क
कख - कहाँ (गढ़वाली में)
कल्यो- नाशता
कन्न-करना
कटवट, खटपट -अनबन
कड़णदु-अशक्त
कळचट्ट-अत्यंत काला
कणसु-आयु में छोटा
कणसि-आयु में छोटी
कबलाट-अकुलाहट
कबजाळ- (दुविधा)
कळकळी- (किसी की दीन-हीन दशा अथवा कष्ट की स्तिथि को देखकर मन में उत्पन्न होने वाली दया, करुणा और कष्ट की)) मिलीजुली अनुभूति)
ककड़ाट- (लगातार की जाने वाली व्यर्थ की बड़बड़ाहट)
कणाट- (कराहने की आवाज)
कवारोळी- (बहुत सारे कौओं की एकसाथ कांव-कांव की आवाज)
ककलाट- जोर जोर से चिल्लाना
कलम- (रिंगाल की बनी कलम)
कड़ी- (शहतीर)
कबलाट-अकुलाहट
कठब्यड़ि-काठ का बना सामान रखने का बक्सा
कटवट, खटपट-अनबन
कड़णदु-अशक्त
कडणदु-अस्वस्थ
कणसु-आयु में छोटा
कणसि-आयु में छोटी
कळचट्ट-अत्यंत काला
काणि (कानी)
कपाल -सिर
कखरेनो - किनारा करना / किनारे करना
कब्बि, कब -कब
कड़बच- पशुओ द्वारा सूखे डंठल चबाते समय निकलने वाली ध्वनि
कबरेणो - भूरे रंग का
करता – कर्ता यानि ईश्वर
कचील – कीचड़
कच्लेनू- कुचल देना
कमेडू- कोना , लिखने के भी काम आता था
कड़बच- पशुओ द्वारा सूखे डंठल चबाते समय निकलने वाली ध्वनि
कमगैत, माडु , माड़ो, कड़ण्दु-कमजोर
कमळु, कमुळु कमळु, कमुळु-कम्बल
करछुल, कर्छी , काथुड़-करछी
कनू, करणू-करना
करता – कर्ता यानि ईश्वर
कचील – कीचड़
कच्लेनू- कुचल देना
कजान-पत्नी
कन्कवे-किस तरह
कठन-कठिन
कख पाईन-कहाँ पाए
कख हर्चिन-कहाँ खो गए
करछुलू-करछी
कनफूलू-कर्णफूल
कणाट-कराह ,कराहना
कळजुग-कलयुग
कबिता -कविता
कख च -कहां है
कनै , कख ,कखम-कहां , किधर , कहां पर
कखि-कहीं
कखन्याली, कखराली ,कखलि-कांख
कबलाणु- दिल घबराना , उलटी आने का मन होना
कथेलु- हरी सब्जी और दही मिलकर बनाया गया व्यंजन
कनाखोरी - कान का मैल निकालने की लोहे की सीक
कबास- कपास
कटमचूर- चूर चूर होना
कणखिला – टूटे चावल
कंकर, गारा-कंकड़
कंगण-कंगन
कछु-कछुआ
कठल-कटहल
कढ़फोड़-कठफोड़वा
कठिण-कठिन
कठिणै-कठिनाई
कड़ु , कड़ो-कड़वा
कटै-कटाई
कड़ु, कड़ो-कटु
करकरी – करारी
कन्कट्टू- कनकटा
कटंगर मटनगर - कूड़ा करकट
कचभूक-- पूरी तरह से भूख न लगना
कपूर - कपूर वृक्ष (सिनेमोमम केम्फोरा )
कलमीण- एक छोटा पेड़
कलमीण- काले वर्ण वाला
कमोली – हांडी
करार – इकरारनामा
कंकर, गारा-कंकड़
कंगण-कंगन
कछु-कछुआ
कठल-कटहल
कढ़फोड़-कठफोड़वा
कठिण-कठिन
कठिणै-कठिनाई
कड़ु , कड़ो-कड़वा
कटै-कटाई
कड़ु, कड़ो-कटु
कलदार - रूपया (चांदी का)
करदोड़ - करधनी (बच्चों की कमर में बाँधा जाने वाला काला धागा )
कल्पणु - कल्पना करना की सामने वाले के पास जो वास्तु या खान है वो काश हमारे पास होता
कन्योणु - खुजलाना
कम सल्ली - कुलहीन
कणताणु - खीजना
कलोड़ी - कम उम्र की धुद्हरू गाय
कब्तोलुनु - पानी या किसी अन्य द्रव्य को हाथ दाल कर गदला करना
कन्द्वारा- कान द्वारा सुनना ( छिपकर किसी की बात सुनना )
कम्तैश - कमी
कतै - बिलकुल
कति - कितना
कत्नु - कितना
कचील – कीचड़
कच्लेनू- कुचल देना
कखेलु - बगल में होने वाली फुंसी
करता – कर्ता यानि ईश्वर
कड़बच- पशुओ द्वारा सूखे डंठल चबाते समय निकलने वाली ध्वनि
काफल – काफल एक उत्तराखंडी फल
कमेडू- कोना , लिखने के भी काम आता था
काकड़ सिंगी – एक औषधि
कम्प्वारु- कंपकंपाहट
कटुला/कटील-वनों के मध्य निकिर्ष्ट भूमि
कठगळ -लकड़ियों का ढेर
कबास- कपास
कटमचूर- चूर चूर होना
कणखिला – टूटे चावल
कड़पट /खड़बट - अशक्त
कन्दूड़ - कान
कटयरणु, कटेरणु -गला दबाना
कढै-कढ़ाई
कतै, कत्तै,कतैई-कतई
कतल्यौ -कत्ल करना , मारकाट
कण ,कनु -कैसा
कर्युं-धर्युं -किया -धरा
कव्वरोलि - अफरातफरी
कनजोड़ी-कनपटी
कणसु-कनिष्ठ
कणसि-कनिष्ठा
कनदान, कनिदान -कन्यादान
कटयरणु, कटेरणु -गला दबाना
कतन्युं-गंजा ,गंजी
कजाळु, कोजाळ-गंदला पानी , मटमैला पानी
कल्दार - रुपये /रुपया
कताड़नु - फैलाना (जैसे मुह )
करड़ी - सख्त
कनागू - कान का मैल
कोंप्लू - कोंपल
कुरेडी /कुरै - कोहरा/धुंध
करकरी – करारी
कुरपनु- कुतरना
कुतरनु- कुतरना
कन्कट्टू- कनकटा
कटंगर मटनगर - कूड़ा करकट
कचभूक-- पूरी तरह से भूख न लगना
कपूर - कपूर वृक्ष (सिनेमोमम केम्फोरा )
कलमीण- एक छोटा पेड़
कलमीण- काले वर्ण वाला
कमोली – हांडी
करार – इकरारनामा
कमेडू- कोना , लिखने के भी काम आता था
कथगा-कितना
कृसाण=काम करने में होशियार
कज्याणी- पत्नी
ककड़ाट- बड़बड़ाना, बकवास
ककलाट- जोर जोर से चिल्लाना
कका- चाचा
ककोरण- खुरचना, खरोचना
कक्यासासु- चाची या सास
कख-कहां, कहां पर
कख च- कहां है
कखम-कहां कहां पर
कखर्वळि-कांख, बगल
कगोचण- कचोटना, छेड़ना
कचोर- निरर्थक बातें या एक ही बात करने वाला, फुंसी या घाव या शरीर को छेड़ना
कचोरण- कचोटना, छेड़ना
कछाड़ि- बैठक, सभा, पंचायत
कजाळु- गंदला पानी, मटमैला पानी
कजे- पुरुष, मर्द
कज्याणि- ब्यटुल, स्त्री, औरत
कटकटार- बहुत जोर की आवाज
कटकाण- चोट मारना, छड़ी से पीटना
कटकुटु- हृष्ट-पुष्ट, मजबूत, कठोर
कटकुरु- खुरदरा
कटकौण- चोट मारना, छड़ी से पीटना
कटगुडु-हृष्ट-पुष्ट, मजबूत, कठोर
कटमचूर- खत्म करना, नाश करना
कटवट- मनमुटाव, अनबन, मतभेद
कटुडया- मृतक के संस्कार मे दिया जाने वाला दान स्वीकार करने का अधिकरी ब्राह्मण
कटुणु- मृतक का श्राद्ध दान
कटेरणु- गला दबाना, जोर से दबाना
कट्ठर- जीवट वाला, हिम्मती
कटयरणु- गला दबाना, जोर से दबाना
कट्वर- कटोरा
कट्वरि- कटोरी
कठगळ- जलाऊ लकड़ी का ढेर
कठबाबु- सौतेला बाप
कठमाळी,कठाळु- गढवाली न मैदानी
कठ्ठा- एक साथ, साथ-साथ, एकत्र
कड़कड़ी,कड़कुडु- भूतबाधा से बेहोश
कणकणी- अनमनापन. किसी काम में मन न लगना,
उकताहट प्रतीत करना
कणमणाणु- दबी जबान में नाराजगी, संतुष्ठ न होना
कणसुणा- छिपकर बातें सुनने वाला
कणाट- कराहना
कणाट- धीमी कराह, आह
कतमत- जल्दबाजी, उतावलापन
कतरन- काटने के बाद कपड़े के बचे खुचे टुकड़े
कतराड़ा- पीला या जामुनी रंग का एक जंगली फल
कतल्यौ- कत्ल करना, मारकाट
कताड़नु,कताड्न- खूब चौड़ करना या फैलाना
कतामति- जल्दबाजी, उतावलापन
कदी- कब
कदोल- धान की रोपाई के लिए पानी से भरे खेत में हल लगाने का काम
कन च -कैसा है
कनके- कैसे, किस प्रकार
कनद्वरा- कनसुई, दुसरे की बातों को छिपकर सुनना
कनुक्वै- कैसे करके कनू- करना
कनै- किधर
कन्टयाळु- एक दस्तूर जो विवाह समय कन्या पक्ष द्वारा वर पक्ष के ब्राह्मण को मिलता है।
कपड़छाण- कपड़े से छनने की क्रिया
कपताट- जल्दबाजी, उतावलापन
कपाळ- सिर, कपाल
कबलाट- घबराना, बेचैनी, अकुलाहट, जी मचलना
कबसेण- खराब होना, बासी पड़ना
कमचूस- कंजूस
करणू- करना
कराट- दुख में किया गया विलाप, चिल्लाहट कराहना
कलेवा,कल्यो- सुबह का नाश्ता
कळकळि- सहानुभूति, सम्वेदना
कळचट्ट- अत्यंत काला
कळचुणि,कळच्वाणि- अधिक पानीवाला स्वादहीन भोजन, बचे खुचे भोजन से बना पशुओं का आहर
कळपण- लालसा रखना , किसी वस्तु के वियोग में तरसना व विलाप करना
कळमाळि- घबराना, बेचैनी, अकुलाहट, जी मिचलना
कळसौंलू- सांवला
कळेण- चोट लगने पर उभरा काल या नीला निशान
कळच- बळच- रसोई का जूठन मिला पानी जो जानवरों के उपयुक्त होता है।
कसकणु- चुभन, चुभना, दर्द करना
कणसुणा=किसी की बात छुपकर सुनना
कटकटकार = अत्यंत कठोर
कड़कड़कार = बहुत प्रेत से बेहोश मनुष्य या अत्यंत सख्त
कमचूस = कंजूस
कमोल़ा = मिटटी की छोटी हांडी
करूड़ /करूड़ो =कठोर
कळखानी = झगडालू / कलह की खान
कळदार = सिक्का
कळपणा = बुरी नजर /किसी के पास अछि चीज देख पाने की कल्पना
कसलो =तकलीफ