ॐ शिव गोरक्ष जय शिव गोरक्ष
विनियोग एवम संक्षिप्त न्यास
विनियोग और न्यास करते समय घी का दीया जलाओ
और संकल्प के लिये दाएं हाथ मे शुद्ध जल लें।
हरि ॐ अस्य श्री महादेव भगवान शंकर भोलेनाथ शिव भगवान महामंत्रस्य ॐ बीजम ब्रह्मा ऋषि गायत्री छन्द, श्री शंकर भगवान देवता, संतोष गुरु जी, भक्ति शक्ति नियंत्रिता श्री शंकर भगवान आशुतोष, महादेव भोलेनाथ, शशांक शेखर देवता प्रीत्यर्थे पाठेजपे मम (यदि आप दूसरे के लिए जप कर रहे हैं, तो मम के स्थान पर उसके नाम का उपयोग करें) शारीरिक प्रेत, मल-मेल, मूल स्थल सहित, समापन हेतु, मर्दन हेतु, प्रेत शक्ति मर्दन हेतु, प्रेत बल मर्दन हेतु, प्रेत स्थल मर्दन हेतु, तांत्रिक सम्बन्ध विच्छेद हेतु व शारीरिक बाधा भस्मीकरण हेतु व मम शारीरिक बंधन हेतु विनियोगाय नमो नमः।
*स्तुति:
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।।
अगम अगोचर नाथ , तुम पर ब्रह्म अवतार
कानोमे कुंडल सिर जटा अंग विभूति अपार ,
सिद्ध पुरूष योगेश्वर दो मुझको उपदेश ,
हर समय सेवा करू सुबह शाम आदेश
इसके उपरांत ॐ शिव गोरक्ष जय शिव गोरक्ष का जप करे