भारत की नई शिक्षा नीति पर केंद्रित शैक्षिक उन्मेष पत्रिका के आगामी विशेषांक खंडों (ई-पत्रिका) के लिए आलेख आमंत्रण
प्रो. बीना शर्मा
निदेशक (अति. कार्य-दायित्व)केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगराजैसा कि आपको विदित है कि हाल में ही भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में माननीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक के मार्गदर्शन में 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप क्रांतिकारी, प्रगतिगामी, भारतीय मूल्यों से जुड़ी ऐतिहासिक शिक्षा नीति की घोषणा की गई है। इस शिक्षा नीति ने देश के करोड़ों युवाओं की आशाओं, अपेक्षाओं, सपनों को पंख दिए हैं। यह आधुनिक है, लचीली है। यह सामाजिक, मनोवैज्ञानिक, शैक्षणिक कसौटियों पर खरी उतरती है। भारतीय जीवन मूल्यों को प्रमुखता देते हुए इस शिक्षा नीति ने मैकाले द्वारा रचाए चक्रव्यूह पर सशक्त प्रहार किया है। यह भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाने की हमारी आकांक्षाओं के अनुरूप है।
यह मैकाले द्वारा भारतीय मन और मष्तिष्क को गुलाम बनाने के षडयंत्र को समझते हुए बाल/युवा मन को अंग्रेजी की दासता से मुक्त करने का उद्घोष करती है। उच्च शिक्षा में भारतीय भाषाओं के लिए किए जा रहे प्रयासों को सशक्त करती है और भारतीय भाषाओं को रोजगार, दैनदिन जीवन से जोड़ने का प्रयास कर उनकी प्राण प्रतिष्ठा के प्रयासों को बल देती है।
केंद्रीय हिंदी संस्थान शिक्षा नीति के सम्यक् मूल्यांकन और विश्लेषण पर लेख आमंत्रित करता है । इन लेखों का संकलन ई-पत्रिका के रूप मे जल्दी ही प्रकाशित करना प्रस्तावित है. यह संकलन दो खंडों में होगा । एक खंड में हिंदी के लेख होंगे और दूसरे खण्ड में अन्य भारतीय भाषाओं और अंग्रेज़ी में लिखे लेख होंगे । उनमें से चुने हुए लेख संस्थान की शैक्षणिक पत्रिका ‘शैक्षिक उन्मेष ‘में प्रकाशित किए जाएँगे । देश-विदेश के प्रतिष्ठित विद्वान लेखकों से इस ज्वलंत विषय पर योगदान करने का अनुरोध किया जाता है ।
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