हर माता–पिता की यह इच्छा होती है कि उनका बच्चा स्वस्थ, बुद्धिमान और सौभाग्यशाली हो। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चे के जन्म से पहले ही उसके जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित किया जा सकता है? ज्योतिष शास्त्र में यह संभव है कि आप अपनी और अपने जीवनसाथी की जन्म तिथि के आधार पर संतान के लिए सबसे उपयुक्त समय जान सकें।
Dr Vinay Bajrangi, एक प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य, मानते हैं कि सही समय पर गर्भधारण करने से न केवल संतान की सेहत अच्छी रहती है, बल्कि उसका भाग्य, शिक्षा, बुद्धिमत्ता और मानसिक संतुलन भी बेहतर होता है।
ज्योतिष में संतान की प्राप्ति के लिए कुछ महत्वपूर्ण ग्रहों की स्थिति का विशेष ध्यान रखा जाता है:
1. पंचम भाव (5th House):
यह भाव संतान से संबंधित होता है। यदि पंचम भाव में शुभ ग्रह जैसे बृहस्पति, चंद्रमा या शुक्र हों, तो संतान का योग अच्छा होता है।
2. गर्भधारण मुहूर्त:
गर्भधारण के लिए विशेष मुहूर्त होता है जो स्त्री की मासिक चक्र और पति–पत्नी दोनों की कुंडली मिलान पर आधारित होता है।
3. चंद्रमा की स्थिति:
चंद्रमा स्त्री की मानसिकता और भावनात्मक स्थिति का कारक है। गर्भधारण के लिए चंद्रमा की स्थिति अनुकूल होना जरूरी है।
4. संतान प्राप्ति योग:
कुछ विशेष दशाएं और अंतर्दशाएं होती हैं जो यह संकेत देती हैं कि संतान कब और कैसे प्राप्त होगी। यदि सही दशा में गर्भधारण किया जाए, तो संतान भाग्यशाली और गुणवान होती है।
आप अपनी जन्म तिथि, समय और स्थान के आधार पर Janam Kundli बनवाएं। फिर उसमें निम्नलिखित बातों को देखें:
· पंचम भाव का स्वामी कौन सा ग्रह है और वह कहां स्थित है?
· क्या बृहस्पति (संतान का कारक) मजबूत है?
· क्या शनि या राहु पंचम भाव को प्रभावित कर रहे हैं? यदि हां, तो गर्भधारण में देरी या कठिनाई हो सकती है।
· क्या चंद्रमा और शुक्र शुभ भावों में हैं?
यदि ये सारी स्थितियां अनुकूल हों, तो वह समय गर्भधारण के लिए सर्वोत्तम माना जा सकता है।
Dr Vinay Bajrangi का मानना है कि संतान के जन्म से पहले उसका भविष्य तय नहीं किया जा सकता, लेकिन गर्भधारण का समय और मुहूर्त सही चुनकर उस बच्चे के लिए एक बेहतर जीवन की नींव रखी जा सकती है।
उनकी ‘Conceive As Per Astrology’ सेवा माता–पिता को सही दिशा में निर्णय लेने में सहायता करती है। वह यह सलाह देते हैं कि गर्भधारण से पहले दोनों जीवनसाथियों की कुंडली का सूक्ष्म अध्ययन करवाएं और सही समय का चयन करें।
· पति–पत्नी दोनों की कुंडली का मिलान
· पंचम भाव और बृहस्पति की स्थिति की जांच
· गर्भधारण मुहूर्त की सलाह
· किसी प्रकार का मंगल दोष या कालसर्प योग हो, तो उसका पहले निवारण
बिना ज्योतिषीय मार्गदर्शन के यदि गर्भधारण किया जाए, तो संतान में शारीरिक या मानसिक समस्याएं, पढ़ाई में बाधा, या जीवन में संघर्ष हो सकते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि आप जन्म तिथि के अनुसार गर्भधारण का सही समय जानें।
Q1. क्या गर्भधारण का समय कुंडली से सही पता लगाया जा सकता है?
Ans: हां, कुंडली में पंचम भाव, बृहस्पति और चंद्रमा की स्थिति देखकर गर्भधारण का सही समय बताया जा सकता है।
Q2. क्या गलत समय पर गर्भधारण करने से संतान पर असर पड़ता है?
Ans: गलत समय पर गर्भधारण करने से संतान के स्वास्थ्य, व्यवहार और मानसिकता पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
Q3. क्या Dr Vinay Bajrangi की वेबसाइट पर यह सेवा उपलब्ध है?
Ans: हां, Dr Vinay Bajrangi की वेबसाइट पर Conceive as per Astrology नामक सेवा के तहत यह जानकारी उपलब्ध करवाई जाती है।
Q4. क्या यह केवल स्त्री की कुंडली पर आधारित होता है?
Ans: नहीं, गर्भधारण का सही समय जानने के लिए पति और पत्नी दोनों की कुंडली जरूरी होती है।
Q5. क्या पंचम भाव में राहु हो तो गर्भधारण न करें?
Ans: राहु पंचम भाव में हो, तो संतान से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में पहले उसका उपाय कराना चाहिए।
यदि आप भी संतान सुख चाहते हैं और यह जानना चाहते हैं कि आपके बच्चे के लिए सबसे उपयुक्त समय कौन सा है, तो Dr Vinay Bajrangi से संपर्क करें और अपनी कुंडली का ज्योतिषीय विश्लेषण करवाएं।
किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।
Source: https://kundlihindi.com/blog/time-to-conceive-a-baby-by-birth-time/