आध्यात्मिक कायाकल्प

अध्यात्म द्वारा दैनिक जीवन के प्रश्नों के समाधान

Refinement of Personality Through Spirituality

Answers to the questions of day-to-day life through Spirituality

पाठ्यक्रम 620105 - युग निर्माण योजना (मनुष्य में देवत्व के उदय एवं धरती पर स्वर्ग के अवतरण हेतु)

(परम पूज्य गुरुदेव, पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा दिए गए उद्बोधनों पर आधारित पाठ्यक्रम) (स्व-शिक्षण पाठ्यक्रम Self-Learning Course)

गायत्री परिवार - एक प्रयोगशाला

- व्यक्ति एवं समाज के परिवर्तन की

परम पूज्य गुरुदेव, पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा दिया गया उद्बोधन

यहाँ दिए गए उद्बोधन (.mp3 फाइल) को सुनें, एवं उस पर आधारित प्रश्नोत्तरी को हल करें

प्रश्नोत्तरी नीचे दी गई है

प्रश्नोत्तरी

1. युग निर्माण परिवार का गठन एक _____ के रूप में हुआ है।

2. प्रयोगशाला में रासायनिक पदार्थ तैयार किए जाते हैं, उसके _____ को सर्वसाधारण के सामने उपस्थित किया जाता है।

3. युग निर्माण परिवार का (पठन) गठन एक पाठशाला के तरीके से, जहाँ _____ पढ़ाए जाते हैं और पढ़-लिख कर के समाज के अन्य _____ को संभालते हैं।

4. गायत्री परिवार का गठन एक व्यायामशाला के तरीके से, जिसमें लोग व्यायाम करते हैं और _____ हो कर के दंगल में कुश्तियाँ पछाड़ते हैं।

5. युग निर्माण परिवार का गठन एक नर्सरी के तरीके से, जिसमें छोटे छोटे _____ पौधे तैयार किए जाते हैं और वहाँ से पैदा होने के बाद दूसरे _____ में भेज दिए जाते हैं

6. युग निर्माण परिवार का गठन एक कृषि फार्म के तरीके से, कृषि फार्म के तरीके से, कृषि फार्म में छोटे-छोटे _____, गन्ने के, सोयाबीन के, अमुक के, तमुक के, किए जाते हैं, और जो उसके _____ निकलते हैं, तो सब लोगों को मालूम तो पड़ते हैं, और उसी आधार पर अपने-अपने कृषियों को करना शुरू कर देते हैं।

7. _____ के निर्माण की एक प्रयोगशाला के रूप में, पाठशाला के रूप में, व्यायामशाला के रूप में, नर्सरी और कृषि फार्म के रूप में युग निर्माण परिवार का _____ किया गया

8. हम चाहते हैं व्यक्ति _____ जाये, हम चाहते हैं व्यक्ति ऊँचा उठे, क्यों, क्योंकि हम _____ को ऊँचा उठाने, उठाना चाहते हैं, समुन्नत बनाना चाहते हैं।

9. आखिर समाज है क्या? समाज व्यक्तियों का _____ मात्र है। व्यक्ति जैसे होंगे वैसा ही तो समाज बनेगा।

10. इसलिए व्यक्तियों को श्रेष्ठ बनाने का मतलब है समय को अच्छा बनाना, और समय को अच्छा बनाने का मतलब है _____ के प्रवाह को बदल देना

11. युग परिवर्तन का जो नारा लगाते हैं, उद्घोष करते हैं, उसका _____ यही है कि हम युग बदलेंगे, समाज बदलेंगे और व्यक्ति बदलेंगे

12. व्यापक क्षेत्र में हम _____ नहीं कर सकते, छोटे क्षेत्र में हम प्रयोग करते हैं, ताकि उसकी देखा-देखी, उसका अनुकरण करते हुए अन्यत्र वो परम्पराएँ चलें।

13. बाहर की परिस्थितियाँ _____ की स्थिति के ऊपर निर्भर हैं।

14. हम इच्छाएँ करते हैं, और इच्छाएँ से हमारा _____ काम करता है। मस्तिष्क की प्रेरणा से शरीर काम करता है। शरीर और मस्तिष्क दोनों ही हमारी _____ की, अंतःकरण की प्रेरणा से काम करते हैं।

15. इसीलिए जरूरत इस बात की पड़ी कि हमारी आंतरिक _____ को, आंतरिक मान्यताओं, निष्ठाओं को _____ कर दिया जाए, ताकि हमारे जीवन का सारे का सारा ढाँचा ही बदला जा सके।

16. कष्टकारक परिस्थितियों को निवारण करने के लिए आवश्यक है कि मनुष्य के क्रियाकलाप सही हों। क्रियाकलाप सही होने से पूर्व यह आवश्यक है कि मनुष्य का _____ और _____ बदल दिया जाए, परिष्कृत कर दिया जाए।

17. यही हैं हमारे प्रयास जिसके लिए अपनी समस्त _____ के साथ में लगे हुए हैं।

18. चार चीजों के आधार पर हमारी आत्मिक उन्नति टिकी हुई है, और वो चार आधार हैं - _____, _____, _____ और _____।

19. ठीक इसी प्रकार से हमारी आत्मिक जीवन का विकास करने के लिए, _____ के लिए, व्यक्ति निर्माण करने के लिए, व्यक्ति की _____ और महिमा बढ़ाने के लिए आवश्यक है कि हम उन चार चीजों को साथ-साथ ले कर के कहें जो अभी-अभी आप लोगों के सामने निवेदित की गई थीं।

20. १. उपासना धन साधना। उपासना और साधना, इन दोनों चीजों को मिलाकर के एक _____ चीज बनती है।

21. उपासना का अर्थ है - भगवान पर विश्वास, भगवान की _____।

22. उपासना माने भगवान के पास बैठना, _____ बैठना। इससे क्या मतलब हुआ? इससे ये मतलब हुआ कि उसकी _____ हम अपने जीवन में धारण करें।

23. एक होने से मतलब यह है कि दोनों की _____, दोनों की गतिविधियाँ, दोनों की क्रियापद्धति, दोनों के _____ एक जैसे रहें।

24. उपासना का तात्पर्य अपनी _____ को इस लायक बनाना है कि हम भगवान के आज्ञानुवर्ती बन सकें। उनके संकेतों के इशारे पर अपनी _____ और क्रियापद्धति को ढाल सकें।

25. साधना का अर्थ ये है - अपने गुण, कर्म, _____ को साध लेना।

26. इस अनगढ़पन को _____ कर लेना, सुगढ़पन को अपने भीतर से विकास कर लेना, कुसंस्कारों को जो पिछली योनियों के कारण से हमारे भीतर जमे हुए हैं, उनको _____ कर देना, और इस तरह की स्वभाव अपने, अपना बना लेना, जिसको हम मानवोचित कह, कह सकें

27. कच्ची धातुओं को जिस तरीके से आग में तपा करके उसको शुद्ध और _____ बनाया जाता है, जेवर आभूषण बनाए जाते हैं,

28. उसी तरीके से हमारा कच्चा जीवन, कुसंस्कारी जीवन को ढाल करके ऐसा सभ्य और ऐसा _____ बनाया जाए, कि हम ढली हुई धातु के _____ के तरीके से, अथवा औजार-हथियार के तरीके से दिखाई पड़ने लगें।

29. इसके लिए हमको _____ ही आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। अपनी _____ पर गौर करना चाहिए। उनको सुधारने के लिए कमर कसनी चाहिए।

30. दूसरों के दुःख हमारे दुःख हों, दूसरों के सुखों में हम _____ रहें, इस तरह की वृत्तियों का अगर हम _____ कर सकें तो कहा जाएगा कि हमने जीवन साधना करने के लिए प्रयास किया

31. जीवन की साधना की सिद्धि में किसी प्रकार के _____ की गुंजाइश नहीं है।

32. २. स्वाध्याय हमारी मन की मलीनताओं को धोने के लिए _____ आवश्यक है।

33. हमको श्रेष्ठ विचार अपने भीतर धारण करने के लिए श्रेष्ठ पुरुषों का _____ करना चाहिए।

34. चारों तरफ का वातावरण, जिसमें हमारे कुटुंबी भी शामिल हैं, मित्र भी शामिल हैं, घर वाले भी शामिल हैं, हमेशा इस बात के लिए दबाव डालते हैं कि हमको किसी प्रकार से भी, किसी भी कीमत पर, _____ सफलताएँ पानी चाहिए, चाहे उसके लिए नीति बरतनी पड़े अथवा अनीति का _____ लेना पड़े।

35. अगर हमको श्रेष्ठता के मार्ग पर चलना है, आत्मोत्कर्ष करना है, तो हमारे पास ऐसी _____ भी होनी चाहिये जो, जो इन पतन की ओर घसीट ले जाने वाली सत्ताओं का मुकाबला कर सके।

36. यह सत्संग कैसे हो सकता है? सत्संग केवल _____ के माध्यम से संभव है

37. प्रत्येक महापुरुष _____ की कीमत को समझता और व्यस्त रहता है।

38. इसीलिए अच्छा तरीका यही है कि हम अपने जीवन में नियमित रूप से, जैसे, जैसे अपने कुटुम्बी और मित्रों से बात करते हैं, श्रेष्ठ महानुभावों से, युग के _____ से बातचीत करने के लिए समय निकालें, और इस समय निकालने की प्रक्रिया का नाम है - स्वाध्याय।

39. स्वाध्याय को _____ विकास के लिए अत्यधिक आवश्यक माना गया है।

40. स्वाध्याय के द्वारा, श्रेष्ठ _____ के द्वारा अपने ऊपर जमने वाले कषाय और कल्मषों को _____ आवश्यक है।

41. स्वाध्याय से हमको प्रेरणा मिलती है, _____ मिलती हैं, मार्गदर्शन मिलता है, श्रेष्ठ पुरुष हमारे सान्निध्य में आते हैं, और हमको अपने मार्ग पर चलने के लिए _____ करते हैं

42. ३. तीसरी चीज़ जो आत्मिक उन्नति के लिए आवश्यक है, उसका नाम है - संयम। संयम का अर्थ है - _____।

43. रोकथाम करें, अगर हम अपनेआप की, तो हमारी शक्तियों का जो _____ अपव्यय होता रहता है, उसको हम बचा सकते हैं, और उस बची हुई शक्ति को किसी _____ और आवश्यक कार्य में अगर हम लगाना चाहें, इससे समुचित लाभ उठा सकते हैं।

44. ३(क). _____ तरह के संयम बताए गए हैं - एक इंद्रिय-निग्रह, जिसमें जीह्वा इंद्रिय और कामेन्द्रिय का संयम मुख्य है।

45. शारीरिक दृष्टि से जिनको _____ बनना हो, दीर्घजीवी बनना हो, नीरोग रहना हो, उनको इंद्रिय-निग्रह का महत्व समझना चाहिए और अपने आप को संयम के अभ्यासी बनाना चाहिए।

46. ३(ख). दूसरा _____ मनो-निग्रह है।

47. जिस कार्य में भी हमने मन लगाया होता, सफलता की _____ श्रेणी तक जा पहुँचे होते।

48. मनोनिग्रह करके हम _____ की शक्ति, और एक दिशाधारा में चलने की सामर्थ्य प्राप्त कर सकते हैं, उससे हमारी सफलताओं का द्वार खुल सकता है।

49. ३(ग). समय का निग्रह - हम समय को बर्बाद करते रहते हैं _____ में पड़े-पड़े, प्रमाद में पड़े-पड़े

50. जबकि हम समय का थोड़ा-थोड़ा भी उपयोग कर लेते तो न जाने कितना _____ उठा सकते थे।

51. ३(घ). _____ का निग्रह, अर्थ निग्रह - अर्थ निग्रह भी हम ऐसे ही महत्वपूर्ण है।

52. अगर हम उसको फिजूलखर्ची से बचा सके होते, और उस, उस धन को हमने किसी उपयोगी काम में लगाया होता तो _____ और _____ उन्नति की दिशा में हम कहीं आगे बढ़ गए होते

53. अर्थ-निग्रह, _____, मनो-निग्रह, _____ - इन चारों के चारों निग्रहों को हम करें तो हम संयमशील हो सकते हैं।

54. हमको _____ व्रत का अभ्यास करना चाहिए, हमको _____ का अभ्यास करना चाहिए, हमको _____ का अभ्यास करना चाहिए।

55. ४. चौथा कार्य सेवा का है। मनुष्य समाज का ॠणी है, _____ प्राणी है।

56. उसकी जीवात्मा का विकास और जीवन का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सेवा, सेवा से बड़ा _____, सेवा से बड़ा _____ कुछ नहीं हो सकता।

57. सबसे बड़ा सेवा का कार्य हमारे लिए क्या हो सकता है? _____ से बड़ा कोई, कोई और दूसरा पुण्य नहीं हो सकता।

58. ज्ञान, विचारणा, _____, यही तो है शक्ति का अंश। इसीलिए ब्राह्मण और साधु हमेशा से ज्ञान यज्ञ को ही सर्वोत्तम सेवा मान करके उसमें संलग्न रहे हैं

59. इसके लिए _____ हमको करना चाहिए। सेवा के लिए हमको _____ घंटा समय और _____ पैसे नित्य का जो न्यूनतम कार्यक्रम दिया गया था, ज्ञान यज्ञ और विचार क्रांति के लिए, उस पर हमको मुस्तैदी से अमल करना चाहिए।

60. हमारी क्षमताओं का उपयोग, हमारे समय का उपयोग, केवल पेट पालने तक ही सीमित न रहे, बल्कि _____ और लोकहित के लिए भी खर्च करे।

61. यदि हमने अपना परिष्कार और परिवर्तन किया तो समाज का परिवर्तन और समाज का परिष्कार स्वाभाविक और _____ हो जाएगा।

62.युग का परिवर्तन, व्यक्ति के परिवर्तन और समाज के परिवर्तन के साथ जुड़ा हुआ है। अपनी छोटी सी _____ में हम इसी का प्रयोग करते हैं