- साहित्य शब्द के दो अर्थ हैं। एक है सभी तरह की लिखी हुई या बोली (मौखिक) हुई रचनाएँ जैसे दवाईयों के साथ दिया जाने वाला छपा हुआ कागज आदि और दूसरा वे लिखी हुई या बोली गई विशेष रचनाएँ जिनमें कला और सौंदर्य होता है।
- इस तरह साहित्य दो तरह का होता है: ज्ञान का साहित्य और भावना या शक्ति का साहित्य।
- ज्ञान के साहित्य का लक्ष्य होता है सिखाना।
- भावना के साहित्य का लक्ष्य होता है भावनाओं को जगाना।
- भावना के साहित्य में गद्य और पद्य में लिखी गई सभी रचनाएँ होती है जैसे कहानी, नाटक, कविता, उपन्यास, निबंध आदि।
- जब हिंदी के साहित्य की बात करते है तो हम उसके भावना के साहित्य की बात करते हैं।
- यह साहित्य समाज और जीवन का आईना (दर्पण) होता है।
- साहित्य में मानवजाति के सभी अनुभवों और विचारों का भंडार होता है।
- प्रत्येक देश या भाषा का साहित्य वहाँ की जनता के सोचने के मुख्य तरीके को दिखाता है। जब सोचने का तरीका बदलता है तब साहित्य भी बदलता है।
- साहित्य का इतिहास: आदि से अंत तक सोचने के तरीके के बदलने के साथ लिखे गए या बोले गए साहित्य में हो रहे परिवर्तन को साहित्य के इतिहास में दिखाया जाता है।
- हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास फ्रेंच लेखक गार्सा-द-तासी ने लिखा था। इस पुस्तक का नाम था – ’इस्त्वार द ल लितरेत्यूर ऎन्दूई ए ऎन्दुस्तानी’ (वर्ष 1839)। बाद में ब्रिटिश विद्वान सर जॉर्ज अब्राहम ग्रीयर्सन ने वर्ष 1889 में 'मॉडर्न वर्नाक्युलर लिटरेचर ऑव नार्दर्न हिंदुस्तान’ नामक हिंदी साहित्य का इतिहास लिखा।
- हिंदी साहित्य का इतिहास लिखने वाले प्रथम भारतीय शिवसिंह सेंगर थे। उन्होंने ’शिवसिंह सरोज’ नामक पुस्तक वर्ष 1833 में लिखी।
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने बाद में ’हिंदी साहित्य का इतिहास’ (वर्ष 1929) नामक पुस्तक में हिंदी साहित्य का पहला आधुनिक इतिहास लिखा।
साहित्य के इतिहास का कालविभाजन: (कालविभाजन = काल या समय का विभाजन)
- साहित्य का काल विभाजन अलग-अलग भाषाओं के साहित्य में अलग-अलग तरीके से होता है:
- चीनी भाषा में लिखे गए साहित्य के इतिहास का कालविभाजन राजाओं के वंश के नाम पर हुआ है – हान वंश का साहित्य,तांग वंश का साहित्य, सुंग वंश का साहित्य, युवान वंश का साहित्य, मिंग वंश का साहित्य, मांचु वंश का साहित्य आदि
- रूसी भाषा में लिखे गए साहित्य के इतिहास का कालविभाजन राजाओं और शासनकाल के नाम पर हुआ है – पीटर महान के पहले के समय का साहित्य, राजतंत्र का साहित्य, क्रांति के बाद का साहित्य (सोवियत साहित्य), सोवियत के बाद का साहित्य।
- जापानी भाषा में लिखे गए साहित्य के इतिहास का कालविभाजन राजधानियों और राजाओं के वंश के नाम पर हुआ है – नारा काल का साहित्य, हेइआन काल का साहित्य, कामाकुरा काल का साहित्य, मुरोमाची काल का साहित्य, तोकुगावा काल का साहित्य, मेइजि काल का साहित्य आदि।
- अरबी भाषा में लिखे गए साहित्य के इतिहास का कालविभाजन धर्म के आधार पर हुआ है – इस्लाम के पहले का साहित्य (जाहिलयाह साहित्य) और इस्लाम के आने के बाद का साहित्य।