"पांचमुखी रुद्राक्ष " ! इस रुद्राक्ष के अधिपति बृहस्पति देव है। बृहस्पति देव किस चीज के कारक है ? तो आपको बता दूँ की, पद प्रतिष्ठा, मान सम्मान, ज्ञान विज्ञान, संतान एवं धन सम्बंधित कार्यों में बृहस्पति देव कारक है। पांचमुखी होने के कारण यह रुद्राक्ष पांच तत्वों को कण्ट्रोल करता है। अतः ये सारी विशेषताएं आती है पांचमुखी रुद्राक्ष में। इसलिए खास है पांचमुखी रुद्राक्ष !
पांचमुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है ?
पांचमुखी रुद्राक्ष आपके चक्रों के जागृत करने में मदत करता है।
पांचमुखी रुद्राक्ष धारण करने से हमारे आस-पास की निगेटिव एनर्जी ख़त्म हो जाती है।
पांचमुखी रुद्राक्ष धारण करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
पांचमुखी रुद्राक्ष बृहस्पति के अशुभ प्रभाव को ख़त्म करता है।
पांचमुखी रुद्राक्ष धारण करने से स्ट्रेस (तनाव) दूर होता है और मन शांत होता है।
पांचमुखी रुद्राक्ष व्यक्ति में आध्यात्मिकता को बढ़ाता है।
पांचमुखी रुद्राक्ष के फायदे ?
पांचमुखी रुद्राक्ष आपके आत्मविश्वास के बढ़ाता है।
यदि आपके वैवाहिक जीवन में कुछ परेशानिया आ रही है तो रुद्राक्ष धारण करने से वह ख़त्म हो जाती है।
पांचमुखी रुद्राक्ष धारण करने से ज्ञान में वृद्धि होती है।
पांचमुखी रुद्राक्ष के प्रभाव से धन सम्बंधित समस्या ख़त्म हो जाती है।
पांचमुखी रुद्राक्ष यह आपको हर क्षेत्र में सफलता दिलाता है।
पांचमुखी रुद्राक्ष अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी और आकाश इन पांच तत्वों को कंट्रोल करता है। इसलिए यह रुद्राक्ष काफी प्रभावशाली माना जाता है।
पांचमुखी रुद्राक्ष विद्यार्थी को जरूर धारण करना चाहिए। इससे स्मरण शक्ति में गजब का विकास होता है।
पांचमुखी रुद्राक्ष को समृद्धि और सफलता का प्रतिक माना जाता है।
किस दिन धारण करे पांचमुखी रुद्राक्ष ?
पांचमुखी रुद्राक्ष साक्षात् बृहस्पति देव का स्वरुप होता है। इसको धारण करने के लिए कुछ खास दिन होते है। अगर उन शुभ मुहूर्त में इसे धारण करे तो इसके चमत्कारिक लाभ मिलते है। चलिए जानते है।
१) पांचमुखी रुद्राक्ष को धारण करने का सबसे बढ़िया दिन है महाशिवरात्रि। महाशिवरात्रि के दिन इसे धारण करना उत्तम होता है।
२) आप श्रवणमास में किसी भी दिन पांचमुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। यह पावन महीना शिवजी को अति प्रिय है।
३) आप किसी भी शुभ मुहूर्त पर पांचमुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। जैसे अक्षय तृतीया, गुरुपुष्य नक्षत्र, रविपुष्य नक्षत्र, आदि।
४) आप शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार को पांचमुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।
५) हर महीने में जो मासिक शिवरात्रि आती है। आप उस शिवरात्रि को भी पांचमुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।
६) फिर भी आपके मन में यदि शंका हो तो आप किसी भी विद्वान पंडित से शुभ मुहूर्त निकलवाकर पांचमुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।
पांचमुखी रुद्राक्ष के विशेष गुण
ताम्बे के लोटे में जल भर कर उसके अंदर पांचमुखी रुद्राक्ष आधे घंटे के लिए डाल दें। फिर चम्मच से रुद्राक्ष निकाल ले। अब वह जल और "समीपत्र " भोलेनाथ के शिवलिंग पर अपनी मनोकामना बोलते हुए अर्पित कर दें। तीन महीने के अंदर आपकी मनोकामना शिवजी अवश्य पूरी कर देंगे। नहीं तो आपको उस मार्ग का पता चल जायेगा जिससे आपकी मनोकामना पूरी होगी। "ॐ नमः शिवाय "
जिस रुद्राक्ष में छेद नहीं होता है। उस रुद्राक्ष में पावर ज्यादा होता है। वह आपको अति शीघ्र फल प्रदान करने में सक्षम होता है। यदि प्राकृतिक छेद है तो उसमे भी पावर होता है। लेकिन यदि रुद्राक्ष में मशीनों द्वारा छेद किया गया है तो वह रुद्राक्ष खंडित हो जाता है। और खंडित रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए। क्यों की इसके धारण से कोई फल प्राप्त नहीं होता है। वह मात्र एक आभूषण होता है।