तीन मुखी रुद्राक्ष ब्रम्हा, विष्णु और महेश का प्रतिरूप होता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले जातक को इन तीनो देवों की कृपा प्राप्त होती है। तीनमुखी रुद्राक्ष पर प्राकृतिक रूप से तीन धारिया होती है। इस रुद्राक्ष को साक्षात् अग्नि का स्वरुप माना गया है। तीन मुखी रुद्राक्ष सतोगुण, रजोगुण तथा तमोगुण इन तीनो का रूप माना जाता है। तीनमुखी रुद्राक्ष में ब्रम्हा विष्णु तथा महेश इन तीनो देवो की शक्तियों का समावेश होता है। इस रुद्राक्ष में आकाश पाताल तथा पृथ्वी इन तीनो की शक्तिया भी समाहित होती है। तीनमुखी रुद्राक्ष के स्वामी अग्निदेवता है। तथा मंगल ग्रह इसे नियंत्रित करता है। तीनमुखी रुद्राक्ष सत्य, रज और तम इन तीनो गुणों का त्रिगुणात्मक शक्ति स्वरुप होता है। तीनमुखी रुद्राक्ष विद्या प्रदान करता है। अतः जो विद्यार्थी पढ़ने में कमजोर हो तो वह तीन मुखी रुद्राक्ष धारण कर ले। इससे उसे अद्भुत लाभ प्राप्त होगा। तीन मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से मन में दया धर्म और परोपकार की भावना पैदा होती है। यह तीन मुखी रुद्राक्ष हमारे मनोबल और उत्साह में आश्चर्यजनक वृद्धि करता है।
साथियों तीन मुखी रुद्राक्ष को बड़े विधि विधान से धारण करना चाहिए। आप उसे गले में धारण कर सकते है। भुजाओ में बांध सकते है। आजकल तो रूद्रक्ष के ब्रेसलेट भी आने लगे है। वो भी आप धारण कर सकते है। या फिर आप सिद्ध किया हुआ प्राण प्रतिष्ठित तीन मुखी रुद्राक्ष अपने घर के पूजा में भी रख सकते है। अपने कारोबार के स्थान में भी आप तीन मुखी रुद्राक्ष रख सकते है। या अपने घर के लाकर में भी आप सिद्ध किया हुआ तीन मुखी रुद्राक्ष रख सकते है। जब आप सिद्ध किया हुआ प्राणप्रतिष्ठित तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करते है तो अपने मन में शुद्धता का भाव अवश्य रखे। और साथ ही आप अग्निदेव से यह प्रार्थना करे की हे प्रभु जिस उद्देश्य की पूर्ति हेतु मै यह तीन मुखी रुद्राक्ष धारण कर रहा हु। उस उद्देश्य की पूर्ति में आप मेरी मदद करे तथा मेरे मार्ग दर्शक बने। और मेरे कार्य सिद्ध में मेरी मदद करे।
रुद्राक्ष का दाना स्वयं सिद्ध होता है। हमें बस उस रुद्राक्ष को अभिमंत्रित कर के उसकी शक्तियों को जागृत करना पड़ता है। एक बार आपने अपने रुद्राक्ष को प्राणप्रतिष्ठित कर लिया तो उसके चमत्कारों को आप स्वयं महसूस कर सकते है।
तीन मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र है " ॐ क्लिं नमः "। तीनमुखी रुद्राक्ष के स्वामी अग्निदेवता है। तीनमुखी रुद्राक्ष का ग्रह स्वामी मंगल है। और इसकी राशि मेष है। अर्थात यह तीन मुखी रुद्राक्ष मंगल ग्रह को मजबूत बनाता है। और मेष राशि से सम्बंधित है। मेष राशि के लोग तीनमुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।
यदि आपने अपना तीनमुखी रुद्राक्ष सिद्ध कर लिया है। तो प्रति दिन इसकी पूजा बहुत ही आसान है। आप अपनी पूजा प्रति दिन जैसे करते है। वैसे ही करना है बस उस रुद्राक्ष को स्नान आदि करवाकर पूजा स्थान पर रख दें। तत्पश्चात अष्टगंध एवं पुष्प अर्पण कर दे। फिर धुप दिप दिखा कर अपनी इच्छा मन में बोले एवं शिवजी को प्रणाम करके वह रुद्राक्ष धारण कर ले।
इस रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति में पूर्वाभास की शक्ति में काफी वृद्धि होती है। तथा वह व्यक्ति धीरे धीरे त्रिकाल दर्शी बन जाता है। एवं भूत भविष्य और वर्तमान इन तीनो को वह महसूस करने लगता है। स्त्री हत्या जैसा जगनन्ह पाप करने वाला व्यक्ति भी यदि तीन मुखी रुद्राक्ष धारण कर ले तो वह भी पाप मुक्त हो जाता हैं। तीनमुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति में रचनात्मक प्रवृतियों का उदय होता है। वह व्यक्ति विभिन्न योजनाओ को बनाकर उन्हें पूर्ण करने के लिए तत्पर रहता है।
तीन मुखी रुद्राक्ष विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से लाभदायक होता है। क्योंकि विद्या अध्ययन में रूचि पैदा करने में यह रुद्राक्ष सक्षम है। तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से स्मरण शक्ति में गजब का विकास होता है। तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से दया धर्म और परोपकार की भावना उत्पन्न होती है। तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से ब्रम्हहत्या जैसा पाप भी भस्म हो जाता है। तीनमुखी रुद्राक्ष धारण करने मात्र से अग्निदेव प्रसन्ना हो जाते है। पूजा स्थान में तीनमुखी रुद्राक्ष स्थापित करने से परिवार में सुख शांति धन तथा विद्या की वृद्धि करता है।
इस रुद्राक्ष को आप चाँदी अथवा सोने के तार में पिरोकर धारण कर सकते है। तीन मुखी रुद्राक्ष को धन स्थान में रखना बहुत ही लाभदायक होता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से स्वस्थ में वृद्धि होती है। हमारे जीवन के लक्ष्यों की प्राप्ति में यह तीन मुखी रुद्राक्ष बहुत सी सहायक होता है।
तीन मुखी रुद्राक्ष साक्षात् अग्निदेव का स्वरुप होता है। इसको धारण करने के लिए कुछ खास दिन होते है। अगर उन शुभ मुहूर्त में इसे धारण करे तो इसके चमत्कारिक लाभ मिलते है। चलिए जानते है।
१) तीन मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का सबसे बढ़िया दिन है महाशिवरात्रि। महाशिवरात्रि के दिन इसे धारण करना उत्तम होता है।
२) आप श्रवणमास में किसी भी दिन तीन मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। यह पावन महीना शिवजी को अति प्रिय है।
३) आप किसी भी शुभ मुहूर्त पर तीन मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। जैसे अक्षय तृतीया, गुरुपुष्य नक्षत्र, रविपुष्य नक्षत्र, आदि।
४) आप शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार को तीन मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।
५) हर महीने में जो मासिक शिवरात्रि आती है। आप उस शिवरात्रि को भी तीन मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।
६) फिर भी आपके मन में यदि शंका हो तो आप किसी भी विद्वान पंडित से शुभ मुहूर्त निकलवाकर तीन मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।
उपरोक्त जो मुहूर्त बताये गए है। उन मुहूर्त पर आप कोई भी रुद्राक्ष सिद्ध कर के धारण कर सकते है। ये सभी मुहूर्त सर्व श्रेष्ठ एवं उत्तम है।
यदि मेष राशि के जातक तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करें तो यह उनके लिए अति शुभ होगा। यह रुद्राक्ष सूर्य और मंगल ग्रह के दुष्परिणामों को ख़त्म करता है। इससे वे लोग अपने जीवन में बहुत ऊंचाइयों तक पहुँचते है। एवं इस रुद्राक्ष का लाभ ले सकते है। और अपना जीवन सुखमय बना सकते है।
जो व्यक्ति मांस मदिरा का सेवन करता है, या झूठ बोलता है ऐसे लोगों को तीनमुखी रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए। यदि वह व्यक्ति फिर भी रुद्राक्ष धारण करता है तो उसे प्रत्येक कार्य में हानि ही होती है। उसे हर समय नकारात्मक परिणाम ही मिलते है। वह हरदम दुविधा में फंसा रहता है। अतः सही यही है की, वह रुद्राक्ष धारण करता है तो उपयुक्त कार्य करना बंद कर दे।
हाई ब्लड प्रेशर को कण्ट्रोल करता हैं। पेट के जठराग्नि को नियंत्रित करता हैं हड्डियों के दर्द से राहत दिलाता हैं। सर्जरी के बाद यदि कोई परेशानी हो तो उसमे भी तीन मुखी रुद्राक्ष बहुत कारगर साबित होता हैं। माइग्रेन या दर्द में भी इसे धारण करने से आराम मिलता हैं।
यदि आप बार बार बीमार हो रहे हो तो आपको तीन मुखी रुद्राक्ष जरूर धारण करना चाहिए।
तीन मुखी रुद्राक्ष शारीरिक ऊर्जा को संतुलित रखता है।
यदि रीढ़ की हड्डी में दर्द हो या कोई भी हड्डी का दर्द हो, तो तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
माइग्रेन या पेट फूलने से सम्बंधित कोई समस्या हो तो उसमे भी तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
हार्ट से सम्बन्धी यदि कोई समस्या हो तो उस समय भी तीन मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। और उसका लाभ ले सकते हैं।
साथियों तीनमुखी रुद्राक्ष का पानी बनाना बहुत ही आसान है। रात को सोते समय एक गिलास पानी में तीनमुखी रुद्राक्ष को डाल दीजिये। और प्रातः काल उठकर उस पानी से रुद्राक्ष निकाल लीजिये। बस तीनमुखी रुद्राक्ष का पानी तैयार है। आप इसे अपने काम में ले सकते है। और उससे होने वाले फायदों का लाभ ले सकते है।
दोस्तों तीनमुखी रुद्राक्ष का जल बहुत ही चमत्कारी होता है। इससे बहुत ही फायदे होते है। यह जल हमारे शरीर के लिए अमृत होता है और हमें कई बिमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है। रुद्राक्ष के जल से होने वाले आश्चर्यजनक लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए क्लिक करें।
जिन लोगों को भूमि से सम्बंधित कोई परेशानी हो, जैसे आपके पेमेंट फंसी हुई है या कोर्ट कचहरी के चक्कर में आप परेशान हो गए हो। तो उस समय आप तीन मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। जो विद्यार्थी पढाई में कमजोर हो वे लोग भी तीन मुखी रुद्राक्ष धारण कर के उसका लाभ ले सकते है। जिसके अंदर आत्मविश्वास की कमी है। वो भी तीन मुखी रुद्राक्ष धारण कर के उसका लाभ ले सकता है। इससे धारण करने से बुद्धि तेज होती है।
यदि आप समर्थ है तो तीन मुखी रुद्राक्ष को सोने या चाँदी के तार में भी धारण कर सकते है। आप चाहे तो दो मुखी रुद्राक्ष का लाकेट भी पहन सकते है। और यदि आप साधारण परिवार से है तो आप तीन मुखी रुद्राक्ष को लाल या सफ़ेद धागे में भी धारण कर सकते है।