शक्ति एक धारणा या अवतार के रूप में अनंत स्त्री गतिशील शक्ति, आदिम पवित्र दिव्य आत्मा है। ऐसा कहा जाता है कि यह गतिशील और मजबूत ताकतों को दर्शाती है, जो पूरे अस्तित्व में विचरती है। रूप या परम आत्मा से परे देवी आदि पराशक्ति को सर्वोच्च आत्मा माना जाता है। वह पूरे ब्रह्मांड की निर्माता हैं। देवी शक्ति विजय का एकमात्र स्रोत और जीत का अवतार हैं। वह महान देवी भी हैं और इसलिए अन्य सभी देवी-देवताओं का उद्भव हैं।
शक्तिवाद में, वह सर्वशक्तिमान हैं और उन्हें "परम वास्तविकता" के रूप में माना जाता है। मां दुर्गा, देवी पार्वती, देवी लक्ष्मी और देवी काली सहित कई हिंदू देवी-देवताओं में शक्ति पाई जाती है। जब आप इन देवी-देवताओं के बारे में बात करते हैं तब आप पाते हैं कि सभी देवी या देवताओं के साथ एक ऊर्जा-शक्ति का महत्पूर्ण संबंध है। देवी शक्ति एकमात्र ऐसी देवी हैं, जो नौ ग्राहों पर शासन करने की क्षमता रखती हैं।
मंत्र शक्ति वैश्विक स्वर्गीय शक्ति है, जो एकल शब्दांश, शब्द या शब्दांशों की श्रृंखला के बार-बार जप करने से उत्पन्न होती है। किसी एक विषय पर ध्यान केंद्रित करने और ध्यान के दौरान मन को शांत करने के लिए किसी मंत्र का उच्चारण या मौन होकर जप करना एक योग तकनीक है। ध्वनि के कंपन को आध्यात्मिकता को प्रज्वलित करने वाला माना जाता है।
शक्ति सृजन और ब्रह्मांड की सभी गतिशील ताकतों से जुड़ी हुई है। योगी अपनी तांत्रिक विश्राम तकनीक में शक्ति पर चिंतन-मनन करते हैं ताकि उसे समझ सकें और उसकी क्षमता, प्रेरणा को खुद में तथा विश्व में समाहित कर सकें, उसे नियंत्रित कर सकें। वास्तव में शक्ति मंत्र प्राणायाम और सचेत परिवर्तन के मूल में काम करते हैं।
ध्यान साधनाओं को मूल मंत्रों का जाप माना जाता है। शोध से यह बात चली है कि मंत्रों का जाप चाहे अकेले करें या समूह में, उसका संज्ञानात्मक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है। जब कोई इन पवित्र मंत्रों का जप करता है, उसका मन झट से एक ही चीज पर केंद्रित हो जाता है और उसके स्वतंत्र रूप से सोचने की प्रक्रिया भी तेज हो जाती है। इसके अलावा, नियमित रूप से मंत्र का जाप करने वाला नि:स्वार्थ हो जाता है, जो उसे मोक्ष प्राप्ति में मदद करता है।
इसके अलावा, मंत्रों का जाप हमारी आत्माओं को बेहतर बनाता है। साथ ही, ये मंत्र लोगों के लिए एक ऐसे उपकरण के रूप में काम करता है जो कठोर, हानिकारक और रूढ़िवादी आदतों और आस्था पर विश्वास न करने वालों के मन में विश्वास उत्पन्न करता है। यही नहीं, इन मंत्रों की मदद से हमारे विचार खुले तौर पर प्रसारित होते हैं, जिससे हमें आनंद और संतोष की अनुभूति होती है।
यह चिकित्सीय मंत्र आपको पवित्र स्पंदनों (ध्वनि) के साथ-साथ शक्तिशाली और सकारात्मक ऊर्जा से जोड़ता है। यह भी कहा गया है कि शुद्ध मन से इस मंत्र का जाप करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और आप तनावमुक्त जीवन जी सकते हैं। लेकिन आपको बता दें कि देवता उसी व्यक्ति की रक्षा करते हैं, जो सच्चे-शुद्ध मन से इस मंत्र का उच्चारण करता है। इसके अलावा, इस मंत्र को कहने से सभी में पवित्र स्त्री शक्ति और सदाचार के लिए करुणा और सम्मान पैदा होता है।
आदि शक्ति सृष्टि की शक्ति और ब्रह्मांड की उत्पत्ति है। वह ताकत, साहस और बहादुरी की परिभाषा है।
देवी को प्रसन्न करने के लिए शक्ति मंत्रों का शुद्ध मन से जाप करने की सलाह दी जाती है।
यह अभ्यास व्यक्ति को शक्ति मंत्र के कंपन से जोड़ता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए यह मंत्र बहुत ही उपयोगी है, क्योंकि यह उस महिला को गर्भ में पल रहे उसके शिशु के साथ जुड़ने में मदद करती है। इसके साथ ही यह मंत्र महिलाओं में स्त्री शक्ति से जुड़ने में सहायता करती है।
इसके अलावा, जब यह अभ्यास वास्तव में किया जाता है, तो भक्त के जीवन में सुरक्षा, धन और समृद्धि का आगमन होता है।
मंत्र का जाप 11 से 31 मिनट तक करने की सलाह दी जाती है।
1. आदि शक्ति मंत्र (Adi Shakti mantra)
प्रत्येक हिंदू भगवान के पास विशेष शक्ति है। वह उस दिव्य शक्ति के बिना शक्तिहीन है। नारी शक्ति का कोई आदि या अंत नहीं है। यह हर क्षण में मौजूद है। आराम मुद्रा में भी और सक्रिय होने की स्थिति में भी। यह इसी चक्र में चलता है, इसके बावजूद यह स्वभाव से अस्थिर है। आदि शक्ति मंत्र का संस्कृत में अर्थ है, "प्रारंभिक शक्ति"। देवी न केवल संपूर्ण अस्तित्व के लिए, बल्कि सभी परिवर्तन के लिए भी जवाबदेह हैं। मुश्किल दौर से गुजरने पर यह शक्ति व्यक्ति विशेष के मन में आशा की लौ जगाए रखता है साथ ही उसे बेहतर स्वास्थ्य, मजबूत मन और स्वभाव से सशक्त बनाने की क्षमता रखता है।
आदि शक्ति मंत्र है:
आदि शक्ति, आदि शक्ति, आदि शक्ति, नमो नमो
सरब शक्ति, सरब शक्ति, सरब शक्ति, नमो नमो
प्रीतम भगवती, प्रीतम भगवती, प्रीतम भगवती, नमो नमो
कुण्डलिनी माता शक्ति, माता शक्ति, नमो नमो ||
अर्थ - मैं मूल शक्ति के सामने नतमस्तक हूं। मैं सर्वशक्तिमान और स्फूर्तिदायक शक्ति को नमन करता हूं। मैं उसे नमन करता हूं, जिसे भगवान अपनी सृष्टि के लिए उपयोग करते हैं। मैं कुण्डलिनी देवी को नमन करता हूं, जो दिव्य मां शक्ति की सृजनात्मक ऊर्जा है।
इस मंत्र की मदद से हमें आशंकाओं से छुटकारा मिलता है, जो हमें स्वतंत्रता की ओर कदम उठाने से रोकती हैं।
यह मंत्र हमारी व्यक्तिगत शक्ति, आश्वासन और विश्वास की भावना में सुधार करता है।
यह मंत्र अपने जीवन और अपने आसपास के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपनी कल्पना का उपयोग करने में मदद करता है।
यह मंत्र हमें ऐसी स्थिति में लाने में मदद करता है, जहां हम अपनी बेहतरी पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। इससे हमारे आय में वृद्धि होती है और हम आर्थिक रूप से स्थिर होते हैं।
यह मंत्र हमारी चिंताओं और नकारात्मक विचार से छुटकारा दिलाने में भी मदद करता है।
आदि शक्ति मंत्र का जाप करने का सर्वोत्तम समय
सुबह-सुबह
इस मंत्र के जाप करने की संख्या
10 से 15 बार
आदि शक्ति मंत्र का जाप कौन कर सकता है
कोई भी
किस ओर मुख करके इस मंत्र का जाप करें
उत्तर दिशा की ओर
2. सर्वबाधा मुक्ति मंत्र (Sarva badha mukti mantra)
यह मंत्र किसी के जीवन में समस्याओं से छुटकारा पाने और उनसे निपटने की शक्ति प्राप्त करने के लिए उच्चारित किया जाता है। देवी का कहना है कि इस मंत्र का जाप करने से जातक के जीवन में आने वाली सभी बाधाओं से छुटकारा मिल जाएगा और उनका जीवन धन्य हो जाएगा और धन-अनाज से भर जाएगा साथ ही जातक को संतान का सुख भी प्राप्त होगा। इस मंत्र का जाप करने से जीवन खुशहाल होता है और यह मंत्र तुरंत साहस प्रदान करता है। इस मंत्र के सभी अच्छे प्रभाव प्राप्त करने के लिए शुद्ध मन से इस मंत्र का जाप किया जाना चाहिए। यह मंत्र, शक्ति मंत्र का एक हिस्सा भी माना जा सकता है क्योंकि यह सबसे कठिन समय के दौरान शक्ति प्रदान करता है और समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद करता है।
सर्वबाधा मुक्ति मंत्र है:
सर्वाबाधा-विनिर्मुक्तो, धनधान्यसुतान्वितः।
मनुष्यो मत्प्रसादेन् भविष्यति न संशयः।।
अर्थ -देवी घोषणा करती हैं कि मेरे आशीर्वाद से भक्त निश्चित रूप से सभी कठिनाइयों से मुक्त होगा और उसे धन, अनाज तथा संतान की प्राप्ति होगी।
इस मंत्र के उच्चारण से आपकी ताकत और आत्मविश्वास बढ़ेगा। आप हर बाधा का आसानी से सामना कर पाएंगे।
आप जिस भी भय का अनुभव कर रहे हैं, उस पर काबू पाने में सर्वबाधा मुक्ति मंत्र आपकी सहायता करेगा।
यह सर्वबाधा मुक्ति मंत्र (Sarva badha mukti mantra) हर तरह की बाधाओं को दूर करने में अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
इस मंत्र के सभी लाभ और अच्छे फल प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से इसका जाप करना चाहिए।
यह अतिरिक्त लाभ और भाग्य लाने वाला माना जाता है।
जो लोग गर्भधारण करने का प्रयास कर रहे हैं, उनके लिए सर्वबाधा मुक्ति मंत्र लाभकारी है।
सर्वबाधा मुक्ति मंत्र का जाप करने का सर्वोत्तम समय
किसी भी समय
इस मंत्र का जाप करने की संख्या
108 बार
सर्वबाधा मुक्ति मंत्र का जाप कौन कर सकता है
कोई भी
किस ओर मुख करके इस मंत्र का जाप करें
उत्तर दिशा की ओर
शक्ति मंत्र (Shakti mantras) आपको अधिक प्रभावी तरीके से ध्यान केंद्रित करने में मदद करते हैं।
ये मंत्र आपका आत्मविश्वास और साहस बढ़ाते हैं।
शक्ति मंत्र चिंता, उदासी और बेचैनी के प्रबंधन में सहायता करते हैं।
ये मंत्र जातक को उसे पेशे में बेहतर प्रदर्शन में मदद करता है।
इसके अलावा, ये मंत्र भक्त के आसपास की बुराई को खत्म कर उसके चारों ओर अच्छा वातावरण उत्पन्न करते हैं।
इन मंत्रों की मदद से आपकी सोच बेहतर होती है और आपका व्यक्तित्व भी निखरता है। यह अपार मानसिक और आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।
साथ ही ये मंत्र आपको जागरूक बनाता है, ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। इन सबकी मदद से आप अपने जिंदगी के बेहतर निर्णय लेने में सक्षम बनते हैं।
इस मंत्र के जाप से उत्पन्न कंपन मस्तिष्क, आत्मा और शरीर को स्वस्थ रखने में सहायता करते हैं।