चारमुखी रुद्राक्ष साक्षात् ब्रम्हदेव एवं माता सरस्वती का स्वरुप माना जाता है। इसे धारण करने वाला चारों दिशाओं में ख्याति प्राप्त करता है। चारमुखी रुद्राक्ष सभी ज्ञान का प्रतिक माना जाता है। चारमुखी रुद्राक्ष को चतुर्वेदों का प्रतिक भी माना जाता है। ऐसी मान्यता है की इस रुद्राक्ष को धारण करने वाला ज्ञान प्राप्ति की तरफ आकर्षित होने लगता है। चारमुखी रुद्राक्ष धारण करने से नेत्र विकार दूर होते है। चहरे पर तेज और वाणी में मधुरता आती है। जिन बच्चों का पढाई में मन नहीं लगता है या पढ़ते समय उनकी एकाग्रता भंग हो जाती है। तथा पढ़ने के पश्चात भी सब कुछ भूल जाते है। या फिर जिस किसी को भी वाणी दोष हो तो ऐसे लोगों को चारमुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करवाना चाहिए।
चार मुखी रुद्राक्ष के फायदे ?
चलिए जानते है की चारमुखी रुद्राक्ष धारण करने के क्या फायदे है :-
अपने वर्तमान को बेहतर बनाने के लिए चार मुखी रुद्राक्ष धारण किया जाता है।
जो लोग विद्या अध्ययन कर रहे है उनके ऊपर सरस्वती माता की कृपा सदैव बनी रहती है।
चारमुखी रुद्राक्ष हमारी इन्द्रियों को जगाने में मददगार होता है।
चारमुखी रुद्राक्ष हमारे जीने के उद्देश्य से हमारा परिचय करवाता है।
चारमुखी रुद्राक्ष पहनने से बोलने की कला में वृद्धि होती है।
चारमुखी रुद्राक्ष धारण करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।
चारमुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यापर की बारीकियों को समझने में मदत मिलती है।
चारमुखी रुद्राक्ष धारण करने से गणित से सम्बंधित कार्य करने में मदत होती है।
चारमुखी रुद्राक्ष धारण करने से अकाउंट का कार्य बड़ी बुद्धि के साथ हो जाता है।
चारमुखी रुद्राक्ष धारण करने से मार्केटिंग के कार्य में बहुत जल्द ही सफलता प्राप्त होती है।
चारमुखी रुद्राक्ष धारण करने से कला के क्षेत्र में सफलता मिलती है।
अगर आप आर्टिकल (लेख) लिखते है या कवि है, कविताये लिखते है तो आपके लिए चारमुखी रुद्राक्ष बहुत ही उपयोगी साबित होता है।
जो लोग बात करते करते अटक जाते है तो ऐसे लोगों को चारमुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए। इससे उन्हें बहुत लाभ प्राप्त होगा।
जो लोग पढाई कर रहे है या जो लोग विद्द्या अध्ययन कर रहे है। उन्हें चारमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
बृहस्पति गृह के कारक होने के कारण धन से संभंधित, ऐश्वर्य एवं समृद्धि तथा संतान से सम्बंधित तत्वों में वृद्धि होती है।
अतः चारमुखी रुद्राक्ष ब्रम्हदेव एवं माता स्वरस्वती से सम्बंधित है इस लिए इसे धारण करने से उपरोक्त सभी कार्य में सिद्धि एवं वृद्धि होती है।