जब चारों तरफ से निराश हो जाएँ। जब आपको लगने लगे की अब सारे रस्ते बंद हो गए हों। जीवन में अब कुछ नहीं बचा है। अब आप कुछ भी नहीं कर सकते। ना कोई साथ देने वाला है और ना कोई सहारा। जब चारों ओर अंधकार छा जाये और सब कुछ ख़त्म हो जाये तब ऐसे समय में आपको आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। भगवान गणेश आठ मुखी रुद्राक्ष को एनर्जी देते है। और यह आठ मुखी रुद्राक्ष आठों तरफ से हमारी रक्षा करता है।
आठ मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है ?
आठ मुखी रुद्राक्ष में अस्टविनायक श्री गणेशजी और मुरगन स्वामी श्री कार्तिकेय भगवान इन दोनों देवताओं की शक्तियों का समावेश है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से जातक को श्री गणेश भगवान का आशीर्वाद तो मिलता ही है। साथ में श्री कार्तिकेय भगवान का भी सहयोग प्राप्त होता है। ग्रहों में आठ मुखी रुद्राक्ष का स्वामी केतु ग्रह है। यदि जातक सात मुखी और आठ मुखी रुद्राक्ष साथ में धारण करे तो शनि ग्रह और केतु ग्रह इन दोनों की महादशा में आश्चर्जनक लाभ प्राप्त कर सकता है। जो जातक अपने जीवन में असफलताओं का सामना कर रहे है उनके लिए ये दोनों रुद्राक्ष किसी वरदान से काम नहीं है।
यदि जातक कोई नया काम स्टार्ट कर रहा है तो। उसे सबसे पहले आठ मुखी रुद्राक्ष का पूजन और धारण करना चाहिए। क्योंकि श्री गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है। और आठ मुखी रुद्राक्ष के प्रमुख देवता श्री गणेश जी है। और वह अपने जातक को सफलता का आशीर्वाद देते है।
आठ मुखी रुद्राक्ष केतु के दुष्प्रभाव को कम कर देता है। और जातक के अंदर तर्क-वितर्क करने की क्षमता में वृद्धि करता है। अर्थात सोचने और समझने की शक्ति में वृद्धि करता है। यह रुद्राक्ष सभी बाधाओं को दूर करके जातक को सफलता दिलवाने में सक्षम है। यदि जातक आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करे तो यह रुद्राक्ष जातक के जीवन में हर कार्य क्षेत्र में सफलता दिलवाता है।
आठ मुखी रुद्राक्ष के फायदे ?
केतु ग्रह के प्रभाव से होने वाले दुष्प्रभाव को ख़त्म करने वाले इस दिव्य आठ मुखी रुद्राक्ष को धारण करना अति शुभ होता है। आईये जानते है इसके धारण करने से होने वाले लाभ के बारे में।
जो लोग हर समय आनेवाली बाधाओं से परेशां रहते है वो लोग भी आठ मुखी रुद्राक्ष की पूजा कर सकते है।
जिस जातक के कार्य बनते-बनते अंत समय में बिगड़ जाते है उन लोगो के लिए आठ मुखी रुद्राक्ष वरदान है।
यदि आपको भूत-प्रेत या छाया से परेशानी हो तो भी आप आठ मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।
यदि आप स्वप्न में भूत-प्रेत या पैशाचिक क्रिया देखते हो, या सर्प का स्वप्न देखते हो तो भी आपको आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से भय से मुक्ति मिलती है।
जो लोग कोर्ट कचहरी में सालों से परेशान है उन जातको को रुद्राभिषेक करने के उपरांत आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करना बहुत हितकर होता है।
यदि कोई जातक गुप्त साधना करता है तो उसे भी आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। इससे उसे जल्दी ही लाभ मिलता है।
आठ मुखी रुद्राक्ष के औषधीय गुण ?
फेफड़े, पेट और लिवर से सम्बन्धी बिमारियों में आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से बहुत आराम मिलता है। गले, कान और नाक से सम्बंधित समस्यांए भी इस रुद्राक्ष के प्रभाव से ख़त्म हो जाती है।
किन लोगो को पहनना चाहिए आठ मुखी रुद्राक्ष ?
यदि आप प्रमोशन चाहते है तो धारण करे आठ मुखी रुद्राक्ष। आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मान-सम्मान में वृद्धि होती है। पद-प्रतिष्ठा में इजाफा होता है।
जिस जातक की जन्म कुंडली में राहु द्वारा पितृ दोष का निर्माण होता है। उन्हें आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से बहुत लाभ मिलता है।
जिस जातक की जन्म कुंडली में कालसर्प दोष का निर्माण हो रहा हो ऐसे जातकों को भी आठ मुखी रुद्राक्ष जरूर धारण करना चाहिए।
जिनके घर परिवार में शुभ कार्य में अचानक विघ्न आ जाता है। उन जातको को भी आठ मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए। या घर में आठ मुखी रुद्राक्ष की पूजा करनी चाहिए।
अंक शास्त्र के अनुसार जिस जातक का मूलांक एवं भाग्यांक 4 हो उन लोगों को भी आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करना अति फलदाई होता है।
जिस जातक के पास जन्म कुंडली ना हो और वह रुद्राक्ष धारण करना चाहता है तो अपने नाम के पहले अक्षर के आधार पर भी वह आठ मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकता है। ( कु, घ, ड, छ, रु, रे, रो, ता, गो, सा, सी, सू )
अंक शास्त्र के अनुसार जिस जातक के पास अपने जन्म से सम्बन्धी कोई भी जानकारी नहीं है। वह, अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार भी आठ मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकता है। (D, M, V, )