आध्यात्मिक कायाकल्प

अध्यात्म द्वारा दैनिक जीवन के प्रश्नों के समाधान

Refinement of Personality Through Spirituality

Answers to the questions of day-to-day life through Spirituality

पाठ्यक्रम 620105 - युग निर्माण योजना (मनुष्य में देवत्व के उदय एवं धरती पर स्वर्ग के अवतरण हेतु)

(परम पूज्य गुरुदेव, पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा दिए गए उद्बोधनों पर आधारित पाठ्यक्रम) (स्व-शिक्षण पाठ्यक्रम Self-Learning Course)

पात्रता का विकास - क्यों और कैसे?

परम पूज्य गुरुदेव, पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा दिया गया उद्बोधन

यहाँ दिए गए उद्बोधन (.mp3 फाइल) को सुनें, एवं उस पर आधारित प्रश्नोत्तरी को हल करें

प्रश्नोत्तरी नीचे दी गई है

प्रश्नोत्तरी

1. भगवान के _____ आप बैठें, उपासना अगर आप करें, तो आप देखेंगे कि उनके सारे _____ आप में आते हुए चले जाते हैं।

2. बलि के दरवाजे पर बावन _____ के बन करके भगवान गए थे न। कर्ण के दरवाजे पर _____ मांगने के लिए साधु और भिखारी का रूप बना के गए थे न।

3. भक्त को भगवान के _____ पर निर्भर रहना चाहिए। भगवान को अपनी _____ पे चलाने की बात नहीं सोचनी चाहिए।

4. एक लोभ की मनोकामना है, एक _____ की मनोकामना।

5. भक्त कैसा जिसकी मनोकामना? मनोकामना होगी तो भक्त नहीं होगा - भक्त होगा तो मनोकामना नहीं होगी। दोनों का _____ एक साथ नहीं रह सकता।

6. इतिहास तो ला भक्तों का उठा कर के - जब से सृष्टि बनी है, और जब से भक्ति का _____ बना है, तब से भगवान ने एक भी भक्त की मनोकामना पूरी नहीं की है। हर भक्त को मनोकामनाओं का त्याग करना पड़ा है।

7. आप महापुरुष हो सकते हैं, महामानव हो सकते हैं, ॠषि हो सकते हैं, देवात्मा हो सकते हैं, और अवतार हो सकते हैं, अगर आप _____ का ठीक तरीके से अवलम्बन लें तो।

8. _____ का विकास आपको करना पड़ेगा। पात्र इसके लिए बनना पड़ेगा।

9. सूरज की कृपा तो हर एक के ऊपर है। लेकिन जिसकी आँखें _____ हो गई हैं, उसको क्या कर लेगा सूरज।

10. दुनिया में एक से एक बढ़िया संगीत और आवाज निकलती हैं, पर कानों की _____ खराब हो जाये तब, तो दुनिया के संगीत सब मिल के भी आदमी की कोई सेवा नहीं कर सकता।

11. पात्रता विकास किए बिना न _____ में कोई रस्ता है, और न पात्रता का विकास किए बिना आध्यात्मिक क्षेत्र में कोई रस्ता है।

12. आपको _____ बनना है? पब्लिक सर्विस कमीशन के सामने जाइए और अपनी पात्रता साबित कीजिए।

13. पात्रता का अर्थ होता है, जीवन को _____ करना। जीवन को परिष्कृत करने के लिए _____ करनी पड़ती है।

14. भगवान को प्राप्त करने के लिए _____ और अपने आप को पात्र बनाने के लिए _____ ।

15. साधना किसकी, _____। उपासना किसकी, _____ की।

16. जो हमारे भीतर जन्म जन्मान्तरों के कुसंस्कार जमे पड़े हैं, उनको _____ करना पड़ेगा, बचकानापन दूर करना पड़ेगा।

17. चिंतन की दृष्टी से _____ और व्यवहार की दृष्टि से _____ और सभ्य। इन दो, दो विशेषताओं को अपने भीतर पैदा करे आदमी, तो ये माना जायेगा कि उसने पात्रता का विकास कर लिया।

18. पात्रता की ओर _____ एकाग्र कीजिये। पात्रता आप के हाथ की बात है।

19. उपासना भगवान का अनुग्रह, भगवान के हाथ की बात है। पर _____ तो आपके हाथ की बात है।

20. _____ लाख योनियों में घूमने के बाद में न जाने कितने कुसंस्कार हमारे पास जमा हैं।

21. इसीलिए _____ के विरुद्ध जद्दोजहद करना, ये हमारा काम है। साधना इसी का नाम है।

22. माली की साधना पौधे के साथ, और आपकी _____ की साधना अपने जीवन के साथ।

23. पात्रता के लिये अपने गुण, अपने कर्म, और अपने स्वभाव, इन तीनों चीजों को _____ करना हर आदमी के लिये बेहद जरूरी है।

24. साधना जिस तरीके से जंगली जानवरों की की जा सकती है, उसी तरीके से, उसी तरीके से _____ की भी की जा सकती है।

25. छोटी उमर में संस्कार नहीं डाले गए। संस्कार डालना _____ के लिए बेहद जरूरी है।

26. _____ में ॠषि लोग छोटे बच्चों को महापुरुष बनाने की शिक्षा देते भी हैं। आरण्यकों में _____ को भर्ती करने के बाद में शिक्षण देने की बात भी चलती है।

27. आप ही अपने गुरु हैं, आप ही अपने शिक्षक हैं, आप ही अपने साधक हैं, आप ही अपने _____ हैं।

28. भगवान क्या है? बताइये आप। एक भगवान तो वो है, जो सारे विश्व में छाया हुआ है। सारे नियमन करता है, _____ बनाता है।

29. एक और ब्रह्म है, जिसको आपको अपने ढंग से बनाना है। वह कौन सा परब्रह्म है? वह आपको, अंग्रेजी में उसको _____ चेतन कहते हैं।

30. आप को आत्मदेव की _____ करनी है।

31. चौबीसों घंटे आपको ध्यान रखना चाहिये। क्या ध्यान रखना चाहिये? कि हमारा जीवन किस तरीके से _____ बन सकता है।

32. आपको अपने कर्त्तव्यों पे ध्यान देना चाहिए, आपको अपने ज्ञान को _____ करना चाहिए, और अपने भक्ति भावना का _____ करना चाहिए।

33. अगर आप जीवन को और अपने आप को समझ सकते हों तो इसका नाम _____ होगा।

34. ड्यूटियाँ, और जहाँ कहीं भी हमारे फर्ज हमको बुलाते हैं, वहाँ हमको अपनी मेहनत करनी चाहिए, और वहाँ अपने मनोयोग लगाना चाहिए। इसका नाम _____ है।

35. भक्ति का अर्थ प्यार होता है। प्यार का अर्थ सेवा होता है। सेवा कीजिये। सेवा अगर आप _____ को समझ सकते हों, तब फिर क्या हो जायेगा? फिर ये भक्तियोग हो जायेगा।

36. साधना के _____ देखिये। साधना से सिद्धि मिलती है। इस सिद्धांत को आप को अपने जीवन में प्रयोग कर के दिखाना है।