छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना
छत्तीसगढ़ सरकार ने भी कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए एक बड़ा फैसला किया है. कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने ''छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना-2021'' योजना शुरू करने का ऐलान किया है. इस योजना के माध्यम से बेसहारा बच्चों को फ्री में शिक्षा और स्कालरशिप दी जाएगी ।
हर महीने मिलेंगे 1 हजार रुपए
बघेल सरकार कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को हर महीनें कक्षा पहली से 8वीं तक 500 रूपए और कक्षा 9वीं से 12वीं तक एक हजार रूपए स्कालरशिप देगी. योजना के तहत पात्र पाए गए बच्चों को प्रदेश के सरकारी स्कूल में इसी सत्र से फ्री शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी. इन बच्चों को राज्य शासन द्वारा संचालित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश में प्राथमिकता दी जाएगी. सरकार उनकी शिक्षा का पूरा खर्चा उठाएगी ।
इन्हें मिलेगा योजना का फायदा
योजना का लाभ छत्तीसगढ़ के मूल निवासी परिवारों से संबंधित बेसहारा बच्चों को मिलेगा. इस योजना की पात्रता शर्तों में ऐसे बच्चे जिनके परिवार से कमाने वाले माता या पिता या दोनों की मृत्यु कोरोना से हो गई हो. इसके अलावा बेसहारा बच्चे स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के लिए पात्रता रखते हों और जिनके घर में कमाने वाले व्यस्क सदस्य न रहने के कारण भरण-पोषण की समस्या हो गई हो उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा ।
यहां मिलेगी शिक्षा
योजना के तहत पात्र पाए गए बच्चों को प्रदेश के शासकीय शालाओं में निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी. ऐसे पात्र बच्चों को राज्य शासन द्वारा संचालित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश में प्राथमिकता दी जाएगी तथा उनके शिक्षा का सम्पूर्ण व्यय राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा. इसके साथ ही छात्रवृत्ति भी दी जाएगी. ऐसे बच्चे जिनके कमाने वाले माता-पिता की मृत्यु हो गई उन्हें निःशुल्क शिक्षा दी जाएगी. पात्र छात्रों को स्कूली शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा. प्रतिभावान छात्रों को व्यावसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए प्रशिक्षण, कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
ये रहेगी व्यवस्था
बेसहारा बच्चों के संबंध में किसी भी स्त्रोत से कलेक्टर को जानकारी प्राप्त होने पर, कलेक्टर जिला शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध कराएंगे. इसके अलावा छात्र स्वयं या अभिभावक द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को सीधे आवेदन कर सकेंगे. प्राप्त आवेदन पत्रों का परीक्षण के लिए जिला शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित होगी, जिसमें स्वास्थ्य विभाग और समाज कल्याण विभाग के एक-एक अधिकारी नामांकित होंगे. समिति की अनुशंसा पर जिला कलेक्टर द्वारा स्वीकृति दी जाएगी. अभिलेखों के रख-रखाव के लिए पंजी का संधारण जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा किया जाएगा. योजना की समीक्षा जिला कलेक्टर द्वारा समय-समय पर की जाएगी ।