(अपडेट दी:7/11/24) वेबसाइट में समाज ऊपयोगी सूचना डालने के लिए (मोतीसिंह पिथासिंह सुजावत-8200633847) पर वोटसअप हेतु सभी स्वजातीय महोदयश्री आमंत्रीत हेl
“सेन्दड़ा क्षत्रिय सम्मेलन”
अरावली की उपत्यकाओं में विस्तृत वर्धनोरा (मगरांचल) क्षेत्र के रावत-राजपूतों और समीपस्थ क्षेत्रों के राजपूत सरदारों का दिनांक ३० अक्टूबर, १९४७ ई. को सेन्दड़ा (जिला-पाली) में राजपूताना रावत-राजपूत महासभा, राजस्थान क्षत्रिय महासभा और अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के तत्वाधान में सम्मेलन हुआ, जिसके प्रमुख सूत्रकार राजपूताना रावत-राजपूत महासभा के सभापति मेजर फतेहसिंह जी रावत-राजपूत थे। सम्मेलन के मुख्य अतिथि जोधपुर राज्य के राज राजेश्वर महाराजाधिराज हनुवंतसिंह जी राठौड़ (१९४७-१९५२ ई.) थे। सम्मेलन में सैकड़ों रावों, उमरावों, जागीरदारों, ठाकुरों सहित हजारों राजपूत एवं रावत-राजपूत सरदारों ने भाग लिया। सम्मेलन में राजस्थान क्षत्रिय महासभा के इस इतिहास-सम्मत निर्णय की उद्घोषणा की गई –
“रावत-राजपूत जाति के मूल में चौहान, गहलोत, पंवार, राठौड़, भाटी आदि राजपूत वंशज समाविष्ट है इसलिए राजपूताना क्षत्रिय महासभा की प्रतिनिधि सभा में तारीख १२ अक्टूबर, १९४७ ई. की जोधपुर बैठक में यह निर्णय लिया गया कि रावत-राजपूत निर्विवाद रूप से राजपूत समाज के ही अंग है।”
सम्मेलन में लिये गए उपर्युक्त ऐतिहासिक निर्णय के प्रमुख हस्ताक्षर —
महाराजा तेजसिंह जी अलवर (अ.भा. क्षत्रिय महासभा),
महाराज कुमार दलजीतसिंह जी ईडर (राज. क्षत्रिय महासभा),
ठाकुर मंगलसिंह जी खूड,
कर्नल मोहनसिंह जी भाटी जोधपुर,
कु. गोविन्दसिंह जी चंडावल,
कु. देवीसिंह जी मंडावर,
मोडसिंह जी खरवा,
ठाकुर रामसिंह जी सिरोही,
ठाकुर माधोसिंह जी खींची।
महाराजाधिराज हनुवंतसिंह जी के सम्बोधन का मुख्य अंश –
“भाईयों! म्हने इण बात री घणी खुशी अर गर्व है कि म्हारा राज में पचास हजार सूं ऊपर रावत-राजपूत भाई म्हारे मायने पाछा मिल रया है। इण काम ने पूरो करने आपां जिण दूरंदेशी रो परचो दियो है वो तवारीख में सोना रा आखरां सूं लिख्यो जावेला।...... मैं एक राजपूत री हैसियत सूं रावत-राजपूत भाईयों रो स्वागत करूं हूँ।”
लोकार्पण - ३० अक्टूबर, २०२० ई. तद्नुसार मिति आश्विन शुक्ल १४ वि.सं. २०७७...
स्त्रोत- वर्धनोरा राज्य का इतिहास लेखक- स्व. डॉ. मगनसिंह चौहान, रावजी का तालाब, कूकड़ा।
┄┄┅┅━━═۞═━━┅┅┄
#___जय_मां_भवानी____
#___जय_राजपूताना____
स्वाभिमानी रावत राजपूत संस्था राजसमन्द राजस्थान
इतिहास संकलनकर्ता ― सूरजसिंह सिसोदिया ठि.– बोराज-काजिपुरा, अजमेर