रावत राजपुत राजवंश - गोत्रावली
अजमेर मेरवाड़ा में रावत राजपूत समीकरणीय समुदाय की गौत्रें
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अजमेर मेरवाड़ा में रावत राजपूत समीकरणीय समुदाय की गौत्रें
अजमेर मेरवाड़ा में रावत राजपूत समीकरणीय समुदाय की गौत्रें
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अनहल वंशी चीता गौत्रें -वंश परम्परा के क्रम में (16 गौत्र चीतो की)
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1.भोपात 2.नापात 3.वन जोगी(सारण) 4.राजोरिया 5.धाड़ियात 6.बिगड़ियात 7. लाडात 8.लगेत 9.नाडोत 10.कणियात 11.मलेत,12.बोरवाड़ा 13.भूंडात (भूड़ात) 14. मुंडियात चीता 15.हरियाला चीता 16.पोम्बड़ियात चीता 17.बहलोल 18.नणेत 19.बीजलोत चीता 20.पालोत चीता 21.पाखरिया चीता 22.कूम्बात चीता 23.नोमणियात चीता 24.बाजड़ियात चीता 25.चाचकियात चीता 26.बलाडिया 27.भादात 28.सातलखानी (11 गांव काठा क्षेत्र ) 29.काठात मेर (चीता जोधावत गजावत करनावत ) 30.घोड़ावटी-नरावत और देवावत। नरावत-१.सूरावत २.उदावत ३.तेजावत ४.नेतावत ५.खींयावत(मोडूगढ़ मालवा)। देवावत-१.वीरमोत
वर्तमान में हरमर,खरमर आदी गौत्रों का अन्य गौत्रों में विलय हो गया या वंश समाप्त हो गया हैं।
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अनूप वंशीय बरड़ गौत्रें- वंश परम्परा के क्रम में
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1.सेड़ोत 2. धामात 3.झूंठा 4.खांखावत 5.लखियात 6.धकोत 7.पातलात 8.धोधात 9.रामनोत थोक- वरात- A.वरात B.डूंगावत C.कानात D.रत्नावत E.कीतात F.गोदावत G. मोकावत H.होड़ात I.खींमात J.मेरात. K.कूंपावत (बाहड जी)के हाला और मेघा । हाला जी के हालावत+बाहड़ोत और मेघात।
10.कोठात थोक- a.राजावत(रावल जोगी) b.वेरात+टाटोक c.माणकात d.हीरात । लोलाजी के अ.आपावत, ब.मालावत, स.भीलावत, द.लाखावत, य.करणावत, र. खींमावत। मालाजी के खंगार जी के पाँच 1.चरड़ा जी के चरड़ात 2.देवराज जी के देदा जी के aरावजी और bहोडात, cकेनात, dपूरात । रवताई रावत रावजी की गुँआर। 3.हादात- aहींयात, bआत, cखेतात, dचौंपात। 4.चांदाजी के चांदावत, गोपाजी के गोपात(दात),5.विन्दाजी (पीथाजी) के विन्दात।
माल जी के दूसरे बेटे देलाजी से सूजावत, पदमावत। मालाजी के तीसरा बेटे काना जी से कानावत
11.सांगणोत, 12.हुलणोत
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गहलोत वंशी गौत्र- वंश परम्परा क्रम में आठ रावल हुए, खुंमा रावल के महाराणा प्रताप के बाद कान रावल के मन्ना रावल और चन्द्रा रावल हुए।
मन्ना रावल के --
1.गोदात(शाहपुरा, अमरबावड़ी,बोरवा आदि)
2.भूण्डक (फताखेड़ा,फता की पोल,भोजपुरा आदि)
3.विहलात (जोड़किया और नाहरपुरा)
चन्द्रा रावल के --
4.महेन्द्रात-(बोरवा,रामगढ़,ठिकरणा,कानपुरा,रेणपुरा,देतपुरा,रेल का बाड़िया,बागमाल,बारखेड़ा(मसूदा)
5.बप्पा रावल के कछजी से काछी कहलाए (स्वादड़ी,परबतपुरा, खानपुरा,सोमलपुर, रामगढ़,कानपुरा,जौहरखेड़ा और मेवाड़ में)
6.बप्पा रावल के गुरजी से गरतूण्ड हुए (गुरजी नरवर आकर बसे वंशज नरवर से बस्सी से श्यामगढ़ मसूदा आए...यहाँ से उनके वंशज लुम्बा जी झूंठा आकर बसे और गरतूण्ड कहलाऐ। (रतनपुरा, राजियावास, खैंराटा (टॉडगढ़), झाड़ली,सेन्दड़ा आदि)
7. बप्पा रावल के गोपाजी के वंशज डींगा कहलाए। इनके वंशज मानाजी बागात कुकरखेड़ा आकर बसे और कुछ यहाँ से सोनियाणा चले गये।
8. खेम रावल के बावलाजी जी हुए। इनके वंशज बावलात कहलाए।
9.चरेड़ 10. बरगट 11.वाणियात 12.वालोत। 13.लोहरा 14.कानात 15.मादात 16.डागल 17. काठ 18. कीट 19.बूज 20.मन्नात 21.बहलोल 22.मोटा 23.विटोल 24.भीलात 25.दोयमा 26.धोरणा 27.धर्मलात 28.भूचर 29.भाभला
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पँवार वंश क्रम- हरिशचंद्र के रोहितास और मोटा,रोहितास के हरिया व चरिया। हरिया के मोठिस (मगरा+अजमेरा)। चरिया के मोठिस (जहाजपुर)। मोटा जी पँवार के वंशज-- 1.देहलात 2.मोठिस 3.कल्लात 4.बोया
5.धोधिंग 6.खींयात 7. मिराला 8.तोजी 9.मूंजी 10.टाटड़
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भाटी वंश क्रम- 1.ठेकरोत 2.सेलोत 3.चोरोत 4.घाटात 5.पांपलियात 6.रेलोत 7.हेलोत 8.जालात (सिरोही) 9.वाणात(मेवाड़)
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राठौड़ वंश क्रम- 1.पोखरिया 2.बोच 3.मामणियात 4.बरलोत,5.रजवंशी 6.भरल
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अन्य में-- कड़िवाल, चरड़ माल, चांदा, बोड, नाडला, परिहार और कुछ नई गोत्र
गोविन्द सिंह चौहान, भागावड़
डॉ. मेघ सिंह जी ,,बागलिया