कि
किमत,दाम ,मोल -कीमत
किल्कताळ, किलकार -चिल्लाहट
किकलाट- (जोर-जोर से बोलने पर होने वाला शोर)
किड़कताळ,किटक ताळ- (आकाश में बिजली कड़कने की आवाज़)
किबलाट- (शोर, कोलाहल, हल्ला)
किराट- (शिशु के जोर-जोर से रोने की आवाज़)
किल्कताळ- (चीख, जोर की आवाज़)
किलड़ी- (लकड़ी की बनी कील)
किटणु- ठूंसना
किबलाणु-फलिवाला खर पतवार
किटोक – ठसाठस भरे होने पर होने वाली परेशानी
किन्गोड़ा- दारू हरिद्रा
किलै-क्यों , किस लिए
किलैकि -क्योंकि
किड्कताल - कडकडाहट (बिजली की )
किन्गोड़ा- दारू हरिद्रा
किकलाण-किलकारी , चिल्लाना
किठाणेणू - रोते रोते आवाज बंद होना
किस्वाली- गेहूं और जौ की बाल के तीखे रोयों (किसों ) के चुभने से होने वाली खुजली
किल = खुटा (गाय भैस को बाधने वाला )
किटणु- ठूंसना
किटोक – ठसाठस भरे होने पर होने वाली परेशानी
किन्गोड़ा- दारू हरिद्रा
किल्लांक /किल्ल्कार - किलकारी
किसाण - किसान का बिगड़ा हुआ रूप जो कुशल व्यक्ति /खेतिहर की लिए प्रयोग होता है
किल्ला /किल्लु - पशु बाँधने का खूंटा
कित्लू /कित्ल्डू - केचुवा
कित्लु - केतली (चाय बनाने का बर्तन )
केदारपाती – एक पेड़ (एस्केमिया लौरिला )
किटणु- ठूंसना
किटोक – ठसाठस भरे होने पर होने वाली परेशानी
किरपणया - कमजोर
किड़कण-बादलों की गर्जना, कड़क ना
किरमोळ-चींटी
किराट- जोर से रोना
किराण- जोर से रोना
किलकणु -जोर से चिल्लाना
किलकताळ - बहुत जोर की आवाज
किलकिणि- जोर-जोर से चीखना
किलै -क्यों
किलैकि -क्योंकि
किल्कताळि- जोर-जोर से चीखना
किरचड़ = बारीक और छोटा खराब दाने
किलबाड़ = खूंटा (कीलु)