ज्योतिष विज्ञान केवल भविष्य बताने का साधन नहीं है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू को गहराई से समझने की एक कला है। इसमें जन्म कुंडली या कुंडली विश्लेषण का विशेष महत्व है, जो हमारे जीवन की दिशा, निर्णय और संभावनाओं को स्पष्ट करती है।
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य Dr Vinay Bajrangi के अनुसार, यदि आप अपने ज्योतिषीय पहलुओं को सही तरीके से समझ लेते हैं, तो आप अपने जीवन के कई उतार–चढ़ाव से पहले ही सचेत हो सकते हैं और सही समय पर सही निर्णय ले सकते हैं।
ज्योतिषीय पहलू का मतलब है ग्रहों की एक–दूसरे के प्रति कोणीय स्थिति और उनका प्रभाव। जब ग्रह अपनी स्थिति के आधार पर एक–दूसरे को दृष्टि करते हैं, तो वे हमारे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों — जैसे करियर, स्वास्थ्य, विवाह भविष्यवाणि, और आर्थिक स्थिति — पर गहरा असर डालते हैं।
आपकी जन्म कुंडली 12 भावों और 9 ग्रहों पर आधारित होती है। प्रत्येक ग्रह का अपना स्वभाव, दृष्टि कोण और प्रभाव क्षेत्र होता है।
· सकारात्मक पहलू जीवन में उन्नति, अवसर और स्थिरता लाते हैं।
· नकारात्मक पहलू चुनौतियां, देरी या बाधाएं उत्पन्न करते हैं।
1. संयोग (Conjunction): जब दो या अधिक ग्रह एक ही राशि और डिग्री के पास होते हैं, तो उनका प्रभाव मिश्रित होता है।
2. विपरीत (Opposition): 180° के अंतर पर स्थित ग्रह जीवन में संतुलन और संघर्ष दोनों ला सकते हैं।
3. त्रिकोण (Trine): 120° का पहलू सबसे शुभ माना जाता है और सौभाग्य, धन, व ज्ञान प्रदान करता है।
4. षडाष्टक (Sextile): 60° का पहलू अवसर और विकास का संकेत देता है।
5. चतुर्थक (Square): 90° का पहलू चुनौतियां और संघर्ष दर्शाता है, जो मेहनत से अवसर में बदल सकता है।
· करियर और व्यवसाय: 10वां भाव और उससे जुड़े पहलू आपके पेशेवर जीवन की दिशा तय करते हैं।
· विवाह और रिश्ते: 7वां भाव और उससे जुड़े ग्रहों की दृष्टि आपके वैवाहिक जीवन की गुणवत्ता दर्शाती है।
· स्वास्थ्य: 6वां और 8वां भाव के पहलू आपके स्वास्थ्य और रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करते हैं।
· धन और समृद्धि: 2वां और 11वां भाव के सकारात्मक पहलू आर्थिक स्थिरता देते हैं।
Dr Vinay Bajrangi का मानना है कि जन्म कुंडली विश्लेषण केवल ग्रहों की स्थिति पढ़ने का नाम नहीं है, बल्कि उनके पहलुओं और दृष्टियों को गहराई से समझना ही सटीक भविष्यवाणी की कुंजी है। सही पहलुओं की पहचान करके, व्यक्ति अपने जीवन में समय पर सही कदम उठा सकता है और नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकता है।
1. सही जन्म समय नहीं पता और सटीक जानकारी रखें
2. कुंडली में ग्रहों की स्थिति और डिग्री नोट करें।
3. दृष्टि नियमों को समझें, जैसे शनि की तीसरी, सातवीं और दसवीं दृष्टि, गुरु की पांचवीं, सातवीं और नौवीं दृष्टि आदि।
4. किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य से मार्गदर्शन लें, जो पहलुओं का सही विश्लेषण कर सके।
निष्कर्ष
ज्योतिषीय पहलुओं को समझना आपकी जन्म कुंडली/ janam kundali को समझने की असली कुंजी है। यह आपको जीवन के हर मोड़ पर बेहतर निर्णय लेने, चुनौतियों से निपटने और अवसरों का लाभ उठाने में मदद करता है। जैसे Dr Vinay Bajrangi कहते हैं — “जब आप अपने ग्रहों के पहलुओं को समझ लेते हैं, तो आपका जीवन आपके नियंत्रण में आ जाता है।“
Q1: ज्योतिषीय पहलू क्या होते हैं?
ये ग्रहों की आपसी कोणीय स्थिति और उनके प्रभाव होते हैं, जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं।
Q2: क्या हर पहलू शुभ होता है?
नहीं, कुछ पहलू शुभ होते हैं और कुछ चुनौतीपूर्ण, लेकिन सही उपाय से नकारात्मक पहलुओं को कम किया जा सकता है।
Q3: जन्म कुंडली में पहलू कब महत्वपूर्ण होते हैं?
जब वे आपके प्रमुख भावों — जैसे 1st, 7th, 10th और 11th भाव — को प्रभावित करते हैं।
Q4: क्या पहलुओं से विवाह और करियर तय हो सकता है?
हाँ, सही पहलुओं का विश्लेषण आपके विवाह के समय और करियर की दिशा दोनों को बता सकता है।
Q5: सबसे अच्छे पहलू कौन से माने जाते हैं?
त्रिकोण (120°) और षडाष्टक (60°) को ज्योतिष में सबसे शुभ माना जाता है।
किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।
Read more: Kundli Milan
Source: https://kundlihindi.com/blog/janam-kundli-ko-samjhne-ki-kunji/