळु- अरबी
पिंसन- पेंशन, सेवा मुक्त उपरांत वेतन
पिंसल- पेंसिल
पिठ्याँ = तिलक
पिसू- आटा
पिचास-स्त्री के रूप वाला भूत
पिलायो-पिलाया
पिपड़ाट- (सूखी फलियों से दाना निकालते समय उत्पन्न होने वाली ध्वनि)
पिचकण- पिचकाना
पिचकाणु- पिचकाना
पिठाळु- रिंगाळ की ढक्कन वाली टोकरी
पितपितु- नरम, अधिक पका हुआ फला
पित मोर्यूं- मुरझाया हुआ
पितळण्यां- पीतल के रंग का
पिनस- नाक संबंधी बीमारी
पिरथि- पृथ्वी
पिरपिरि- नाराजगी, गुस्सा
पिरपिरु- नाराज
पिरुळ- चीड़ की सूखी पत्तियां
पिरोळन- दबी चीज को उधेड़ना, अव्यवस्थित करना
पिलत्यण- मुरझाना, कुम्हलाना
पिलस्यण- तनावग्रस्त होना
पिलाण, पिलौण- पिलाना
पिल्थि- क्रोध, चिढ
पिळचण- पीछे पड़ना, काम में जुटना
पिळचाणु, पिळचैण- उकसाना, प्रेरित करना
पिसण- पीसना
पिसाड़- एक चारा धास
पिस्यूं- पिसा हुआ
पिचग्व़ाण/बिखल़ाण =किसी खाद्य पदार्थ से होने वाली अरुचि
पिठा लोटी = आगे पीछे के भाई-बहन
पीठें-शगाई
पीण-पीना
पीठया = सहोदर
पुठ -पीठ
पुराणो (पुराना)
पुज्यूंन - पहुचना
पुणयाँ,पणयाँ-सार-फटक कर साफ किए हुए
पुर्चा- (पठार वाले मकानों में बल्लियों के ऊपर घने बिछाए जाने वाले फट्टे जिन पर मिट्टी और पठाल रखते हैं।)
पुळ्याट- (प्रसन्नता, आल्हाद)
पुल्टा - गंजमंज -उल्टा
पुछड़ो (पु०), पुछड़ि (स्त्री०) -पूंछ
पुळकण- प्रसन्न होना, पुलकित होना
पुरु- पूरा , पूर्ण
पुच्याडु =पानी रोकने हेतु अव्यवस्थित प्राकृतिक या मनुष्य कृत घास फूस का अवरोधक
पुणन/ पूण =भुसयुक्त अनाज को सिर से ऊँचाई से गिराना जिससे भूसा उड़ जाय/ बथौं लगना
पूळा, पूळो- गट्ठर
पूळि- छोटे गट्ठर
पूस- पौष, एक हिंदू माह का नाम
पेट टूटण-गर्भपात होना
पेशगी-अग्रिम
पेण्या-पीने योग्य, स्वच्छ
पेटरौण = गर्भ ठहरना
पेवण्या = चारा या घास जो पशुओं को दूध दुहने से पहले दिया जाता है
पैली-पहला
पैली-पहले
पैलिन-मिल जाना
पैटा -थकान लगना
पैली दां-पहली बार
पैदेस-पैदाइश, उत्पत्ति
पैनोण, पैरोण- पहनाना
पैन्योण, पैनोण- पैना करना, धार तेज करना
पैरवार- पहनावा
पैल्यो- पहले का, पुराना
पैलोठ /पैलि पैणि =प्रथम बार बच्चा जनने वाली गाय/भैंसी
पैसार/पैसुक =फैलाव
पोटगा , पुटग , लद्वड़, प्यट-उदर
पोतळि -तितली
पोखुर- पंख
पोळेञचु = परेशानी में डालने वाला कार्य, कलंक, आरोप, बकाया
पौंणा-मेहमान ,बाराती
पौन्छयूँ, बढयूँ-उन्नत
पौन्छ्युं, बढयूं-अग्रवर्ती
पौड़- (पत्थरों की पहाड़ी
पौंछण- पहुंचना
पौंछाण- पहुंचाना, भेजना
पौंणि- स्त्री मेहमान
पौंणै- मेहमानवाजी
पौंछा/पौंठा = कलाई
पौंडळ = जवान भैंसी
पौंळ्या= जवान पशु
पौडि /फैडि (ड़ + इ ) =सीढ़ी
पौणखि =दावत
पिंगळा- पीले
पिंगळि, पिंगळु- पीली, पीला
पिंडाळु- अरबी
पिंसन- पेंशन, सेवा मुक्त उपरांत वेतन
पिंसल- पेंसिल
पाँख-पंख
पंगाणा-बसात मैं सिंचित भूमि मैं पानी भर जाना
पांग-उपजाऊ जलोढ़ मिटटी
पंख्यूड़, पंखुर -पंख
पंखि- ऊनी शॉल, चादर
पंच- पंचायत, सदस्य
पंचंमि- पंचम तिथि
पंचनामा- पंचों द्वारा किया निर्णय या दस्तावेज
पंचफैसला- पंचों द्वारा किया निर्णय या दस्तावेज
पंचार- सिंचित भूमि
पंचैत- पंचायत
पंचैति- पंचायती, सार्वजनिक
पंचोळ- शिशु जन्म का पंचवा दिन
पंजर- कंकाल, हड्डियों का ढांचा
पंजल- समूह, संगठन
पंजोई- मध्यस्थ, संभालने वाला
पंडा- तीर्थ स्थानों के पंडित
पंदाळ- पानी के घराट की भेरण तक पानी लेजाने के लिए बनाया गया लकड़ी का परनाला
पंदेरा, पंदरू- पनघट
पंदेरू- पानी का स्रोत, पानी भरने का स्थान
पंधारि- स्रोत से पानी लाने वाली महिला
पंवाड़ा-वीर गाथा या गीत
पंदेरु-पानी का स्त्रोत, पानी भरने का स्थान
पौंछण- पहुंचना
पौंछाण- पहुंचाना, भेजना
पौंणि- स्त्री मेहमान
पौंणै- मेहमानवाजी
पांगु, पांगो- दलदल, कीचड़
पांड- मकान की ऊपरी मंजिल का बरामदा
पांडौवार्त- पांडवों की कथा, वार्ता
पंख्यूड़ = पंख
पंचघेता= किसी के व्यक्तिगत कार्य में दिया जाने वाला श्रम सहयोग जैसे धाण सहयोग करने के एवज में सहयोगी के खेत में धाण करणा
पंचर = सिंचित भूमि
पंचारन =ललकारना
पंज्वे, पंजोइ = पंचायत करने वाला , समझौता करने वाला मध्यस्थ
पुंजळु =समूह
प्
प्यूंसा -(पशु का प्रथम दूध)
प्वांऽ- (बस के हाॅर्न की आवाज)
प्यींप्याट- (छोटे बच्चों के रोने की आवाज़)
प्वथल्या =पक्षी प्रेमी
प्वथल्या= बच्चों का प्रिय या निक नाम
प्यSडा =सुटक या बर्जात वाले परिवार
प्वंस =ऊँचे स्थान पर होने वाली वर्षा