यदि जातक बुरे कर्म करते हुए कोई भी रुद्राक्ष धारण करता है या कोई भी पत्थर धारण करता है। और यह सोचता है की उसका भला होगा तो यह गलत है। ऐसी शक्तियों का शुभ प्रभाव प्राप्त करने के लिए जातक को पहले अपने कर्मो को अच्छा करना चाहिए। अपनी सोच को अच्छा करना चाहिए। तभी ये सारी चीजे अपना प्रभाव दिखती है और बहुत अच्छा प्रभाव दिखती है। और धारण करता को बहुत ऊपर ले जाती है। लेकिन जातक की अच्छी तयारी के बाद।
बुरे कर्म करने वाला व्यक्ति चाहे कुछ भी धारण कर ले, चाहे एक रुद्राक्ष धारण करे या एक से अनेक मुखी रुद्राक्ष धारण करले या कोई और उपाय कर ले उसको उसके बुरे कर्मो के परिणाम से कोई भी शक्ति नहीं बचा सकती है। उसका भला कभी नहीं हो सकता। इसलिए यदि आप इस जानकारी को पढ़ रहे है। और यह सोच रहे है की सिर्फ रुद्राक्ष धारण कर लेने से आपका भला होगा या कोई पत्थर धारण करने से आपका भला होगा तो मै आपको यह बता दूँ की आपकी ये सोच गलत है। आपको इस बात को समझने की जरूरत है की यह गलत क्यों है।
आजकल के समय में रुद्राक्ष प्रभावहिन क्यों हो जाते है ? बड़े-बड़े पंडितों, विद्वानों, तन्त्रविद्वान आदि के द्वारा सिद्ध किए हुए रुद्राक्ष अपना असर क्यों नहीं दिखा पाते ? इसका मुख्य कारण यह है की, कहीं ना कहीं जातक की तयारी नहीं है। वह जातक उस रुद्राक्ष के लिए तैयार नहीं है। वह रुद्राक्ष उस जातक के साथ एडजेस्टबल नहीं है। तो अपना प्रभाव कैसे दिखायेगा ?
इसलिए जातक को चाहिए की पहले अपने आपको उस रुद्राक्ष के लायक बनाए। अपनी पूरी तयारी करे। अपने मन को उसके प्रति सकारात्मक बनाए जिसे वह धारण करने जा रहा है। यदि सकारात्मक विचारों के साथ जातक कोई भी रुद्राक्ष धारण करता है तो उसे उस रुद्राक्ष के शुभ फल अवश्य प्राप्त होते है।
कैसे धारण करें रुद्राक्ष ?
श्रावणमास (सावन) का महीना रुद्राक्ष धारण करने के लिए अति उत्तम होता है। यह महीना शंकर भगवान को अति प्रिय है। इस महीने में आप किसी भी दिन रुद्राक्ष को धारण कर सकते है। या आपको भोलेबाबा की कृपा जल्दी ही प्राप्त करना है तो विशेष रूप से सोमवार के दिन आप रुद्राक्ष की विधि विधान से पूजा करके धारण करना चाहिए। रुद्राक्ष धारण करने के लिए श्रावण मास अति उत्तम है। रुद्राक्ष को हमेशा लाल, पीला या सफेद धागे में ही धारण करना चाहिए। रुद्राक्ष को भूलकर भी काले धागे में धारण न करें। रुद्राक्ष को धारण करते समय ‘ॐ नम: शिवाय‘ का जप करते रहें। रुद्राक्ष को चाँदी, सोना या तांबे में भी जड़वाकर हाथ, बाजु या फिर गले में धारण किया जा सकता है। रुद्राक्ष की माला चाहे पहनने वाली हो या फिर जप करने वाली, उसे दूसरे व्यक्ति को प्रयोग करने के लिए नहीं देना चाहिए। शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार को जातक रुद्राक्ष धारण कर सकता है।
रुद्राक्ष को कब धारण करना चाहिए ?
रुद्राक्ष धारण करने के नियम और विधि है. किसी भी शुभ दिन आप रुद्राक्ष धारण कर सकते है। मकर संक्रांत के दिन या अमावस्या के दिन इसे धारण कर सकते है पूर्णिमा के दिन भी इसे धारण कर सकते है। सावन के किसी भी दिन इसे धारण कर सकते है या फिर सोमवार के दिन भी इसे धारण कर सकते ह। जिस दिन आप रुद्राक्ष धारण करे उस दिन सबसे पहले आप रुद्राक्ष को भगवन शिवके चरणों में रुद्राक्ष को स्पर्श जरूर करवाए फिर महा मृत्यंजय मंत्र का 108 बार जाप करे। फिर अपने मन की इच्छा भगवन शिव के सामने जरूर कहे। यदि आप महामृत्यंजय मंत्र का जाप नहीं करना चाहते है या आप को यह मंत्र जपने में परेशानी हो रही हो तो आप ॐ नमः शिवाय इस पंचाक्षरी मंत्र का जाप कर सकते है।
कहाँ धारण करे रुद्राक्ष ?
रुद्राक्ष को हमेशा नाभि के उपाय धारण करना चाहिए। कुछ शास्त्रों में रुद्राक्ष को कमर पर धारण करने के लिए बताया गया है। लेकिन ज्यादा तर जो मनुष्य सन्यासी होते है वे लोग रुद्राक्ष को अपने कमर पर धारण करते है। परन्तु साधारण मनुष्यों को इसे नाभि के ऊपर ही धारण करना चाहिए।
क्या रुद्राक्ष को अंगूठी में धारण कर सकते है ?
मित्रों रुद्राक्ष की अंगूठी कभी भी धारण मत करना। यदि आप ने गलती से भी इसकी अंगूठी धारण कर ली, तो इसके नकारात्मक परिणाम बहुत ही बुरे होते है। जिससे आप बच नहीं सकते। इसलिए आप रुद्राक्ष को अंगूठी में कभी भी धारण ना करे।
रुद्राक्ष धारण करने के बाद किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ? या रुद्राक्ष धारण करने के बाद कौनसी सावधानिया बरतनी चाहिए ?
साथियों जब आप रुद्राक्ष धारण कर रहे है तो कुछ नियमो का पालन करना चाहिए। और यह बहुत जरुरी भी है। नहीं तो आप का रुद्राक्ष अशुद्ध हो जायेगा।
अंतिम यात्रा :- आप जब कभी भी किसी की शमशान यात्रा या अंतिम यात्रा में जा रहे है तो रुद्राक्ष को उतार कर जाना चाहिए।
प्रसूति गृह :- जहाँ किसी शिशु का जन्म हुआ हो, वहां रुद्राक्ष उतार कर जाना चाहिए।
मासिक धर्म :- महिलाओं को अपने मासिक धर्म के दौरान रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए।
सोने से पहले :- रात को सोने से पहले रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए।
नित्य क्रिया :- नित्य क्रिया करने से पहले रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए।
झूठ नहीं बोलना :- रुद्राक्ष धारण करने के बाद कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए।
वो कौन से शुभ कार्य हैं, जिसमे अगर रुद्राक्ष धारण कर लिया जाये तो उसका फल कई गुना बढ़ जाता है ?
साथियों यदि आप कोई दैविक कार्य कर रहे है तो उस समय रुद्राक्ष जरूर धारण करना चाहिए। इससे आपकी मनोकामना जरूर पूरी होती है आइये जानते है की वो कौन से कार्य है जिसमे रुद्राक्ष धारण करना उत्तम माना गया है।
तीर्थयात्रा :- यदि आप किसी तीर्थ यात्रा में जा रहे है तो उस समय रुद्राक्ष जरूर धारण करना चाहिए।
दान :- दान देते समय रुद्राक्ष जरूर धारण का लीजिये।
यज्ञ :- यज्ञ करते समय रुद्राक्ष धारण करना बहुत ही शुभ है इससे यज्ञ का फल कई गुना बढ़ जाता है।
पूजा पाठ :- नित्य पूजा पाठ करते समय रुद्राक्ष जरूर धारण करना चाहिए।
श्राद्ध :- श्राद्ध करते वक्त भी रुद्राक्ष जरूर धारण करना चाहिए।
साथियों यदि आप उपरोक्त कार्य में से कोई भी कार्य कर रहे है तो अपनी राशि के हिसाब से रुद्राक्ष जरूर धारण करे। इससे आपका कार्य बहुत जल्द ही पूरा होगा और आपकी मनोकामना भी सिद्ध होगी।
रुद्राक्ष धारण करने के नियम
मित्रो रुद्राक्ष धारण करते समय हमें कुछ बातो का हमें सावधानी पूर्वक ध्यान रखना चाहिए। आइये जानते है !
खंडित रुद्राक्ष :- रुद्राक्ष धारण करने के पहले यह सुनिश्चित कर ले की वह खंडित नहीं है। और उसके अंदर किसी प्रकार का कीड़ा ना लगा हो। क्योंकि खंडित और कीड़ा लगा रुद्राक्ष किसी काम का नहीं होता। आजकल लोग पैसा कमाने के चक्कर में ऐसे रुद्राक्ष कम दामों में बेच देते है। अतः इस बात का ध्यान अवश्य रखे।
वैदिक औषधि :- साथियों रुद्राक्ष एक वैदिक औषधि भी है। जो की सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। रुद्राक्ष के अंदर से तरंगे निकलती है। इसलिए रुद्राक्ष का शुद्ध रहना बहुत जरुरी है
साफ सफाई :- मित्रो रुद्राक्ष कभी गन्दा नहीं होना चाहिए। इसकी साफ सफाई हमेशा करते रहना चाहिए। यदि आपका रुद्राक्ष शुष्क हो गया हो या उसका रंग फीका हो गया हो तो ऐसे समय आप रुद्राक्ष को सरसो के तेल में डूबा कर रख सकते है। इससे वह फिर से ऊर्जावान हो जायेगा।
सोना या चांदी :- रुद्राक्ष को आप सोने या चांदी में भी धारण कर सकते है।
धागा :- दोस्तों रुद्राक्ष को ऊनी या रेशमी धागे में पहना जा सकता है। लाल या सफ़ेद धागे में पहना जा सकता है। दोस्तों रुद्राक्ष को अपनी सामर्थ के अनुसार चांदी के तार में या सोने के तार में पहना जा सकता है।