खा
खा-खाने के लिए कहना
खांकर-पशुओं के गले में बांधी घंटी
खाणु-खना, खाना, भोजन
खांद-चूल्हे के आजू-बाजू की उठी हुई जगह
खांदु- चूल्हे के आजू-बाजू की उठी हुई जगह
खांसण- खांसना
खाकण्ड- पाखंड
खाजा-धान या गेहूं से बना चबेना
खाड-गड्ढा
खाडु- मेंढा
खाणु-खाना
खाब-मुंह,मुख
खाबळि-जानवरों को पकड़ने को बनाया गड्ढा
खार- ईष्या ,जलन ,द्वेष की भावना,
खार्यों-काफी,पर्याप्त
खाळ-कुंड,तालाब, पहाड़ों पर समतल स्थान
खाणु, खाणपाण, खाणुपीणु-आहार, भोजन
खाणू छ -खा रहा है
खायि-खाया
खालो-खायेगा
खाण -खाना
खार (20 द्वौण का मापक)
खाणु, खाणपाण, खाणुपीणु-आहार, भोजन
खार ,खिस्याण-ईर्ष्या
खारु ,मंजणु-कंगाली
खाती – अर्जुन का एक उपनाम,
खाडू- नर भेड़
खाटोलु – खटोला
खार - अनाज का माप ( २० दोण की एक खार )
खार्यो- बहुत सारा
खाड- दफनाने के लिए बनाया खड्डा
खाड भरनू – दफनाना
खार खाणु- किसी से बहुत नाराज होना
खाब, खाब्डू- मुह
खान्दरा . खान्दा- आला
खाती – अर्जुन का एक उपनाम,
खणयोणु- उलटना, डालना , गिराना
खस्ताळ- खस्ता हाल
खलगड्डी- खाल
खल्ला - खाल
खम्मा - खम्भा
खाड- दफनाने के लिए बनाया खड्डा
खाड भरनू – दफनाना
खार - अनाज का माप ( २० दोण की एक खार )
खार्यो- बहुत सारा
खार खाणु- किसी से बहुत नाराज होना
खान्दरा . खान्दा- आला
खाटोलु – खटोला
खाणु-पिणु -खाना-पीना
खाडू- नर भेड़
खाणु-खाना
खाब, खाब्डू- मुह
खातड़ -रजाई
खाकंद = पाखंड
खाकंडी= पाखंडी
खाती = युधिस्ठिर
खादर= नदी किनारे की भूमि