जब कोई जातक गुरु ग्रह से ग्रसित हो जाये तब उसे 10 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। गुरु का काम है जातक को सही मार्ग दिखाना। यदि मनुष्य को सही मार्ग का ज्ञान हो जाए तो वह सही निर्णय ले कर अपने कार्य सिद्ध कर सकता है। और अपने तरक्की के द्वार खोल सकता है। यह एक ऐसा रुद्राक्ष है जिसे कोई भी मनुष्य धारण कर सकता है जिसे अपनी जन्म तारीख या कुंडली के बारे में कुछ भी पता ना हो वह भी इस रुद्राक्ष को धारण कर सकता है।
कुंडली में गुरु ग्रह ख़राब है यह कैसे पता करे ?
जब जातक का गुरु ग्रह कुंडली में ख़राब होता है तब, वह कोई भी निर्णय नहीं ले सकता। वह एकदम सुस्त बैठा रहता है। हर काम को टालने में रूचि दिखता है। किसी भी काम को करने में मन नहीं लगता। उसका स्वाभाव एकदम चिड़चिड़ा हो जाता है। घर में पैसों की तंगी रहती है। हर समय चिंता में डूबा रहता है। जातक के मन में प्रति क्षण नकारात्मक विचार आते है। ऐसे व्यक्ति को यदि समय पर सही मार्ग-दर्शक नहीं मिला तो वह गलत कदम उठा सकता है। जब ऐसी परिस्थिति जातक के सामने हो तो उसे चाहिए की वह 10 मुखी रुद्राक्ष का शुद्धिकरण एवं सिद्दीकरण करने के पश्चात् उस रुद्राक्ष को प्राणप्रतिष्ठित करके शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार को धारण करे।
दस (10) मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें ?
10 मुखी रुद्राक्ष का सिद्धिकरण एवं शुद्धिकरण करने के उपरांत शिवलिंग को स्पर्श करवा कर, तथा इसके बीज मंत्र का 108 बार पाठ करें। एवं "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जप करते हुए इस रुद्राक्ष को धारण करें। रुद्राक्ष धारण करने के कुछ नियम होते है कुछ सावधानिया होती है जिनका पालन करना अति आवश्यक होता है। अगर उनका पालन नहीं किया गया तो इसके नकारात्मक परिणाम हमारे जीवन को प्रभावित करते है। अतः रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात क्या करे क्या ना करे
दस (10) मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है ?
10 मुखी रुद्राक्ष के ऊपर दस दशाओं, दस दिग्पाल और भगवान् यमराज का भी आशीर्वाद रहता है। 10 मुखी रुद्राक्ष नवों ग्रहो को कंटोल करता है। इस लिए इस रुद्राक्ष के बारे में कहा जाता है की, इसको धारण करने वाले जातक को नजर नहीं लगती, और काले जादू का भी जातक के ऊपर कोई भी असर नहीं होता है। 10 मुखी रुद्राक्ष अपने दुर्लभ गुणों के कारन काफी लोकप्रिय है। यह रुद्राक्ष जातक के मन से भूतों के डर को ख़त्म कर देता है। जिस जातक को हमेसा ये डर सताता रहता है की उनके पीछे कोई चल रहा है तो ऐसे जातको को चाहिए की वो लोग 10 मुखी रुद्राक्ष सिद्ध एवं अभिमंत्रित करके धारण करे। यह रुद्राक्ष उनके मन में शांति प्रदान करने में सक्षम है। दस मुखी रुद्राक्ष का सबसे बड़ा गुण यह है की यह वास्तु दोष को तत्काल ख़त्म कर देता है। 10 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने मात्र से आपके अंदर सकारात्मकता का संचार होता है आपको नए नए मार्ग दिखाई देने लगते है। आप यदि अपने लिए जॉब ढूंढ रहे है तो उसमे भी आपको सफलता मिलती है। यदि आप कोई बिज़नेस कर रहे है तो वह और आगे बढ़ता जाता है।
दस (10) मुखी रुद्राक्ष के फायदे ?
10 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के अनेक फायदे है। चलिए जानते है इसे धारण करने के लाभ,
10 मुखी रुद्राक्ष अनिद्रा और भय को ख़त्म करने में मदत करता है।
10 मुखी रुद्राक्ष सुनने की समस्याओं में भी काफी असर दार होता है।
10 मुखी रुद्राक्ष आपके घर के वस्तु दोष को ख़त्म कर देता है।
यदि आपके दुकान में भी वस्तु दोष हो तो वहां पर भी 10 मुखी रुद्राक्ष अपना असर दिखता है।
वाद-विवाद और पुरानी शत्रुता को ख़त्म करने में सहायक होता है 10 मुखी रुद्राक्ष।
कोर्ट कचहरी के मामलों में सदा सकारात्मक परिणाम दिलाता है 10 मुखी रुद्राक्ष।
भगवान विष्णु के आशीर्वाद से यह रुद्राक्ष नव-ग्रहों के नकारात्मक परिणाम को ख़त्म कर देता है।
10 मुखी रुद्राक्ष सब जगह नकारात्मक विचार और नकारात्मक ऊर्जा से जातक की रक्षा करता है।
10 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाला काले जादू से सुरक्षित रहता है।
कालसर्प दोष को दूर करने के अद्भुत शक्ति होती है 10 मुखी रुद्राक्ष में।
10 मुखी रुद्राक्ष, धारण करता की एक ढाल की तरह उसकी रक्षा करता है।
10 मुखी रुद्राक्ष मन को शांति और सुरक्षा प्रदान करता है। तथा कठिनाइयों पर काबू पाने में मदत करता है।
10 मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाला सदा अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है।
10 मुखी रुद्राक्ष हमारे सौंदर्य और मान सम्मान में वृद्धि करता है
यदि आने वाली समस्या का आपको पहले से आभास हो रहा हो तो ऐसे में तुरंत धारण करे 10 मुखी रुद्राक्ष। आपको तत्काल फायदा होगा।
गुरु ग्रह 10 मुखी रुद्राक्ष की विशेषताएं
10 मुखी रुद्राक्ष गुरु ग्रह को मजबूत बनाने के लिए धारण किया जाता है। 10 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से गुरु ग्रह मजबूत हो जाते है और जातक को शुभ फल प्रदान करने सहायक हो जाते है। हमारे नौ ग्रहों में गुरु ग्रह सबसे बड़ा होता है। ऐरावत हाथी सबसे बड़ा जानवर होता है जो की गुरु ग्रह से सम्बन्ध रखता है। भगवान् शिव जो की अंतर्यामी है।