हममें गुणों का विकास हो, इसके लिए हमारे सामने ही नववर्ष रूप में उपस्थित होकर आ रहा है। सभी जानते है कि हम अपने चिर—परिचितों को बधाई के रूप में हैप्पी न्यू ईयर कहते हैं। नववर्ष की शुभकामना। लेकिन गहराई से कभी इन शब्दों पर आत्म चिंतन नहीं किया। हैप्पी न्यू ईयर के एक एक शब्द में हमारे लिए संदेश छुपा हुआ है। नम्रता, महत्वाकांक्षा, धैर्य, शान्ति, यौवन, कुलीन, गम्भीरता, विजेता, बीता हुआ कल, कमाना, विश्वास, सम्मान।
१. H से Humility (नम्रता) इससे हमें संदेश मिलता है कि हमारे जीवन में नम्रता का गुण होना चाहिए नम्रता के बिना हमारा जीवन अधूरा है। नम्रता से व्यक्ति चाहे जो सफलता प्राप्त कर सकता है। नम्र व्यक्ति कठोर हृदय को भी पिघला सकता है। अकड़पन मुर्दे की पहचान होती है। अत: सभी के प्रति नम्र भाव रखना चाहिए। क्योंकि जो काम धन से नहीं होता वह नम्रता से हो जाता है।
२. A से Ambition (महत्वकांक्षा) अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वाकांक्षा बहुत जरूरी है। आध्यात्मिक क्षेत्र हो या सांसारिक क्षेत्र दोनों ही क्षेत्रों में महत्वाकांक्षा होनी चाहिए। क्योंकि महत्वाकांक्षी व्यक्ति ही पुरुषार्थ कर सकता है। बिना रुचि के कोई कार्य नहीं होता। अत: अपने आपको हीन नहीं मानते हुए, अपने आपके प्रति सकारात्मक भाव रखते हुए आगे बढ़ेंगे तभी हमारी महत्वाकांक्षा फलीभूत होगी। इस महत्वाकांक्षा की र्पूित में हमें दूसरों का अनादर नहीं करना चाहिए।
३. P से Patience (धैर्य) जीवन को सफलता की चरम सीमा पर पहुँचाने के लिए हमारे भीतर धैर्य का गुण होना चाहिए। धैर्य एक बड़ा वरदान है, जो धैर्यवान है वह अपने आप में एक प्रकार का विजेता होता है। धैर्य से कमजोर को भी बल मिलता है।
४. P से Peacefull(शांति) जीवन में सुखी रहने का सरल उपाय है शांति। अशांत व्यक्ति सदा दुखी रहता है। उन्नति के लिए शांति आवश्यक है। क्योंकि शांत मस्तिष्क ही विवेक बुद्धि का दूसरा सरल पहलू है। शान्त मन के द्वारा लिया गया निर्णय व्यक्ति को उन्नति के पथ पर आगे बढ़ा सकता है।
५. Y से Youth (यौवन) यौवन का अर्थ है हम विचारों से सदा जवान रहें। विचारों के माध्यम से व्यक्ति जवान या बूढ़ा होता है। यदि सकारात्मक विचार होंगे तो हम उम्र के किसी भी पड़ाव पर हो अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सदा सजग बने रहेंगे। विचारों में यदि नकारात्मक या प्रमादी भाव है तो हम जीवन में सफल नहीं हो सकते हैं। क्योंकि प्रमाद या आलस्य जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हानि पहुँचाने वाला है। प्रमादी व्यक्ति को कितना ही समय या मौका मिल जाए मगर वह अपनी उन्नति नहीं कर सकता है। आचार्यों ने कहा—आलस्य किसी का आदर्श नहीं होता है। संघर्ष के बिना कभी हर्ष नहीं होता है। उन्नति का महान शत्रु है ‘प्रमाद’। मित्रों प्रमादी जीवन के लिए नया वर्ष नहीं होता है।
६. N से Noble (कुलीन उदात्त) हमने जैन कुल में जन्म लिया है उसके अनुसार ही हमारे जीवन की प्रत्येक प्रवृत्ति होनी चाहिए, तभी हमारी कुलीनता सुरक्षित रह सकती है। जैन संस्कृति का भारतीय संस्कृति में अपना एक विशिष्ट स्थान है। हमारे पूर्वजों की अपनी एक अलग ही छाप थी। उन्हें कहने की जरूरत नहीं पड़ती थी कि वे जैन हैं उनका आचरण ही बता देता था कि वे जैन हैं। उनके रात्रि भोजन, जमीकन्द, सप्त व्यसन आदि का त्याग होता था। पर हम कहां खो गए ? आज हम अपनी जैन संस्कृति को कितना भूल गए आप स्वयं विचार करो। जिन बुराईयों को अन्य लोग छोड़ते जा रहे हैं। उन्हीं को हम अपना रहे हैं। इसलिए हमारी साख दिनों दिन घट रही है। अत: नववर्ष २०१३ में एक जनवरी प्रात:काल श्री मंदिर जी में जाकर भगवान के सामने संकल्प लेना है कि हम हमारी कुलीनता को बचाये रखें। शुद्ध आचरण प्राप्त हो। ऐसी शक्ति नववर्ष पर हमको देवे।
७. E से Earnest (गंभीरता) सफलता की नींव है अपने लक्ष्य एवं कर्तव्य के प्रति गंभीरता। जो गम्भीर होता है वह प्रयत्नशील होता है। चाणक्य ने कहा है ‘अप्रयत्नात कार्य विपत्तिर्भवति’ अर्थात् प्रयत्न न करने से कार्य बिगड़ जाता है इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि गम्भीरता पूर्वक निर्णय लेना और फिर इस निर्णय पर दृढ़ता पूर्वक कायम रहना सफलता का एक प्रमुख आधार स्तम्भ है। अत: नववर्ष में हम अपने कर्तव्य एवं लक्ष्य के प्रति गम्भीर बने।
८. W से Winner (विजेता) सदा विजेता रहें। यहां विजेता का अर्थ है अपने विचारों में सदा विजेता बने रहे। जीवन में एक दो असफलता से अपने भावों को निर्बल मत करो। यह सकारात्मक सोच का आधार है। आत्म विजय के मार्ग में प्रत्येक व्यक्ति स्वाधीन है।
९. Y से Yesterday (बीता हुआ कल) इसका अर्थ हुआ बीते हुए कल (यानी भूतकाल) से शिक्षा ग्रहण करें एवं वर्तमान का पूरा सदुपयोग करें। जो वर्तमान में जीता है वह वर्धमान बन जाता है।
१०. E से Earn (कमाना) यहाँ कमाने का अर्थ है हमें सद्गुणों की कमाई करनी है। अधिक से अधिक अपनी योग्यता को बढ़ाना क्योंकि योग्यता का कोई सानी नहीं होता और न ही इसमें बंटवारा होता है। प्रत्येक मानव में एक विशेषता होती है जो उसे सभी से अलग पहचान देती है। हमें ऐसी विशेषता की पहचान कर उसे विकसित करना है।
११. A से Acredition (विश्वास) स्वयं पर आत्मविश्वास आवश्यक है। आत्म विश्वास वह गुरु मंत्र है, जिसके बलबूते पर सफलता को हम प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि आत्मविश्वासी व्यक्ति के सम्मुख बाधाएँ सिर झुका कर खड़ी हो जाती है। जो आत्म विश्वास नहीं है उसे काल्पनिक बाधाएँ भी अचानक दैत्य की भाँति दिखाई देती है। वह जीवनभर उनसे भयभीत रहता है और दीनहीन जिंदगी जीने को विवश होता है। नैतिक दृष्टि से भी उसी पर विश्वास किया जाता है, जिसे स्वयं पर विश्वास हो। यह सच है कि नैतिक पतन अविश्वास से ही होता है। अत: हम आत्मविश्वासी बने।
१२. R से Respect (सम्मान) हम गुणी जनों का सम्मान करें। आज की युवा पीढ़ी में यह गुण बहुत कम देखा जाता है। हम अपने आप को सर्वेसर्वा मान लेते हैं। हम वृद्धजनों को एवं उनकी सलाहों को पुराणपंथी मानकर नजर अंदाज कर जाते हैं न ही उनको सम्मान देते हैं जिसका हमें नुकसान हो रहा है। परिवारों में अलगाव की स्थितियों, एकाकी जीवन आदि कई नई परेशानियाँ हमारे सामने आ रही हैं अत: हम सबके प्रति सम्मान की भावना रखें। अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता यह एक कहावत है जो वास्तविक है। हमें सफलता प्राप्त करने के लिए सहयोग की आवश्यकता होती है। यह तभी मिल सकता है जब हम सभी के प्रति सम्मान की भावना रखे। प्रत्येक व्यक्ति का आत्म सम्मान होता है चाहे वह छोटा हो या बड़ा। यदि हम उसके आत्म सम्मान को ठेस पहुँचा कर उससे सहयोग की अपेक्षा रखे तो वह हमारी सबसे बड़ी भूल होगी। अत: सभी को सम्मान देना चाहिए। इस प्रकार HAPPY NEW YEAR के प्रत्येक अक्षर का संदेश हमारे जीवन में नई ऊर्जा एवं नई रोशनी प्रदान कर सकता है।रहा होगा अतीत, विषाद हर्ष का, पथ हो प्रशस्त अब भविष्य के उत्कर्ष का, वर्तमान में जीने का संकल्प लेकर करें स्वागत २०१३ नववर्ष का अभिनन्दन।