आध्यात्मिक कायाकल्प

अध्यात्म द्वारा दैनिक जीवन के प्रश्नों के समाधान 

Refinement of Personality Through Spirituality

Answers to the questions of day-to-day life through Spirituality

पाठ्यक्रम 620102 - आंतरिक उत्कृष्टता का विकास

(परम पूज्य गुरुदेव, पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा 'कल्प साधना शिविर' में दिए गए उद्बोधनों पर आधारित पाठ्यक्रम) (स्व-शिक्षण पाठ्यक्रम Self-Learning Course)

11. संकल्पबल का महत्व

परम पूज्य गुरुदेव, पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा 'कल्प साधना शिविर' में दिया गया उद्बोधन

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प्रश्नोत्तरी नीचे दी गई है

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प्रश्नोत्तरी

1. प्रकृति का कुछ ऐसा विलक्षण नियम है कि पतन स्वाभाविक (है), और उत्थान ------- बनाया गया है। पानी को आप छोड़ दीजिए, नीचे बहता हुआ चला जाएगा

2. ग्रैविटी पृथ्वी में है न - ग्रैविटी क्या करती है? ऊपर की चीज़ों को नीचे घसीटती है। (घसीट लेती है)। सेब का पेड़, सेब का फल ------- ने देखा, जमीन (पे ऊपर से) गिरा। क्यों? गिरने की क्या बात है?

3. आपको ये काम करना चाहिए, (कि अब) आपको ऊँचा उठना है, तो आपको एक नई भीतर से हिम्मत इकट्ठी करनी चाहिए। क्या हिम्मत करें? ये हिम्मत करें कि ऊँचे उठने वाले जिस तरीके से संकल्पबल का सहारा लेते रहे हैं, ------- से काम लेते रहे हैं, व्रतशील बनते रहे हैं, आपको उस तरीके से व्रतशील बनना चाहिए।

4. राकेट अगर फेंकने पड़ते हैं तब, तो आपने देखा है न, करोड़ों, अरबों रुपया खर्च करते हैं, तब एक राकेट का ऊपर अंतरिक्ष में ------- संभव होता है।

5. चौरासी लाख योनियों में भटकते हुए जो कुसंस्कार ढेरों-के-ढेरों इकट्ठे कर लिए हैं, अब इन कुसंस्कारों के खिलाफ बगावत शुरू कर दीजिए। कैसे करें? अपने को ------- बनाइए। 

6. तो क्या करना चाहिए? उसके लिए अपना मनोबल मजबूत करने के लिए आपको कोई संकल्प लेना चाहिए, संकल्प-शक्ति का ------- करना चाहिए।

7. संकल्प-शक्ति किसे कहते हैं? संकल्प-शक्ति उसे कहते हैं जिसमें कि ये ------- कर लिया जाता है कि (हम) ये तो करना ही है। ये तो हर हालत में करना (है)। 

8. इस तरीके से संकल्प अगर आप किसी बात का कर लें, तो आप विश्वास रखिए, फिर आपका जो ------- निश्चय है, (नि) निश्चय, वो आपको आगे बढ़ा (देगा)।

9. कल्पनाएँ आज तक किसी की सफल नहीं हुईं, और संकल्प किसी के असफल नहीं हुए। इसीलिए आपको संकल्प-शक्ति का सहारा लेने के लिए ------- बनना चाहिए।

10. श्रेष्ठ काम करने के लिए, उन्नति की दिशा में आगे बढ़ने के लिए, आपको (कोई न कोई) कोई न कोई संकल्प ------- में लेने चाहिए।

11. ये काम करेंगे, ये काम करने तक के लिए कई आदमी ऐसा कर देते हैं - ये अच्छा काम जब तक पूरा न कर लेंगे, ये काम नहीं करेंगे - जैसे नमक नहीं खाएंगे, ------- नहीं खाएंगे, वगैरह, वगैरह।

12. इसको देखने में तो कोई खास बात नहीं है - आपको अमुक काम करने से नमक का क्या ताल्लुक (है)? और आप शक्कर नहीं खाएंगे तो (क्या) क्या बात बन जाएगी? और आपने घी खाना बंद कर दिया है तो (कौन) कौन (जब तक) ऐसी बड़ी बात हो गई है, जिसकी वजह से आपको काम में ------- मिलेगी?

13. इन चीज़ों में तो नहीं है दम, लेकिन दम उस बात में है, कि आपने इतना कठोर निश्चय कर लिया है, और आपने ------- योजना बना ली है, कि हमको करना ही करना है, करना ही करना है, तब फिर आप विश्वास रखिए (आपको) काम पूरा हो के ही रहेगा।

14. ये (अपना) व्रत और प्रतिज्ञा को याद रखने का एक प्रतीक है, एक सिम्बल (symbol) है। प्रतिज्ञाएँ तो भूल जाते हैं, लेकिन अगर कोई ऐसा ------- अनुशासन भीतर लगा लें, तो आदमी भूलता नहीं (है)। इसीलिए कोई न कोई (अनु) अनुशासन लगा लें तो अच्छा है। 

15. बस, ये विचार जब जड़ जमाता हुआ चला गया, तो धीरे-धीरे, धीरे-धीरे ऐसा हो गया, कि फिर वो सब प्राणियों पे ------- करने लगा

16. अनुष्ठान में जप की संख्या तो उतनी ही होती है, पर उसके साथ-साथ में व्रत और संकल्प लेने पड़ते हैं। काहे का? उपवास का एक, ब्रह्मचर्य का दो, ------- का तीन, जमीन पे सोने का चार, अपनी सेवाएँ अपनेआप करने का पाँच - ये क्या बात है? ये मनोबल (के) बढ़ाने की (प्रक्रियाएँ हैं)। आदमी का संकल्प मजबूत होना चाहिए।

17. संकल्प कर लेने के बाद तो आदमी की आधी मंजिल पूरी हो जाती है। आपको भी अपने ------- की वृद्धि के लिए आत्मानुशासन स्थापित (करनी चाहिए)।

18. संकल्पबल उस लाठी की तरीके से है जो आपको गिरने से बचा (लेता है), और आपको ऊँचा चलने के लिए, आगे बढ़ने के लिए ------- प्रदान करता है।

19. संकल्पबल (बल) आपको प्रत्येक काम में उपयोग करने की जरूरत है। ब्रह्मचर्य के संबंध में, खान-पान के संबंध में, समयदान और अंशदान के संबंध में - आपको कोई न कोई, कोई न कोई काम ऐसे जरूर करने चाहिए जिसमें कि ये ------- होता हो कि आपने छोटा सा संकल्प लिया और (उसको) पूरा करने में लग रहे हैं। 

20. ये मनोबल बढ़ाने का तरीका है। मनोबल से बढ़ कर के और आदमी के पास कोई शक्ति नहीं है। पैसे (का) ताकत अपनेआप में ठीक, ------- की ताकत अपनेआप में ठीक, लेकिन ऊँचा उठने का जहाँ तक ताल्लुक है, वहाँ तक मनोबल और संकल्पबल को ही सबसे बड़ा माना गया है।

21. संकल्प और मनोबल से ज्यादा बढ़ कर के आदमी (के) व्यक्तित्व को उभारने वाली, ------- को उभारने वाली, (उसके) उसके चरित्र को उभारने वाली और कोई वस्तु है ही नहीं।

22. ये व्रतशीलता के साथ में जुड़ा हुआ अनुशासन है। अनुशासन उन संकल्पों का नाम है, जिसमें किसी सिद्धांत का तो समावेश होता ही होता है, लेकिन उस सिद्धांत (के) के साथ-साथ में, उस कार्य को पूरा होने के साथ-साथ में, ऐसा भी कुछ फैसला किया जाता है, जिसमें कि अपनेआप को ------- बना रहे।

23. मन को काट करने के लिए आप एक विचारों की सेना, विचारों की ------- बना कर के तैयार (रखिए)। विचार - विचारों से विचारों (को) को काटते हैं।

24. कुविचार - जो आपके मन में हर बार तंग करते रहते हैं, उसके मुकाबले (पे) एक ऐसी सेना खड़ी कर लीजिए जो आपके बुरे विचारों से लड़ सकने में ------- हों। अच्छे विचारों की भी तो (तो एक) एक सेना है।

25. लोभ के विचार आएँ, लालच के और बेईमानी के विचार आएँ - आप (ईमानदारों) के समर्थन के लिए उनके इतिहास और -------, और (शास्त्र) और आप्त-पुरुषों के वचन, सब मिला कर के रखिए - ईमानदारी (के) ही कमाई खाएंगे, बेईमानी (का) कमाई हम नहीं खाएंगे।

26. आपको अपनी बुराइयों और कमजोरियों (को) (को) (मुकाबले) मुकाबला करने के लिए भी, और समाज में फैले हुए अनाचार से ------- लेने के लिए भी

27. हर हालत में आपको (आपको) ऐसे ऊँचे विचारों की (सेणा) सेना बनानी चाहिए जो आपको भी हिम्मत देने में समर्थ हो सके, और आपके समीपवर्ती वातावरण में भी ------- माहौल पैदा करने में समर्थ हो सके।

28. संकल्पवान का अर्थ फिर एक बार समझ लीजिए - ऊँचे सिद्धांतों (का) को अपनाने का निश्चय, और उस निश्चय (को) में कोई (रास्ता) में व्यवधान न आवे, इसलिए थोड़े-थोड़े समय के लिए ऐसे अनुशासन, जिससे कि स्मरण बना रहे, ------- बढ़ता रहे

29. संकल्प की याद कर के आदमी अपनी गौरव, गरिमा को बनाए रह पाए - इसीलिए आपको ------- होना जरूरी है।

30. पीले कपड़े (पहनाने का) आपको कहा गया है - ये व्रतशील होने की निशानी है। दूसरे लोग पीले कपड़े नहीं पहनते, आपको पहनने चाहिए, इसका मतलब ये है (कि) (आपको आप) दुनिया का कोई दबाव आपके ऊपर नहीं है, और दुनिया की ------- करने में और (अनुकरण) करने में आपको कोई (मजा) मजा नहीं है। 

31. आपको खान-पान के लिए दबाया गया है, और ये कहा गया है - केवल अमृताशन ही भोजन किया कीजिए, केवल दाल, दलिया, ------- पे ही रहा कीजिए। तरह-तरह के व्यंजन और तरह-तरह के स्वादिष्ट भोजन (की मन) मन मत चलाया कीजिए। 

32. इससे क्या होगा? खान-पान का तो जो लाभ होगा सो होगा ही, खान-पान के लाभों (की) उतना मैं महत्व नहीं देता, जितना कि इस बात को महत्व देता हूँ कि आपने अपने मन को कुचल डालने का, मन (से) लोहा लेने को, मन को बदल डालने के लिए आपने वो ------- उठा लिया जिससे आपका दुश्मन आपका दोस्त बन सकता है।

33. आपका दुश्मन नम्बर एक - आपका मन; और आपका दोस्त नम्बर एक - आपका मन। दुश्मन को दोस्त के रूप में बदलने के लिए जिस दबाव की जरूरत है, जिस (आग में) आग की भट्टी में सड़े-गले लोहे को (को) गला कर के नया (औज़ा) ढालने की जरूरत है, (उस) भट्टी का नाम है संकल्प, -------।

34. संकल्पवान ही महापुरुष बने हैं, संकल्पवान ही ------- बने हैं, संकल्पवान ही सफल हुए हैं, और संकल्पवानों ने ही संसार की नाव को पार लगाया है।

35. आपको संकल्पवान और (व्रतसा) व्रतशील होना चाहिए, ------- आपकी नीति होनी चाहिए, उदारता आपका फर्ज़ होना चाहिए।

36. आप भी ऐसे व्रतशील हो कर के कुछ नियम पालन करते रहेंगे, और उनके साथ-साथ में किसी श्रेष्ठ कर्तव्य और उत्तरदायित्व (का) का ताना-बाना जोड़ के रखा करेंगे, तो आपके विचार सफल होंगे, आपका व्यक्तित्व ------- होगा, और आपकी प्रतिभा तीव्र होगी

37. आप (एक) अच्छे (व्यक्तियों) में शुमार होंगे, अगर आप आत्मानुशासन और अपनी व्रतशीलता का महत्व समझें, और उसे ------- की हिम्मत करें।

1. प्रकृति का कुछ ऐसा विलक्षण नियम है कि पतन स्वाभाविक (है), और उत्थान ---कष्टसाध्य ---- बनाया गया है। पानी को आप छोड़ दीजिए, नीचे बहता हुआ चला जाएगा

2. ग्रैविटी पृथ्वी में है न - ग्रैविटी क्या करती है? ऊपर की चीज़ों को नीचे घसीटती है। (घसीट लेती है)। सेब का पेड़, सेब का फल ---न्यूटन ---- ने देखा, जमीन (पे ऊपर से) गिरा। क्यों? गिरने की क्या बात है?

3. आपको ये काम करना चाहिए, (कि अब) आपको ऊँचा उठना है, तो आपको एक नई भीतर से हिम्मत इकट्ठी करनी चाहिए। क्या हिम्मत करें? ये हिम्मत करें कि ऊँचे उठने वाले जिस तरीके से संकल्पबल का सहारा लेते रहे हैं, --हिम्मत ----- से काम लेते रहे हैं, व्रतशील बनते रहे हैं, आपको उस तरीके से व्रतशील बनना चाहिए।

4. राकेट अगर फेंकने पड़ते हैं तब, तो आपने देखा है न, करोड़ों, अरबों रुपया खर्च करते हैं, तब एक राकेट का ऊपर अंतरिक्ष में ---उछालना ---- संभव होता है।

5. चौरासी लाख योनियों में भटकते हुए जो कुसंस्कार ढेरों-के-ढेरों इकट्ठे कर लिए हैं, अब इन कुसंस्कारों के खिलाफ बगावत शुरू कर दीजिए। कैसे करें? अपने को ----मज़बूत --- बनाइए।

6. तो क्या करना चाहिए? उसके लिए अपना मनोबल मजबूत करने के लिए आपको कोई संकल्प लेना चाहिए, संकल्प-शक्ति का ----विकास --- करना चाहिए।

7. संकल्प-शक्ति किसे कहते हैं? संकल्प-शक्ति उसे कहते हैं जिसमें कि ये ---फैसला ---- कर लिया जाता है कि (हम) ये तो करना ही है। ये तो हर हालत में करना (है)।

8. इस तरीके से संकल्प अगर आप किसी बात का कर लें, तो आप विश्वास रखिए, फिर आपका जो ----मानसिक --- निश्चय है, (नि) निश्चय, वो आपको आगे बढ़ा (देगा)।

9. कल्पनाएँ आज तक किसी की सफल नहीं हुईं, और संकल्प किसी के असफल नहीं हुए। इसीलिए आपको संकल्प-शक्ति का सहारा लेने के लिए ---व्रतशील ---- बनना चाहिए।

10. श्रेष्ठ काम करने के लिए, उन्नति की दिशा में आगे बढ़ने के लिए, आपको (कोई न कोई) कोई न कोई संकल्प --मन----- में लेने चाहिए।

11. ये काम करेंगे, ये काम करने तक के लिए कई आदमी ऐसा कर देते हैं - ये अच्छा काम जब तक पूरा न कर लेंगे, ये काम नहीं करेंगे - जैसे नमक नहीं खाएंगे, -----घी-- नहीं खाएंगे, वगैरह, वगैरह।

12. इसको देखने में तो कोई खास बात नहीं है - आपको अमुक काम करने से नमक का क्या ताल्लुक (है)? और आप शक्कर नहीं खाएंगे तो (क्या) क्या बात बन जाएगी? और आपने घी खाना बंद कर दिया है तो (कौन) कौन (जब तक) ऐसी बड़ी बात हो गई है, जिसकी वजह से आपको काम में ---सफलता---- मिलेगी?

13. इन चीज़ों में तो नहीं है दम, लेकिन दम उस बात में है, कि आपने इतना कठोर निश्चय कर लिया है, और आपने -----सुनिश्चित -- योजना बना ली है, कि हमको करना ही करना है, करना ही करना है, तब फिर आप विश्वास रखिए (आपको) काम पूरा हो के ही रहेगा।

14. ये (अपना) व्रत और प्रतिज्ञा को याद रखने का एक प्रतीक है, एक सिम्बल (symbol) है। प्रतिज्ञाएँ तो भूल जाते हैं, लेकिन अगर कोई ऐसा ---बहिरंग ---- अनुशासन भीतर लगा लें, तो आदमी भूलता नहीं (है)। इसीलिए कोई न कोई (अनु) अनुशासन लगा लें तो अच्छा है।

15. बस, ये विचार जब जड़ जमाता हुआ चला गया, तो धीरे-धीरे, धीरे-धीरे ऐसा हो गया, कि फिर वो सब प्राणियों पे ----दया--- करने लगा

16. अनुष्ठान में जप की संख्या तो उतनी ही होती है, पर उसके साथ-साथ में व्रत और संकल्प लेने पड़ते हैं। काहे का? उपवास का एक, ब्रह्मचर्य का दो, ---मौन ---- का तीन, जमीन पे सोने का चार, अपनी सेवाएँ अपनेआप करने का पाँच - ये क्या बात है? ये मनोबल (के) बढ़ाने की (प्रक्रियाएँ हैं)। आदमी का संकल्प मजबूत होना चाहिए।

17. संकल्प कर लेने के बाद तो आदमी की आधी मंजिल पूरी हो जाती है। आपको भी अपने ----मनोबल --- की वृद्धि के लिए आत्मानुशासन स्थापित (करनी चाहिए)।

18. संकल्पबल उस लाठी की तरीके से है जो आपको गिरने से बचा (लेता है), और आपको ऊँचा चलने के लिए, आगे बढ़ने के लिए ---हिम्मत ---- प्रदान करता है।

19. संकल्पबल (बल) आपको प्रत्येक काम में उपयोग करने की जरूरत है। ब्रह्मचर्य के संबंध में, खान-पान के संबंध में, समयदान और अंशदान के संबंध में - आपको कोई न कोई, कोई न कोई काम ऐसे जरूर करने चाहिए जिसमें कि ये ----प्रतीत --- होता हो कि आपने छोटा सा संकल्प लिया और (उसको) पूरा करने में लग रहे हैं।

20. ये मनोबल बढ़ाने का तरीका है। मनोबल से बढ़ कर के और आदमी के पास कोई शक्ति नहीं है। पैसे (का) ताकत अपनेआप में ठीक, -----बुद्धि -- की ताकत अपनेआप में ठीक, लेकिन ऊँचा उठने का जहाँ तक ताल्लुक है, वहाँ तक मनोबल और संकल्पबल को ही सबसे बड़ा माना गया है।

21. संकल्प और मनोबल से ज्यादा बढ़ कर के आदमी (के) व्यक्तित्व को उभारने वाली, --प्रतिभा----- को उभारने वाली, (उसके) उसके चरित्र को उभारने वाली और कोई वस्तु है ही नहीं।

22. ये व्रतशीलता के साथ में जुड़ा हुआ अनुशासन है। अनुशासन उन संकल्पों का नाम है, जिसमें किसी सिद्धांत का तो समावेश होता ही होता है, लेकिन उस सिद्धांत (के) के साथ-साथ में, उस कार्य को पूरा होने के साथ-साथ में, ऐसा भी कुछ फैसला किया जाता है, जिसमें कि अपनेआप को ----स्मरण --- बना रहे।

23. मन को काट करने के लिए आप एक विचारों की सेना, विचारों की ---श्रंखला---- बना कर के तैयार (रखिए)। विचार - विचारों से विचारों (को) को काटते हैं।

24. कुविचार - जो आपके मन में हर बार तंग करते रहते हैं, उसके मुकाबले (पे) एक ऐसी सेना खड़ी कर लीजिए जो आपके बुरे विचारों से लड़ सकने में ----समर्थ --- हों। अच्छे विचारों की भी तो (तो एक) एक सेना है।

25. लोभ के विचार आएँ, लालच के और बेईमानी के विचार आएँ - आप (ईमानदारों) के समर्थन के लिए उनके इतिहास और ----उदाहरण ---, और (शास्त्र) और आप्त-पुरुषों के वचन, सब मिला कर के रखिए - ईमानदारी (के) ही कमाई खाएंगे, बेईमानी (का) कमाई हम नहीं खाएंगे।

26. आपको अपनी बुराइयों और कमजोरियों (को) (को) (मुकाबले) मुकाबला करने के लिए भी, और समाज में फैले हुए अनाचार से ---लोहा ---- लेने के लिए भी

27. हर हालत में आपको (आपको) ऐसे ऊँचे विचारों की (सेणा) सेना बनानी चाहिए जो आपको भी हिम्मत देने में समर्थ हो सके, और आपके समीपवर्ती वातावरण में भी ---नया---- माहौल पैदा करने में समर्थ हो सके।

28. संकल्पवान का अर्थ फिर एक बार समझ लीजिए - ऊँचे सिद्धांतों (का) को अपनाने का निश्चय, और उस निश्चय (को) में कोई (रास्ता) में व्यवधान न आवे, इसलिए थोड़े-थोड़े समय के लिए ऐसे अनुशासन, जिससे कि स्मरण बना रहे, ---मनोबल ---- बढ़ता रहे

29. संकल्प की याद कर के आदमी अपनी गौरव, गरिमा को बनाए रह पाए - इसीलिए आपको ----व्रतशील --- होना जरूरी है।

30. पीले कपड़े (पहनाने का) आपको कहा गया है - ये व्रतशील होने की निशानी है। दूसरे लोग पीले कपड़े नहीं पहनते, आपको पहनने चाहिए, इसका मतलब ये है (कि) (आपको आप) दुनिया का कोई दबाव आपके ऊपर नहीं है, और दुनिया की ----नकल--- करने में और (अनुकरण) करने में आपको कोई (मजा) मजा नहीं है।

31. आपको खान-पान के लिए दबाया गया है, और ये कहा गया है - केवल अमृताशन ही भोजन किया कीजिए, केवल दाल, दलिया, ----खिचड़ी--- पे ही रहा कीजिए। तरह-तरह के व्यंजन और तरह-तरह के स्वादिष्ट भोजन (की मन) मन मत चलाया कीजिए।

32. इससे क्या होगा? खान-पान का तो जो लाभ होगा सो होगा ही, खान-पान के लाभों (की) उतना मैं महत्व नहीं देता, जितना कि इस बात को महत्व देता हूँ कि आपने अपने मन को कुचल डालने का, मन (से) लोहा लेने को, मन को बदल डालने के लिए आपने वो ---हथियार ---- उठा लिया जिससे आपका दुश्मन आपका दोस्त बन सकता है।

33. आपका दुश्मन नम्बर एक - आपका मन; और आपका दोस्त नम्बर एक - आपका मन। दुश्मन को दोस्त के रूप में बदलने के लिए जिस दबाव की जरूरत है, जिस (आग में) आग की भट्टी में सड़े-गले लोहे को (को) गला कर के नया (औज़ा) ढालने की जरूरत है, (उस) भट्टी का नाम है संकल्प, ---आत्मानुशासन ----।

34. संकल्पवान ही महापुरुष बने हैं, संकल्पवान ही ---उन्नतिशील ---- बने हैं, संकल्पवान ही सफल हुए हैं, और संकल्पवानों ने ही संसार की नाव को पार लगाया है।

35. आपको संकल्पवान और (व्रतसा) व्रतशील होना चाहिए, ----नेकी--- आपकी नीति होनी चाहिए, उदारता आपका फर्ज़ होना चाहिए।

36. आप भी ऐसे व्रतशील हो कर के कुछ नियम पालन करते रहेंगे, और उनके साथ-साथ में किसी श्रेष्ठ कर्तव्य और उत्तरदायित्व (का) का ताना-बाना जोड़ के रखा करेंगे, तो आपके विचार सफल होंगे, आपका व्यक्तित्व ----पैना--- होगा, और आपकी प्रतिभा तीव्र होगी

37. आप (एक) अच्छे (व्यक्तियों) में शुमार होंगे, अगर आप आत्मानुशासन और अपनी व्रतशीलता का महत्व समझें, और उसे ----अपनाने --- की हिम्मत करें।