ख*

  • खंक-शुष्क,कठोर

  • खंकर-पशुओं के गले में बांधी घंटी

  • खंकरू-बलगम,कप

  • खंकळ-गैर जिम्मेदार ,उत्तरदायित्वविहीन

  • खंकारू-बलगम

  • खंक्वाळ- मुंह भरकर

  • खंखोळण-खंगालना, बर्तनों को साफ कर पानी से धोना, उलट-पुलट करना ,ढूंढना ,छानना

  • खंटु-कटे होंठ वाला,खंडित

  • खंड ओबर-भूतल से नीचे बना कमरा

  • खंडकि-टुकड़ा, आधा टुकड़ा

  • खंड- भंड-उथल-पुथल,नष्ट भ्रष्ट,टूटा फूटा

  • खंडु-कटे होंठ वाला,खंडित

  • खंड्वार-खंडहर ,उजड़ा हुआ घर

  • खंतड़ा-ओढ़ने का गर्म वस्त्र, रजाई

  • खंतड़ु-ओढ़ने का गर्म वस्त्र, रजाई

  • खंदरौळ-बिगाड़ना,उलट-पुलट करना

  • खंदाक-चोट,जमीन पर फावड़े से आदि

  • खंदेड़ो-मोटा चौड़ा पत्थर (पठाळ)

  • खंदेर-खाने पर आने वाला (पौणु)

  • खंद्वर्या-काम बिगड़ने वाला

  • खंद्वार-खंडहर,उजड़ा हुआ घर

  • खंपा-तिब्बती की एक जाति

  • खकटाण-जाड़े से कांपना

  • खकड़ाट-घसीट ने की आवाज

  • खकलाट-पानी के बहाव की ध्वनि

  • खकलाण-स्थापित होना, हताश होना

  • खकोड़न-घसीटना,जबरन खींचना

  • खक्वाल-मुंह भर कर, जितना मुंह में समा सकें

  • खखड़ाट-घसीट ने की आवाज

  • खखलाट-पानी के बहाव की ध्वनि

  • खखळौण-बर्तन में पानी डालकर साफ करना

  • खगास-खोज, ढूंढ

  • खच-खच-किसी वस्तुओं के जोड़ों का ढीला होना

  • खच-पच-किसी वस्तुओं के जोड़ों का ढीला होना

  • खचरड्या-अड़चन कारी ,बाधा डालने वाला

  • खचर-पचर-कुछ ना कुछ करते रहना

  • खचरव्ड्या-अड़चन कारी ,बाधा डालने वाला

  • खचराट-गड़बड़,बाधा,झमेला,अड़चन

  • खचरोड़-आपत्ती अड़चन बाधा

  • खचाक-शस्त्र का प्रहार

  • खचुड़ा-छेड़खानी

  • खचुण्डा-कलह, क्लेश

  • खच्वरा-निरर्थक बातें या एक ही बात करने वाला, फुंसी या घाव या शरीर को छेड़ना

  • खजरोळ-विघ्न बाधा अड़चन

  • खजि-खुजली होना

  • खज्यालि-खुजली

  • खज्योण-खुजलाना

  • खटकण-खटकाना शंका होना मन मुटाव होना आपस में टकराना या भिड़ जाना

  • खटकु-खतरे का पूर्व आभास

  • खटखटाक-तुरंत, एकदम से

  • खटखुटु-साफ साफ, स्पष्ट

  • खटगण-खटकाना शंका होना मन मुटाव होना

  • खटपट-मन मुटाव, अनबन

  • खटमिठ-खट्टा-मीठा

  • खटराग-आडंबर,दिखावा,व्यवधानकारी बातें करना

  • खटलि-खाट,चारपाई

  • खटलु-खाट,चारपाई

  • खटाखट-फटाफट ,शीघ्र अति शीघ्र

  • खटै-नींबू संतरे आदि से बनी चाट

  • खड़खाड़ि-सीधी खड़ी, स्पष्टवादी

  • खड़खडु-निश्चल,स्पष्टवादी

  • खड़छां-घास की झोपड़ी

  • खड़जंग-बाधा,विघ्न

  • खड़बट्ट-किसी सख्त वस्तु के गिरने की आवाज

  • खडवळु-गड्ढा, खड्डा

  • खड़ाखाड़ि-तभी, तुरंत

  • खड़िक-चारे वाला एक पेड़

  • खड़ु-खड़ा होना

  • खड़ों-काठ की बनी पादुका, खड़ाऊं

  • खड्यूण-गड्ढे में दबाना

  • खण्मण-घंटे की ध्वनि

  • खणसोळेण-बने बनाए काम का बिगड़ जाना

  • खाणि-कभी ये कभी वो, या तो

  • खणिक्या-ना जाने क्या,कुछ और ही, अस्पष्ट,अजीब सा

  • खण्न-खुदाई करना,खुदना

  • खण्यौण-उंडेलना

  • खत-गिराना,गिरना,बर्बादी

  • खतपत-बराबरी,इधर उधर गिराना

  • खतेणु-गिराना,गिरना,बर्बादी

  • खत्यूं-गिरा हुआ,बेकार,बर्बाद, नीच

  • खदबद-खानपान,दावत

  • खदर-बदर-उल्टा-पुल्टा,चहल-पहल

  • खदळ- बदळ-उल्टा-पुल्टा,चहल-पहल

  • खपण-काम आना ,खपना पूरा होना, समायोजित करना ,मिलाना

  • खप्योण- खपाना,जगह भरना

  • खबड़ाट-वस्तुओं के गिरने से उत्पन्न आवाज

  • खबतोळा-वाद-विवाद

  • खबरदार-सावधान,सतर्क

  • खबसौण-बदन पर हौले से हाथ फिर आना

  • खबाड़-मुंह

  • खबेस-भूत, राक्षस

  • खमकौण-पिटना,मारना

  • खमखमौ-पक्का,अविचलित, दृढ़

  • खमणांट-बर्तनों की टकराने की ध्वनि

  • खमसम-पूरा भरा हुआ

  • खमांर-बर्बादी

  • खमोस-नाराज,शांत

  • खरखरि-खरास

  • खरडु-वनस्पतिविहीन स्थान

  • खरबट-बर्बादी,नशा

  • खरसण्या-रुखा, निष्ठुर

  • खरसोड़न-साफ करना,रगड़ना, खुरचना,खुरचकर

  • खराब-बुरा,दुष्ट,बेकार

  • खरू-सच्चाई,ईमानदार,खरा

  • खरेण-बादलों का हटना ,आसमान साफ होना

  • खरोड़-खरोंच

  • खरोळ-मिलना,हिलाना ,द्रव्य आदि में

  • खर्क- अस्थाई गौशाला, पड़ाव

  • खलण-तेज सांसे चलना,धड़कन बढ़ना

  • खलास-समाप्त,खाली,खत्म

  • खलु-आंगन,चौक

  • खलौ-तेज सांसे चलना,धड़कन बढ़ना

  • खल्याण-खलिहान

  • खळकाणु-उड़ेलाना

  • खळकौण-उड़ेलाना

  • खळखळु-चिकना,जो भरोसेमंद ना हो

  • खळचट-अविश्वसनीय,गैरजिम्मेदार

  • खळबट-एकदम,तुरंत

  • खळबळि-हलचल,जल्दबाजी

  • खळाखळ-लगातार,निरंतर

  • खवाण-खिलाना,पोषण करना

  • खवौण-खिलाना,पोषण करना

  • खसकण-खिसकना,चुपके से निकल जाना

  • खसकौण-खिसकाना

  • खसम-मालिक,पति

  • खसोड़-लूट,ऐंठ

  • खसोड़न-लूटना,ऐंठ लेना

  • खस्या-खस जाति का

  • खत्यूं,गळतु, अकारथ-अकमर्णय , बेकार

  • खटलि- खाट, चारपाई

  • खल्ला, खलड़ो-त्वचा

  • खड़ होण-खड़ा होना

  • खलचट, अजमत-अविश्वश्नीय

  • खमखमौ-अविचलित

  • खतिर -खिजमत ,आवभगत

  • खप्योण-उपयोग करना

  • खळु, चौक ,थाड़.-आंगन

  • खचरडूया-अड़चनकारी

  • खलचट-अजमतअविश्वश्नीय

  • खज्याळि- (खुजली)

  • खुद- (किसी प्रियजन या अपनों से दूर रहने पर होने वाली उदासी भरी व्याकुलता)

  • खुरखुरि- (प्रतिशोध की भावना

  • खेद्द- ईर्ष्या, जलन)

  • खटुलो/सांग- (शव को ले जाने वाली लकड़ी)

  • खकड़ाट- (किसी वस्तु को घसीटने की ध्वनि)

  • खबड़ाट- (दरवाजे या बर्तनों के बजने की ध्वनि)

  • खमणांट- (बर्तनों या 'खांकर' के बजने की ध्वनि)

  • खलाट- (तेजी से चलने वाली साँस की आवाज़)

  • खबताट/छबताट- (आधा भरे बर्तन में द्रव के हिलने की ध्वनि)

  • खड़िंजा- (रास्ते को बनाने में खड़े लगाये गए पत्थर)

  • खरड़- (मसाले या दवाई पीसने का पात्र)

  • खतिर -खिजमत -आवभगत

  • खमखमौ-अविचलित

  • खळु, चौक ,थाड़.-आंगन

  • खत्यूं,गळतु, अकारथ-बेकार ,अकमर्णय

  • खचरडूया-अड़चनकारी

  • खबड़ाट-किसी वस्तु के गिरने की आवाज

  • खप्योण-उपयोग करना

  • खळकाणु,खळकौणु-उंडेलना

  • खलाई- खिलाया , भोजन का खर्चा

  • खत्यो-गिर जाना

  • खरक /मरडा-वनों मैं भैंसों के ऋतू कालीन भूमि

  • खणयोणु- उलटना, डालना , गिराना

  • ख़मलटू- खम्भा

  • खल्ला - खाल

  • खजांचि-कोषाध्यक्ष

  • खड- खर पतवार. कूड़ा

  • खबासिन- खवास , दासी

  • खरोड़नु – नुकीली वस्तु से कुरेदना , निशाँ बनाना

  • खणन- खोदना

  • खन्द्वार- खंडहर

  • खलाई- खिलाया , भोजन का खर्चा

  • खन्द्वार- खंडहर

  • खल्याण(चौक)-आँगन

  • खचरवालू-खच्चर वाला

  • खणन- खोदना

  • खणी- खोदा

  • खणीक - खोदकर

  • खस्ताळ- खस्ता हाल

  • खलगड्डी- खाल

  • ख़मलटू- खम्भा

  • खम्मा - खम्भा

  • खटगण, खटकण -खटकना

  • खळकाणु,खळकौणु-उंडेलना

  • खणी- खोदा

  • खणीक - खोदकर

  • खणि-कभी

  • खत,खतेणु-गिरना ,गिराना , बरबादी

  • खलचट-गैरजिम्मेदार

  • खडयोणु- दफनाना

  • खटकाण- मट्ठा की गंध

  • खडवळु-गड्डा, खड्डा

  • खकोड़णु- घसीटना

  • खटकर्म- विभिन्न यत्न

  • खड़ाखड़ीं- खड़े खड़े, अचानक

  • खर्योणु- भागना जूते से पीट कर या राख फ़ेंक करखयेणु- लड़ना , कुत्ते बिल्लियों का आपसे में लड़ना

  • खपरु – खप्पर

  • खनखल- दुष्ट, उच्रन्खल

  • खन्द्रोल्नु- कुरेदना ,

  • खग्वाली – हंसुली( गले का जेवर)

  • खत या खतांक – घाव

  • खर्योणु- भागना जूते से पीट कर या राख फ़ेंक कर

  • खकोड़णु- घसीटना

  • खटकर्म- विभिन्न यत्न

  • खडयोणु- दफनाना

  • खटकाण- मट्ठा की गंध

  • खरोड़नु – नुकीली वस्तु से कुरेदना , निशाँ बनाना

  • खपरु – खप्पर

  • खयेणु- लड़ना , कुत्ते बिल्लियों का आपसे में लड़ना

  • खनखल- दुष्ट, उच्रन्खल

  • खबासिन- खवास , दासी

  • खड- खर पतवार. कूड़ा

  • खत या खतांक – घाव

  • खग्वाली – हंसुली( गले का जेवर)

  • खन्द्रोल्नु- कुरेदना ,

  • खड़ाखड़ीं- खड़े खड़े, अचानक

  • ख्ड़याना - गाड़ना

  • खतुड़वा-उत्तराखंड के पूर्वी अंचल में असोज कि कन्या संक्रांति मनाया जाने वाला पर्व

  • खमल़ो = खम्भा

  • खकलाण =हताश होना, स्तंभित होना

  • खगड़त्या = उबड़ खाबड़ , खुरदरा

  • खच्चा = काम अकल वाला, कार्य में बिघ्न डालने वाला

  • ख्ज्जन = उन्मूलन, विनाश

  • खड़कील =जो गाय/भैंस कभी कभी दूध ना दे

  • खडंचा =घास से ढकी झोपडी

  • खड्वानि = खेतों के आस पास का बंजर क्षेत्र जो घास पनपने के लिए छोड़ा जाता है

  • खत्वाड़= खेतों के कच्चे पुश्ते

  • खपरांत = पथरीली, उबड़ खाबड़ जमीन

  • खबाळ = फटी हुयी दरार युक्त जगह

  • खरबगनी= चीजों को नष्ट करने वाला

  • खsल़ू = आँगन, चौक


  • खा-खाने के लिए कहना

  • खांकर-पशुओं के गले में बांधी घंटी

  • खाणु-खना, खाना, भोजन

  • खांद-चूल्हे के आजू-बाजू की उठी हुई जगह

  • खांदु- चूल्हे के आजू-बाजू की उठी हुई जगह

  • खांसण- खांसना

  • खाकण्ड- पाखंड

  • खाजा-धान या गेहूं से बना चबेना

  • खाड-गड्ढा

  • खाडु- मेंढा

  • खाणु-खाना

  • खाब-मुंह,मुख

  • खाबळि-जानवरों को पकड़ने को बनाया गड्ढा

  • खार- ईष्या ,जलन ,द्वेष की भावना,

  • खार्यों-काफी,पर्याप्त

  • खाळ-कुंड,तालाब, पहाड़ों पर समतल स्थान

  • खाणु, खाणपाण, खाणुपीणु-आहार, भोजन

  • खाणू छ -खा रहा है

  • खायि-खाया

  • खालो-खायेगा

  • खाण -खाना

  • खार (20 द्वौण का मापक)

  • खाणु, खाणपाण, खाणुपीणु-आहार, भोजन

  • खार ,खिस्याण-ईर्ष्या

  • खारु ,मंजणु-कंगाली

  • खाती – अर्जुन का एक उपनाम,

  • खाडू- नर भेड़

  • खाटोलु – खटोला

  • खार - अनाज का माप ( २० दोण की एक खार )

  • खार्यो- बहुत सारा

  • खाड- दफनाने के लिए बनाया खड्डा

  • खाड भरनू – दफनाना

  • खार खाणु- किसी से बहुत नाराज होना

  • खाब, खाब्डू- मुह

  • खान्दरा . खान्दा- आला

  • खाती – अर्जुन का एक उपनाम,

  • खणयोणु- उलटना, डालना , गिराना

  • खस्ताळ- खस्ता हाल

  • खलगड्डी- खाल

  • खल्ला - खाल

  • खम्मा - खम्भा

  • खाड- दफनाने के लिए बनाया खड्डा

  • खाड भरनू – दफनाना

  • खार - अनाज का माप ( २० दोण की एक खार )

  • खार्यो- बहुत सारा

  • खार खाणु- किसी से बहुत नाराज होना

  • खान्दरा . खान्दा- आला

  • खाटोलु – खटोला

  • खाणु-पिणु -खाना-पीना

  • खाडू- नर भेड़

  • खाणु-खाना

  • खाब, खाब्डू- मुह

  • खातड़ -रजाई

  • खाकंद = पाखंड

  • खाकंडी= पाखंडी

  • खाती = युधिस्ठिर

  • खादर= नदी किनारे की भूमि


  • खिकचाट-अनर्थक,हंसी बेवजह हंसी

  • खिकताण-उन्मुक्त हंसी, ठहाका, खिलखिलाहट

  • खिकरण्या- गर्म मिजाज वाला, गुस्सैल

  • खिकराण-मिर्चि या धूल आदि से गले में जलन या खराश

  • खिकलाट-अनर्थक हंसी, बेवजह हंसी

  • खिकल्वाट- अनर्थक हंसी, बेवजह हंसी

  • खिखोल- उन्मुक्त हंसी, ठहाका, खिलखिलाहट

  • खिगताट- उन्मुक्त हंसी

  • खिचडयूं- बिगड़ैल, शैतान, ओछा

  • खिज्ज- खीज, झल्लाहट, झुंझलाहट

  • खिटाण- उबाल कर गाढा करना

  • खिटौण- उबाल कर गाढा करना

  • खिट्ट- अरुचि, घृणा

  • खिट्टु- अरुचि, घृणा

  • खित्त- एकाएक हंसी

  • खिपोण-काम आना , खपना, पूरा होना, समायोजित करना, मिलाना

  • खिरस्याण-ईष्या ,जलन ,द्वेष की भावना

  • खिरीज-रोजगारी,खुले पैसे,सिक्के

  • खिलपट-प्रसन्न,खुश

  • खिलोण्यां-खिलौना

  • खिल्वार-खिलाड़ी

  • खिक्ल्वाट, खिकलाट-अनर्थक हंसी

  • खिट्ट,खिटटू-अरुचि

  • खिकताट, खिकताण , खिखोला-उन्मुक्त हंसी

  • खिक्ल्वाट, खिकलाट-अनर्थक हंसी

  • खिकचाट- (व्यर्थ की हँसी)

  • खिकताट- (उन्मुक्त हँसी)

  • खिबच्याट- (पक्षियों का कलरव)

  • खिबळाट- (पानी के खौलने की ध्वनि)

  • खिट्ट,खिटटू-अरुचि

  • खिकरण्या -गुस्सैल , गरम मिजाज वाला

  • खिकताट, खिकताण , खिखोला-उन्मुक्त हंसी

  • खिटका – कस्ट

  • खिल्पत- खिलखिला कर हँसना, प्रसन्न मुद्रा में

  • खितडक – अकस्मात मृदू हास

  • खिकताट – रह रह कर हसना

  • खिकोला - कहकहे (उन्मुक्त हंसी )

  • खिटका – कस्ट

  • खिल्पत- खिलखिला कर हँसना, प्रसन्न मुद्रा में

  • खितडक – अकस्मात मृदू हास

  • खिकताट – रह रह कर हसना

  • खिकोला - कहकहे (उन्मुक्त हंसी )

  • खिकराण- मिरचो के जलने की गंध

  • खिरस्यण =ईर्ष्या करना

  • खुंगु = खांसी



  • खींचताणि-पक्ष लेना,खींचतान,बल लगाना

  • खीसा- जेब

  • खुनक्याण-अजीब

  • खुद -उदासी

  • खुचणु- खुलना

  • खुबसाट- (फुसफुसाहट)

  • खुनक्याण-अजीबमुलजिम-अपराधी

  • खुचकंडी- (रिंगाल की बनी छोटी हथकंडी)

  • खुरक्यूँन्-खुंदक खाने वालों ने, बैर भावना रखने वालों ने।

  • खुद -उदासी

  • खुद - याद

  • खुदेणु- याद में

  • खुटी- पैर

  • खुट - पैर

  • खुचणु- खुलना

  • खुचालीयाली – खोल दिया

  • खोली-घर का मुख्य द्वार

  • खुद - याद

  • खुदेणु- याद में

  • खुचालीयाली – खोल दिया

  • खुदैन-खुद लगना (याद आना )

  • खुचेंडा/ खुचरेनडा - कुचेष्टा, पंगे

  • खुंट- किनारा,छोर, कोना

  • खुंटा- पशुओं को बांधने की लकड़ी की मोटी कीली,कील

  • खुंडु- कुंद, घिसी धार वाला

  • खुचण- खुलना, बंधन से छूटना

  • खुचरटया- तंग करने वाला, बहस करने वाला

  • खुचर- पुचर- कुछ न कुछ कहते रहना

  • खुचर्याट- तंग करना, बहस करना

  • खुचलि- गोद, पल्ला

  • खुज्योण- तलाश, खोज, ढूंढ

  • खुट्टा-पैर, टांग

  • खुट्टी-पैर, टांग, सुंदर कोमल पैर

  • खुट्टु- पैर

  • खुड़कण- भूनना, भुनना

  • खुणक्याण- अजीब, विचित्र

  • खुद- उदासी, विरह भाव, यादें

  • खुदेड़- उदास व्यक्ती, विरह या प्रियजनों की यादों के गीत

  • खुमच्यर- संकीर्ण स्थान

  • खुमद्रर-संकीर्ण स्थान

  • खुरसुटि- प्रतिशोध की भावना

  • खुरसेण- झड़ना, पत्ते बाल आदि

  • खुस- प्रसन्न, खुश

  • खुसबुस- खुसफुसाहट, फुसफुसाहट

  • खुसमत- खुशामद, सिफारिश

  • खुट्कुलू/ ख्वबडल़ू = पानी का छोटा गड्ढा

  • खुड़बिजु =समूल नष्ट करने की दशा

  • खुलपिता = मा बाप का लाडला

  • खुवा = गहरी खाई

  • खुवा =काम बिगाड़ने वाला , खोने वाला


  • खूब,असल ,भलु -अच्छा

  • खूनदयोणु- कुंद करना

  • खूब,असल ,भलु -अच्छा

  • खू-धुआं

  • खूंटि-पशुओं को बांधने की लकड़ी की मोटी किल्ली या कील

  • खूट-किनारा,छोर, कोना

  • खूब-बहुत अधिक , ठीक ,अच्छा ,भला

  • खूसण =बल झड़ना


  • खेति,खेति-पति-कृषि,खेती

  • खेड- फौज ,पशुओं का झुंड

  • खेचर्यूं- बिगड़ैल, शैतान ओछा

  • खेड़न- ळांका, हंकना, खदेड़ना

  • खेड़ा- बस्ती, मोहल्ला

  • खेड़ु-ळांका, हंकना, खदेड़ना

  • खेण- बेगार, थोपा गया काम

  • खेत-खेत

  • खेति- कृषि कार्य, खेत

  • खेपण- चक्कार, फेरा, खेफ

  • खेबदी- अच्छाई, विशेषता

  • खेम- क्षेम, कुशलता

  • खेलण्डु- खिलोना

  • खेदकट्टो =ईर्ष्यालु


  • खैरी -कष्ट

  • खैंच- खींचना

  • खैंचताणि- पक्ष लेना, खींचतान, बल लगाना

  • खैंडण- खोदना, खुदाई करना

  • खैंदु-आबाद खेत

  • खैड़ी- उल्टी हथेली

  • खैडु- तलवार, फरसा

  • खैदु- आबाद खेत

  • खैरि-संकट, कष्ट, विपत्ति



  • खोपरी – सर

  • खोला -गाँव की गलियाँ

  • खोड- गोस्ठ

  • खोळी- (मकान का नक्काशीदार मुख्य द्वार)

  • खोप- (अनकहा दर्द जिसका शरीर और मन पर बुरा असर पड़े)

  • घबळाट- (शरीर पर किसी छोटे कीट जैसे पिस्सू, खटमल आदि के चलने का एहसास)

  • खोंडु- कुंद, घिसी धार वाला

  • खोगची- नुकीली लकड़ी, नोक

  • खोगचु-नुकीली लकड़ी, नोक

  • खोच्या- बाधा, अड़चन, रोक

  • खोजण- तलाश, खोज, ढूंढ

  • खोट- कमी, बुराई, खोटा, बुरा,चोट का निशान

  • खोटु-कमी, बुराई, खोटा, बुरा,चोट का निशान

  • खोड़- बाड़ा

  • खोळ- बाहरी आवरण, लबादा, बड़े चक्कर या घूम

  • खोळा- मुहल्ला, मकानों का समूह, परिवारों का समूह

  • खोळ्या- दव विहिन, जिसके दांत ना हों

  • खौऊ- सांप, सर्प

  • खौडु- खुजली का रोग

  • खौल- खिल्ली, उपहास

  • खौळयेण- उबलना पानी दूध आदि,गुस्सा होना

  • खंदरौळ-उल्ट-पुलट करना

  • खंद्वार, खंड्वार-खण्डहर

  • खुंडू- कुंद

  • खांदू लाणों- ताल मटोल करना

  • खंदरौळ-उल्ट-पुलट करना

  • खांतडू- रजाई

  • खंणयाले- खोद लिया

  • खंजिर, घंजीर-कनखजूरा

  • खांकर – पशुओ के गले में बंधने वाले घुंगरू

  • खंद्वर्या -काम बिगाड़ने वाल

  • खंकळ-गैर जिम्मेदर

  • खांकर – पशुओ के गले में बंधने वाले घुंगरू

  • खंदयापाडू – अलग होना , मतभेद होना

  • खोंकाल - मुट्ठीभर

  • खंबा-खंभा

  • खोंकाल - मुट्ठीभर

  • खुचेंडा/ खुचरेनडा - कुचेष्टा, पंगे

  • खंणयाले- खोद लिया

  • खंक-शुष्क,कठोर

  • खंकर-पशुओं के गले में बांधी घंटी

  • खंकरू-बलगम,कप

  • खंकळ-गैर जिम्मेदार ,उत्तरदायित्वविहीन

  • खंकारू-बलगम

  • खंक्वाळ- मुंह भरकर

  • खंखोळण-खंगालना, बर्तनों को साफ कर पानी से धोना, उलट-पुलट करना ,ढूंढना ,छानना

  • खंटु-कटे होंठ वाला,खंडित

  • खंड ओबर-भूतल से नीचे बना कमरा

  • खंडकि-टुकड़ा, आधा टुकड़ा

  • खंड- भंड-उथल-पुथल,नष्ट भ्रष्ट,टूटा फूटा

  • खंडु-कटे होंठ वाला,खंडित

  • खंड्वार-खंडहर ,उजड़ा हुआ घर

  • खंतड़ा-ओढ़ने का गर्म वस्त्र, रजाई

  • खंतड़ु-ओढ़ने का गर्म वस्त्र, रजाई

  • खंदरौळ-बिगाड़ना,उलट-पुलट करना

  • खंदाक-चोट,जमीन पर फावड़े से आदि

  • खंदेड़ो-मोटा चौड़ा पत्थर (पठाळ)

  • खंदेर-खाने पर आने वाला (पौणु)

  • खंद्वर्या-काम बिगड़ने वाला

  • खंद्वार-खंडहर,उजड़ा हुआ घर

  • खंपा-तिब्बती की एक जाति

  • खींचताणि-पक्ष लेना,खींचतान,बल लगाना

  • खुंट- किनारा,छोर, कोना

  • खुंटा- पशुओं को बांधने की लकड़ी की मोटी कीली,कील

  • खुंडु- कुंद, घिसी धार वाला

  • खूंटि-पशुओं को बांधने की लकड़ी की मोटी किल्ली या कील

  • खैंच- खींचना

  • खैंचताणि- पक्ष लेना, खींचतान, बल लगाना

  • खैंडण- खोदना, खुदाई करना

  • खैंदु-आबाद खेत

  • खोंडु- कुंद, घिसी धार वाला

  • खंक = कठोर

  • खंक = खरोच

  • खंकताळ = नष्ट भ्रष्ट करना

  • खंकळ =गैरजिम्मेवार

  • खंकळयौ = उत्तरदायित्वहीनता

  • खंकळयौ =उत्तरदायित्वहीनता से होने वाली अव्यवस्था

  • खंकमाळ = नंगापन , कुछ न रहने की दस

  • खंजरोळ = अड़चन

  • खंटु = काटे होंट वाला

  • खंणकि = व्यर्थ ही

  • खंतड्या = जिसने पुराने कपड़े पहने हों

ख्

  • ख्ल्याण- खलिहान

  • ख्ल्याई - खाली किया

  • ख्ल्याई - खाली किया

  • ख्ल्याण- खलिहान

  • ख्वर - सिर

  • ख्ल्ख्लो- बिना किसी बाधा के, सपाट

  • ख्ल्ख्लो- बिना किसी बाधा के, सपाट

  • ख्ड़याना - गाड़ना

  • ख्वच्या- बाधा,अड़चन, रोक

  • ख्वट्टा-पैर, टांग

  • ख्वपड़ा- सिर,खोपड़ी

  • ख्वपाड़ि-सिर,खोपड़ी

  • ख्वळ्या- दंत विहिन, जिसके दांत न हों

  • ख्वाळ- मुहल्ला, मकानों का समूह, परिवारों का समूह

  • ख्यSरा = खेतों के कंकड़ पत्थर, ( छुट छुट र्याड़ )

  • ख्वंचि = सिर का पिछ्ला भाग

  • ख्वमा =खेत का वह भाग जहाँ हल नहीं चलाया जा सकता है

  • ख्वल़ा /ख्वाळ=मोहल्ला