खि

  • खिकचाट-अनर्थक,हंसी बेवजह हंसी

  • खिकताण-उन्मुक्त हंसी, ठहाका, खिलखिलाहट

  • खिकरण्या- गर्म मिजाज वाला, गुस्सैल

  • खिकराण-मिर्चि या धूल आदि से गले में जलन या खराश

  • खिकलाट-अनर्थक हंसी, बेवजह हंसी

  • खिकल्वाट- अनर्थक हंसी, बेवजह हंसी

  • खिखोल- उन्मुक्त हंसी, ठहाका, खिलखिलाहट

  • खिगताट- उन्मुक्त हंसी

  • खिचडयूं- बिगड़ैल, शैतान, ओछा

  • खिज्ज- खीज, झल्लाहट, झुंझलाहट

  • खिटाण- उबाल कर गाढा करना

  • खिटौण- उबाल कर गाढा करना

  • खिट्ट- अरुचि, घृणा

  • खिट्टु- अरुचि, घृणा

  • खित्त- एकाएक हंसी

  • खिपोण-काम आना , खपना, पूरा होना, समायोजित करना, मिलाना

  • खिरस्याण-ईष्या ,जलन ,द्वेष की भावना

  • खिरीज-रोजगारी,खुले पैसे,सिक्के

  • खिलपट-प्रसन्न,खुश

  • खिलोण्यां-खिलौना

  • खिल्वार-खिलाड़ी

  • खिक्ल्वाट, खिकलाट-अनर्थक हंसी

  • खिट्ट,खिटटू-अरुचि

  • खिकताट, खिकताण , खिखोला-उन्मुक्त हंसी

  • खिक्ल्वाट, खिकलाट-अनर्थक हंसी

  • खिकचाट- (व्यर्थ की हँसी)

  • खिकताट- (उन्मुक्त हँसी)

  • खिबच्याट- (पक्षियों का कलरव)

  • खिबळाट- (पानी के खौलने की ध्वनि)

  • खिट्ट,खिटटू-अरुचि

  • खिकरण्या -गुस्सैल , गरम मिजाज वाला

  • खिकताट, खिकताण , खिखोला-उन्मुक्त हंसी

  • खिटका – कस्ट

  • खिल्पत- खिलखिला कर हँसना, प्रसन्न मुद्रा में

  • खितडक – अकस्मात मृदू हास

  • खिकताट – रह रह कर हसना

  • खिकोला - कहकहे (उन्मुक्त हंसी )

  • खिटका – कस्ट

  • खिल्पत- खिलखिला कर हँसना, प्रसन्न मुद्रा में

  • खितडक – अकस्मात मृदू हास

  • खिकताट – रह रह कर हसना

  • खिकोला - कहकहे (उन्मुक्त हंसी )

  • खिकराण- मिरचो के जलने की गंध

  • खिरस्यण =ईर्ष्या करना