समग्र शिक्षा के तहत शाला अनुदान एवं अन्य मदों का पी. एफ. एम. एस. से होगा भुगतान
शिक्षा विभाग में अब सभी तरह का भुगतान पीएफएमएस से होगा। इसके लिए स्कूलों का खाता भी जीरो बैलेंस पर खोला जा चुका है। स्कूल प्रबंधन को अब चेक काटने पर रोक लगा दी गई है। शिक्षा विभाग में अब सभी तरह का भुगतान पीएफएमएस से होगा।
शिक्षा विभाग में अब सभी तरह का भुगतान पीएफएमएस से होगा। इसके लिए स्कूलों का खाता भी जीरो बैलेंस पर खोला जा चुका है। स्कूल प्रबंधन को अब चेक काटने पर रोक लगा दी गई है। शिक्षा विभाग में अब सभी तरह का भुगतान पीएफएमएस (सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली) से होगा। समग्र शिक्षा अभियान से लेकर एमडीएम का चेक से भुगतान नहीं कर सकेंगे। उन्हें आनलाइन माध्यम से पीएफएमएस से भुगतान करना होगा। इसको लेकर सरकारी विद्यालयों का खाता जीरो बैलेंस पर खोला जा चुका है। अक्टूबर माह से विद्यालयों को चेक काटने पर रोक लगाई गई है। स्कूलों को अब विकास मद में मिले राशि को पीएफएमएस के माध्यम से आनलाइन भुगतान करना होगा।
आनलाइन करना होगा भुगतान, नहीं तो होगी कार्रवाई
अब स्कूलों को विकास मद की राशि समेत अन्य किसी भी तरह का भुगतान चेक के माध्यम से नहीं किया जाएगा। स्कूलों को भुगतान की प्रक्रिया आनलाइन करनी होगी। ऐसा नहीं करने पर प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई होगी। पीएफएमएस से भुगतान से पारदर्शिता आएगी। राशि संबंधित व्यक्ति के खाते में एक क्लिक में चली जाएगी। एमडीएम का भी भुगतान पीएफएमएस से होगा।
30 मदों से आता है एसएमसी खाते में पैसा
स्कूलों में एसएमसी खाते में शाला एकीकृत और अकादमिक निधि, विधायक निधि, सांसद निधि, एनजीओ, सीएसआर, लाइब्रेरी, बाल सभा, स्टेशनरी, बिजली, मरम्मत, स्वच्छता, किचन, सुरक्षा, छात्रवृति सहित 30 मदों का पैसा आता है।
मद परिवर्तन पर लगेगा ब्रेक
इको क्लब, शाला अनुदान, खेल अनुदान सहित कई प्रकार की राशि को स्कूल प्रबंधन द्वारा मद परिवर्तन कर दूसरे कार्य में खर्च कर दिया जाता है। खासकर इको क्लब को मिली राशि का तो जमकर दुरुपयोग होता है। इस सिस्टम में अघोषित रूप से मद परिवर्तन पर लगाम लगेगी, जिस मद में राशि है उसी में खर्च होगा।
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संकुल तवेरा के तहत वेंडर जिसका उपयोग संस्था और अन्य स्कूल द्वारा किया जा सकता है