आध्यात्मिक कायाकल्प

अध्यात्म द्वारा दैनिक जीवन के प्रश्नों के समाधान

Refinement of Personality Through Spirituality

Answers to the questions of day-to-day life through Spirituality

पाठ्यक्रम 620105 - युग निर्माण योजना (मनुष्य में देवत्व के उदय एवं धरती पर स्वर्ग के अवतरण हेतु)

(परम पूज्य गुरुदेव, पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा दिए गए उद्बोधनों पर आधारित पाठ्यक्रम) (स्व-शिक्षण पाठ्यक्रम Self-Learning Course)

दीप यज्ञ - क्यों और कैसे?

परम पूज्य गुरुदेव, पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा दिया गया उद्बोधन

यहाँ दिए गए उद्बोधन (.mp3 फाइल) को सुनें, एवं उस पर आधारित प्रश्नोत्तरी को हल करें

प्रश्नोत्तरी नीचे दी गई है

प्रश्नोत्तरी

1. सूक्ष्म जगत के वातावरण को ठीक करने के लिए भगवान राम को ------- अश्वमेध यज्ञ करने पड़े।

2. आज हमारा वातावरण भी बिगड़ रहा है और वायुमण्डल भी बिगड़ रहा है। हमसे ------ भी नाराज़ है। बार-बार अकाल पड़ते हैं, पानी की कमी पड़ती है, विग्रह खड़े हो जाते हैं, विद्वेष खड़े हो जाते हैं, मार-काट खड़ी हो जाती है - ये वातावरण का प्रभाव है।

3. इस वातावरण के प्रभाव (को को) का परिशोधन करने के लिए आपकी इस संस्था ने एक ------- कुण्डों के यज्ञ का संकल्प किया था।

4. वो संकल्प जिस प्रेरणा से किया गया, भगवान की बड़ी दया, भगवान की बड़ी कृपा है, (कि वो दोनों) कि वो संकल्प पूरा हो गया। हमारा ------- का संशोधन हुआ है, हमारे वातावरण का संशोधन हुआ है।

5. एक नया कार्यक्रम शुरू होता है - वो क्या है? वो कार्यक्रम ये है कि चौबीस लाख यज्ञ, चौबीस लाख, हज़ार नहीं, चौबीस लाख यज्ञ घर-घर में करने का अब नया ------- है।

6. प्रत्येक घर में, घर का वातावरण शुद्ध करने के लिए, घर के परिवार के लोगों के कलहों को समाप्त करने के लिए, घर के लोगों के अंदर ------- भावना और वातावरण पैदा करने के लिए, ये नया कदम उठाया गया है।

7. क्या करना होगा इनमें? ये दीपक यज्ञ होंगे। दीपक यज्ञ कैसे? दीपक यज्ञ इस तरीके से कि एक थाली आप लें, थाली में पाँच जगह पाँच-पाँच (बत्तियों की) धूप-बत्तियाँ जला लें, यानि 25 धूप-बत्तियाँ, पाँच खण्डों में -------, पाँच धूप-दानियों में लगी हुई 25 धूप-बत्तियाँ - एक - और पाँच दीपक

8. धूप-बत्तियों में से यज्ञ सामग्री निकलती है और (दीपक में से) दीपक में से घी निकलता है - दोनों को मिला देने से वही ------- पूरा हो गया जो आप (छोटे) छोटे-बड़े यज्ञों का पूरा किया करते हैं।

9. दीपक और धूप-बत्तियाँ जला कर के 24 गायत्री मंत्र बोल लीजिए - बस समझ लीजिए मंत्रोच्चारण हो गया, घी की आहुतियाँ हो गईं, हवन सामग्री की आहुतियाँ हो गईं, और एक घरेलू, छोटा सा -------- यज्ञ हो गया।

10. चौबीस गायत्री मंत्र में दो उद्देश्य हमारे हैं - एक तो ये कि आप लोगों को गायत्री मंत्र का शुद्ध ------ हो जाए, और एक आप लोगों के बोलने के साथ-साथ में हमारी वाणी का भी समावेश हो जाए।

11. हमारी कई वाणियाँ हैं। आपके तो एक ही वाणी है - बैखरी। हमारे पास मध्यमा वाणी भी है, परा वाणी भी है, पश्यन्ति वाणी भी है। इन चारों वाणियों को मिला कर के हम मंत्र बोलते हैं, तो चौबीस मंत्र हम बोलेंगे, हमारे साथ-साथ ही आप भी बोलना शुरू कर दीजिए - इस तरीके से चौबीस मंत्र, समझिए कि चौबीस -------- मंत्रों के बराबर शक्तिशाली होंगे, क्योंकि उसमें हमारी वाणी का समावेश है।

12. ज्ञान यज्ञ कैसे होगा? उसका भी हमने बहुत ही सरल, इतना सरल ------- बना दिया है, कि जिसका कोई ठिकाना नहीं है। (१) संगीत एक, (२) व्याख्यान दो। संगीत के लिए टेप किए गए हैं और जिसमें माताजी का, शांतिकुंज की देवकन्याओं का, स्वर है।

13. माताजी गाएंगी, देवकन्याएँ गाएंगी - पंद्रह मिनट तक आपको ये संगीत (स्वर) (मिलना) पड़ेगा। ये --------- संगीत है। आप (इसको) सामान्य लोगों के, गाने-बजाने वालों के (के) सामान्य स्वर और कण्ठ से तुलना न कीजिए, ये विशेष है, ये एक तरह का मंत्र (वो है, क्या नाम है), इसको आप मंत्र संगीत कह सकते हैं।

14. व्याख्यान की आवश्यकता को, इसी को, जो आप टेप सुन रहे है, इसी को, टेप को सुना दीजिए। --------- घंटे का ये हमारा टेप है, ये हमारा व्याख्यान है।

15. इसमें पुराने भाषणों की अपेक्षा शक्ति ज्यादा है, सामर्थ्य ज्यादा है, प्राण ज्यादा है, ------- ज्यादा है। इसीलिए इसे आप सुनेंगे तो (आप) आपका मन, आपकी बुद्धि, आपका चित्त, आपका अहंकार प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकते।

16. आधा घंटे (के) व्याख्यान हो गया, चौबीस मंत्र हमारे साथ-साथ हो गए, पंद्रह मिनट का माताजी का संगीत हो गया, इस तरीके से एक घंटे का ये (ये) कार्यक्रम है सब मिला कर के, और इसी बीच में ------- का कार्यक्रम भी पूरा हो जाएगा।

17. वो क्या काम रह गया? वो काम रह गया ये कि आपको देव दक्षिणा देनी चाहिए। देव दक्षिणा - देव दक्षिणा में कुछ ------- करना पड़ता है।

18. देव दक्षिणा वास्तव में ------- होनी चाहिए। केवल किसी वस्तुओं को देने से देवता क्या प्रसन्न होंगे।

19. देवताओं की दक्षिणा हमेशा भावनाओं के साथ जुड़ी होती है, और देवता भावनाओं को पसंद करते हैं, जीवन की ------- को पसंद करते हैं, बुराइयों को दूर करने को पसंद करते हैं।

20. १. एक त्यागने योग्य देव दक्षिणा ये है कि आप नशा -------- कर दीजिए।

21. कोई भी चीज़ ये पीते हों, नशीली चीज़ें, तो आप उन्हें अब बंद कर दीजिए। क्यों? क्योंकि ऐसा है कि आपके शरीर के अंदर विशैला माद्दा बना रहेगा, और विशैले माद्दे को बने रहने के बाद में फिर आपका शरीर इस लायक नहीं रहेगा, मन इस लायक नहीं रहेगा - शरीर भी खराब हो जाएगा, ------ भी खराब हो जाएगी, आपका परिवार भी खराब हो जाएगा, पैसा भी खराब हो जाएगा, और व्यक्तित्व घटिया हो जाएगा।

22. २. दूसरी बात एक और करनी है आपको - वो क्या करना है कि बिना दहेज और बिना जेवर के ------- करने हैं।

23. ब्याह-शादियों में जो धूम-धाम होती है, (ये) इसको आप छोड़ दीजिए। खर्चीली शादियाँ हमें दरिद्र और बेईमान बनाती हैं - ये बात हमने लाखों बार कही है और हज़ारों बार कही है, दीवारों पे लिखवाई है, पुस्तकों में छपी है - हर जगह छापी है कि हिन्दुस्तान में ------ का मुख्य कारण है विवाह-शादियाँ।

24. लड़की (वाला) वाले को दहेज देना पड़ता है, लड़के वाले को जेवर देना पड़ता है। जेवर और दहेज (दोनों) दोनों को देने की वजह से दोनों दीवालिया हो जाते हैं, दोनों ------- हो जाते हैं, दोनों कर्ज़दार हो जाते हैं, दोनों बेईमान हो जाते हैं।

25. हमारे समाज की आर्थिक स्थिति को ठीक करने के लिए ------- बढ़ाना ही आवश्यक नहीं है, ये भी आवश्यक है कि जो खर्चे हैं, उनको कम किया जाए - खर्चों को घटाया जाए। खर्चों में सबसे बड़ा खर्चा, सबसे बड़ा खर्चा, सबसे बड़ा खर्चा एक ही है - ब्याह-शादियों का।

26. चले आवें शांतिकुंज - यहाँ रहें, यहाँ खाना-पीना खाएँ, ठहरें - यहाँ किसी बात का कोई खर्च नहीं है। हम ब्याह-शादी के संस्कार ------- रीति से और जैसे शास्त्रोक्त विधि से होना चाहिए, उसी तरीके से करा देंगे।

27. तीर्थ स्थान में किया हुआ यज्ञ, वेद वाणी से दिया हुआ यज्ञ, हमारी माताजी (का) के आशीर्वाद से सम्पन्न हुआ यज्ञ - हर हालत में फलेगा-फूलेगा, और उसकी संतानें हमेशा सुखी रहेंगी, और -------- जीवन भी प्रेमपूर्वक रहेगा, और उस सारे-के-सारे घर-गृहस्थी के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।

28. आप लोग जो अभिभावक हैं, उनको ------ करनी चाहिए कि हम अपने बालक-बच्चों (के) की शादियाँ बिना दहेज और बिना जेवर के - ये दहेज मिटेगा तो जेवर भी मिटेगा, जेवर मिटेगा तो दहेज भी मिटेगा

29. यहाँ अपने बच्चों को ले आ सकते हैं, कभी भी ले आ सकते हैं। यहाँ (बारह) बारह महिने का (ती) तीर्थ है, यहाँ ------- छुटाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। तीर्थ स्नान के लिए मुहूर्त की कोई जरूरत नहीं पड़ती है।

30. यहाँ कोई भी संस्कार, जिसमें -------- संस्कार भी शामिल है, कभी भी हो सकता है, बारह महिने हो सकता है।

31. नवरात्रि का अनुष्ठान जो होता है, क्वार और चैत्र में नवरात्रि होती हैं। लेकिन शांतिकुंज की नवरात्रियाँ हमेशा जारी रहती हैं, 360 दिन जारी रहती हैं - पहली से दस, ग्यारह से बीस, इक्कीस से तीस को यहाँ (हर) हमेशा नवरात्रि है - आपको जब कभी नवरात्रि का अनुष्ठान करना हो तो आप यहाँ बड़े मजे में, बड़े -------- (के) के साथ में ये कर सकते हैं।

32. ३. तीसरी एक और बड़ी बात है जो आंदोलन को, इसी आंदोलन के साथ शुरू कर रहे हैं। (परि) परिवारों का वातावरण बनाने के लिए जहाँ ये दीपक यज्ञों का आंदोलन चला रहे हैं, (चार) चौबीस लाख यज्ञों का, दीपक यज्ञों का संकल्प ले रहे हैं, वहाँ एक संकल्प ये भी ले रहे हैं कि प्रौढ़ शिक्षा का ------- हमको ही करना है।

33. पढ़े-लिखे हुए बिना आदमी (की) गरीबी दूर नहीं हो सकती। गरीबी और ------- दोनों सगी बहनें हैं - मिटेंगी तो दोनों मिटेंगी, रहेंगी तो दोनों रहेंगी।

34. गायत्री परिवार का कोई भी व्यक्ति ऐसा न हो जिसने कि अपने जीवन में ------- व्यक्तियों को कम-से-कम पढ़ा नहीं दिया हो। प्रौढ़ शिक्षा की पाठशालाएँ खुल सकती हैं।

35. जो किताबें पढ़ाई जाती हैं वो हम ही यहाँ से लिखें। उसमें मनुष्य जीवन की समस्याएँ, परिवार की समस्याएँ, राष्ट्र की समस्याएँ, ------- समस्याएँ, धार्मिक समस्याएँ, आर्थिक समस्याएँ - इन सारी समस्याओं को (मोटे-मोटे ... में) मोटे-मोटे अक्षरों में, छोटे में, संक्षेप में, ऐसी पुस्तकें लिखेंगे

36. जिससे कि प्रौढ़ शिक्षा जो है, न केवल प्रौढ़ शिक्षा रहे, साक्षरता शिक्षा रहे, बल्कि साक्षरता के साथ-साथ में जीवन के, और समाज के, और ------- के, और परमात्मा के, और लोक के, और परलोक के, और (सारी) सारे विषयों की शिक्षा इन छोटी-छोटी पुस्तकों में ही समाविष्ट हो जाए।

37. इस तरीके से प्रौढ़ शिक्षा में दो भाग हो जाते हैं - एक वो जिसको -------- कहते हैं, और एक वो जिसको कि नैतिक शिक्षा कहते हैं।

38. एक आदमी चाहे तो एक साल भर में हज़ार यज्ञ भी कर सकता है। कई लोग कहते हैं हज़ार कुण्डी यज्ञ करेंगे, हज़ार कुण्डी यज्ञ करेंगे - तो तुम ऐसे कर लो न हज़ार कुण्डी, एक ------ में कर लो, अकेले कर लो, और उसमें लागत भी कुछ नहीं है।