रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करते है?
साथियों, वैसे तो रुद्राक्ष स्वयं सिद्ध होता है। लेकिन इसे खास तरीके से सिद्ध किया जाये तो इसका प्रभाव कई गुना अधिक बढ़ जाता है। भगवन शिव के प्रसाद स्वरुप रुद्राक्ष को ऊर्जावान करना अति आवश्यक होता है। एक बार आपने इसे सिद्ध कर लिया तो आप इसके चमत्कारों को स्वयं महसूस कर सकते है। तो चलिए आपको बताते है की रुद्राक्ष को कैसे सिद्ध करते है।
दोस्तों रुद्राक्ष को कई तरीके से सिद्ध किया जा सकता है। मै कुछ तरीके आपको बता रहा हूँ, आप इनमे से किसी भी तरीके से अपने रुद्राक्ष को सिद्ध कर सकते है।
दोस्तों शिवमहापुराण में रुद्राक्ष को सिद्ध करने के कुछ उपाय बताये गए है। आप किसी भी तरीके से रुद्राक्ष को सिद्ध कर सकते है। सबसे पहले आप रुद्राक्ष को गंगाजल से शुद्ध करलें। यदि गंगाजल ना हो तो शुद्ध जल से रुद्राक्ष को स्नान करा ले। तत्पश्चात ये बाकि के उपाय करे।
रुद्राक्ष सिद्ध करने की विधि क्या है?
रुद्राक्ष को सिद्ध करने की मुख्यतः 5 विधिया है। इनमे से आप किसी भी एक विधि से अपने रुद्राक्ष को सिद्ध कर सकते है। और अपने रुद्राक्ष को ऊर्जावान बना सकते है। यह विधि आपके रुद्राक्ष में इतनी ऊर्जा भर देगी की आप स्वयं जब रुद्राक्ष को धारण करेंगे तो उसकी ऊर्जा को महसूस कर सकते है। और उसके सकारात्मक परिणामो को महसूस कर सकते है।
रुद्राक्ष सिद्ध करने के तरीके
रुद्राक्ष को कितने प्रकार से सिद्ध किया जा सकता है ?
सरसो के तेल में रुद्राक्ष को 2 दिन तक भिगोकर रखे। उसके बाद उस रुद्राक्ष को शिवजी को समर्पित कर दें। तत्पश्चात रुद्राक्ष को पंचगव्य में स्नान करवा कर, गंगाजल से शुद्ध कर ले। फिर रुद्राक्ष को अपने हाथो में लेकर शंकर भगवन को स्पर्श करवा कर उस रुद्राक्ष का मंत्र बोले। आप का रुद्राक्ष सिद्ध हो जायेगा। फिर आप अपनी आँखों को बंद करके अपने मन की इच्छा को मन में बोले और उस रुद्राक्ष को धारण कर ले। वह सिद्ध रुद्राक्ष आप की हर मनोकामना पूरा करेगा। ॐ नमः शिवाय।
पांच सादे बेलपत्र के ऊपर रुद्राक्ष को रखे। उसके ऊपर 108 बेल पत्र "ॐ नमः शिवाय" लिख कर चढ़ाये। हर बेलपत्र की बीच वाली पत्ती पर ॐ नमः शिवाय लिखे। याद रहे की आपको सफ़ेद चन्दन या लाल चन्दन से ही ॐ नमः शिवाय लिखना है। और वही पत्ती रुद्राक्ष के ऊपर चढ़ाये। बेलपत्र चढाने के बाद आप उसके सामने कपूर अवश्य जलाये। और हो सके तो "कर्पूर गौरम करुणावताराम " वाली आरती उसके सामने बोले। एक बात का ध्यान रखना है की आपको आरती सुबह और शाम दोनों समय करना है। और ऐसा आपको ५ दिन करना है। पांचवे दिन आप उन पत्तों का विसर्जन करदे, तथा रुद्राक्ष को भगवन शंकर के लिंग को स्पर्श करवाकर उस रुद्राक्ष का मंत्र बोले।आप का रुद्राक्ष सिद्ध हो जायेगा। मंत्र बोलने के पश्चात् अपने मन की जो भी इच्छा हो वह कहे और वह रुद्राक्ष धारण करले। भगवन शिवजी आपकी सभी मनोकामना पूरी करेंगे।
दोस्तों रुद्राक्ष को देसी गाय के शुद्ध घी में 24 घंटे डूबा कर रखे। इसके पश्चात् 24 घंटे गाय के शुद्ध दूध में डूबा कर रखे। तदन्तर उसको, उसमे से निकल कर अच्छे से पोछ ले इसके पश्चात् भगवन शिवजी की पिंडी को स्पर्श करवाकर धुप दिप दिखाकर रुद्राक्ष के मंत्र से अभिमंत्रित करले। आप का रुद्राक्ष सिद्ध हो जायेगा। फिर अपने दोनों हाथ जोड़कर अपनी मनोकामना अपने मन में दोहराते रहे। और रुद्राक्ष को धारण करें। भोले बाबा आपकी मनोकामना अवश्य पूरी करेंगे।
दोस्तों गूगल के अनुसार रुद्राक्ष को पहले पंचगव्य से स्नान करवाकर उसे शुद्ध गंगाजल से धो कर पवित्र कर ले। तथा रुद्राक्ष को मेरु मणि पर स्पर्श करवाकर ॐ अघोरे भो त्रयम्बकं मंत्र का जब करे। उसके बाद रुद्राक्ष की षोडशोपचार पूजा करे। पूजन के पश्चात् उस रुद्राक्ष को चांदी की डब्बी में रखे। आपका रुद्राक्ष सिद्ध हो जायेगा।
अगर आपके पास इतना भी समय नहीं है तो आप अपने राशि के अनुसार रुद्राक्षा ले कर सोमवार के दिन शंकर भगवान के मंदिर में जाइये। और शंकरजी की पिंडी के ऊपर रुद्राक्ष को रख कर दूध से अभिषेक करे। फिर दही से अभिषेक करे। तत्पश्चात शुद्ध जल से अभिशेख करे। और अपनी मनोकामना भोले बाबा के समक्ष बोले। और धुप दिप दिखा कर पूजा सम्पन्न करे। प्रशाद चढ़ाये। बेलपत्र अवश्य चढ़ाये। पूजा सम्पूर्ण होने के बाद रुद्राक्ष को पिंडी से स्पर्श करवाकर धारण करे। आप का रुद्राक्ष सिद्ध हो जायेगा। भोले बाबा बहुत भोले और दानी है वो आपकी सारी मनोकामना पूरी करेंगे।
दोस्तों रुद्राक्ष सिद्ध करने के ये 5 उपाय मैंने आपको बताये है। आप अपनी सुविधा के अनुसार इनमे से कोई भी इस्तेमाल कर सकते है। और अपने रुद्राक्ष को सिद्ध कर के उसे ऊर्जावान बना सकते है।
सिद्ध किया हुआ रुद्राक्ष किस प्रकार काम करता है ?
दोस्तों रुद्राक्ष एक बहुत ही चमत्कारी बीज है। इसका भारतीय संस्कृति में बहुत ही ज्यादा महत्व है। क्योंकि सिद्ध रुद्राक्ष जो है वह इंसान के चारो ओर एक सुरक्षा कवच बना देता है। और नकारात्मक ऊर्जा को इंसान की तरफ आने से रोकता है। इसी वजह से सन्यासी लोग बहुत अधिक मात्रा में रुद्राक्ष को धारण करते है। और सामान्य मनुष्य जो इसके महत्व और शक्तियों को जानते है वे भी इसे अपनी राशि के अनुसार कम से कम एक रुद्राक्ष तो अवश्य धारण करते है।
रुद्राक्ष को कौन धारण कर सकता है ?
जो लोग व्यापर करते है, यात्रा करते है या बहुत सारे लोगों से मिलते है। उन लोगों को रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए। रुद्राक्ष को बच्चे पहन सकते है, पुरुष पहन सकते है, स्त्री पहन सकती है, बुजुर्ग भी पहन सकते है। अर्थात रुद्राक्ष को सभी पहन सकते है। यदि आप की जिंदगी में लाभ नहीं हो रहा हो, आपकी इच्छाएं पूरी नहीं हो रही हो, धन का आभाव हो, मेहनत करते है लेकिन उसका फल नहीं मिल रहा हो तो एक बार अपनी राशि के अनुसार रुद्राक्ष जरूर पहन कर देखें। दोस्तों एक बात याद रखना, की जब भगवन शिव की आप के ऊपर कृपा होती है तभी इंसान रुद्राक्ष पहनता है। यदि आपके मन में भी रुद्राक्ष पहनने की इच्छा हो रही हो तो समझ लेना की शिव की कृपा आपको जल्द ही प्राप्त होने वाली है और आप जल्दी से अपनी राशि के हिसाब से रुद्राक्ष अवश्य पहने। इससे आपको बहुत लाभ होगा।
क्या रुद्राक्ष को बिना सिद्ध किये धारण किया जा सकता है ?
साथियों, एक साधारण मनुष्य और एक सिद्ध पुरुष दोनों में क्या फर्क है। दोनों ही मनुष्य है। लेकिन सिद्धि प्राप्त करने के लिए मनुष्य को कठिन परिश्रम करना पड़ता है। उसे तपना पड़ता है। तपस्या करना पड़ता है। तब जाकर सिद्धि मिलती है। उसी प्रकार रुद्राक्ष तो स्वयं सिद्ध होता है। पर उसकी शक्तियों को जागृत करना बहुत आवश्यक होता है। और उसके लिए आप को उपरोक्त उपाय करने चाहिए। एक बार आपने अपने रुद्राक्ष को जागृत कर लिया तो फिर आप उसके चमत्कारों को स्वाम महसूस कर पाएंगे।