शैक्षिक उन्मेष
शिक्षा जगत की शोध एवं विचार केंद्रित पत्रिका
पंजीयन (RNI) संख्या : UPHIN/2017/74904 आईएसएसएन (ISSN) : 2581-687X
पंजीयन (RNI) संख्या : UPHIN/2017/74904 आईएसएसएन (ISSN) : 2581-687X
शैक्षिक उन्मेष का नया अंक
शैक्षिक उन्मेष का नया अंक
खंड-3/अंक-4, जनवरी-मार्च 2020
पत्रिका के बारे में
पत्रिका के बारे में
विगत साढ़े पांच दशक से अधिक समय से केंद्रीय हिंदी संस्थान हिंदीतर और विदेशी छात्रों के हिंदी शिक्षण के कार्य में संलग्न है. शिक्षा जगत की स्थितियों, समस्याओ तथा विकास की दिशाओ पर गंभीर चर्चा को ध्यान रखते हुए शैक्षिक उन्मेष पत्रिका का प्रकाशन किया जाता है।
विगत साढ़े पांच दशक से अधिक समय से केंद्रीय हिंदी संस्थान हिंदीतर और विदेशी छात्रों के हिंदी शिक्षण के कार्य में संलग्न है. शिक्षा जगत की स्थितियों, समस्याओ तथा विकास की दिशाओ पर गंभीर चर्चा को ध्यान रखते हुए शैक्षिक उन्मेष पत्रिका का प्रकाशन किया जाता है।
इस पत्रिका का अभिप्राय ही है शिक्षा के क्षेत्र में नये ज्ञान का प्रस्फुटन, नई दृष्टि, नई तकनीक का प्रकटीकरण, शिक्षा की नई-नई विधियो की खोज और उन पर बहस को आमंत्रित करना। शिक्षा के सभी अंगो का उन्मेष, उन्नयन और देशानुकूल बनाने का उद्योग।
इस पत्रिका का अभिप्राय ही है शिक्षा के क्षेत्र में नये ज्ञान का प्रस्फुटन, नई दृष्टि, नई तकनीक का प्रकटीकरण, शिक्षा की नई-नई विधियो की खोज और उन पर बहस को आमंत्रित करना। शिक्षा के सभी अंगो का उन्मेष, उन्नयन और देशानुकूल बनाने का उद्योग।
शिक्षा में भारतीयता का समावेश पत्रिका का मुख्य चिंतन बिंदुु है। यही कारण है कि पत्रिका के आवरण पेज और सम्पादकीय स्वामी विवेकानंद, गिजुभाई बधेका, महर्षि अरविंद, आचार्य विनोबा भावे, महात्मा गांधी, रवींद्रनाथ ठाकुर के विचारों पर आधारित हैं। शिक्षा क्षेत्र में हो रहे उन्मेष, नवाचार, शोध और चिन्तन इस पत्रिका के कलेवर का हिस्सा बनते हैं.
शिक्षा में भारतीयता का समावेश पत्रिका का मुख्य चिंतन बिंदुु है। यही कारण है कि पत्रिका के आवरण पेज और सम्पादकीय स्वामी विवेकानंद, गिजुभाई बधेका, महर्षि अरविंद, आचार्य विनोबा भावे, महात्मा गांधी, रवींद्रनाथ ठाकुर के विचारों पर आधारित हैं। शिक्षा क्षेत्र में हो रहे उन्मेष, नवाचार, शोध और चिन्तन इस पत्रिका के कलेवर का हिस्सा बनते हैं.