करवा चौथ (Karwa Chauth या Karaka Chaturthi) हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को आता है।
साल 2025 में करवा चौथ 10 अक्टूबर, 2025 को मनाया जाएगा।
दिल्ली जैसे स्थान पर पूजा मुहूर्त लगभग 17:57:25 से 19:07:18 तक है।
चंद्र उदय (moonrise) का समय लगभग 20:12:59 है।
पारंपरिक व्रत समय (उदयान से चंद्र दर्शन तक) भी अलग–अलग क्षेत्रों में बदलता है।
ज्योतिष की दृष्टि से, करवा चौथ दिन चंद्रमा की स्थिति विशेष महत्व रखती है क्योंकि चंद्रमा मन, मानस और भावनाओं का कारक है। यदि चंद्रमा शुभ स्थिति में हो — अर्थात् वृश्चिक, मीन जैसे राशि संकेत में हो या चंद्रमा को शुभ ग्रहों का दृष्टि हो — तो वह व्रत धारिणी की आंतरिक शांति और स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव डाल सकती है। इसी कारण चंद्र आदर (चाँद को अर्घ्य देने का विधान) बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
व्रत व पूजा की ज्योतिषीय विधियों का सही पालन करने से जीवनशक्ति, दीर्घायु, और मनोबल को प्रोत्साहन मिलता है।
नीचे कुछ वैज्ञानिक + आयुर्वेदिक + ज्योतिषीय उपाय दिए गए हैं, जिन्हें Dr Vinay Bajrangi की सलाह सहित अपनाया जा सकता है:
1. सात्विक सरगी (pre-fast भोजन) चुनें
व्रत शुरू करने से पहले की जाने वाली सरगी में हल्का, पाचनीय और ऊर्जा देने वाला भोजन रखें — जैसे गुड़, सूखे मेवे, रीठा (किसी सूखे फल मिश्रण), ताजे फल। इससे शरीर को पोषण मिलेगा और व्रत के दौरान कमजोरी नहीं होगी। आयुर्वेद में यह माना जाता है कि यह शरीर में अम्ल (toxins) को बाहर निकालने में मदद करता है।
2. निरजल व्रत सावधानी से लें
यदि स्वास्थ्य कमजोर हो (उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग आदि), तो निरजल व्रत (बिना पानी) लेने से बचें। ऐसी स्थिति में हल्का उपवास (फलों का रस, नारियल पानी) या “फलाहार व्रत” लेना बेहतर रहेगा।
3. चाँद दर्शन और अर्घ्य विधि
चाँद को पानी देना (अर्घ्य) करते समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके खड़े हों। इसमें एक प्रकार की ऊर्जा संतुलन की क्रिया मानी जाती है।
चंद्रमा को अर्घ्य देते समय मन में सकारात्मक भाव (प्रेम, शांति) रखें।
4. सूर्य नमस्कार या हल्की योगाभ्यास करें
व्रत के समय हल्की गतिविधि (योग या प्राणायाम) करना शरीर की ऊर्जा को बनाए रखता है। पर अधिक थकावट न हो, ध्यान रखें व्रत की स्थिति को देखते हुए।
5. पानी का संचय (अन्न या तंतु से भरा पात्र) रखना
रसोईघर या पूजा स्थल में मोटे दाने वाले अनाज (चावल, गेहूँ) या तंतु युक्त पात्र रखें, यह परिवार में स्थिरता और पुष्ट स्वास्थ्य को दर्शाता है।
6. दान और सेवा
व्रत के दिन दान (खाद्य सामग्री, वस्त्र, दान) करना शुभ माना जाता है और नकारात्मक ग्रह प्रभावों को कम करने में मदद कर सकता है।
7. मंत्र जाप और धारणाएँ
– महा मृत्युंजय मंत्र, या ॐ नमः शिवाय मंत्र जप कर सकते हैं।
– सर्व शुभ ग्रह मंत्र (ॐ स्वाहा …)
– नकारात्मक भावनाओं से दूर रहें — सकारात्मक सोच बनाए रखें।
8. रत्न और यंत्र उपाय
यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा दोष या चंद्रमा नीच हो, तो मोती मोती (Pearl) रत्न पहनना, या चंद्रमा मन्त्र जाप करना, चंद्र यंत्र (Moon Yantra) पूजा कर सकते हैं।
(इन उपायों को अपनाने से पहले विशेषज्ञ ज्योतिषी जैसे Dr Vinay Bajrangi से व्यक्तिगत मार्गदर्शन लेना चाहिए)
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व्रत और पूजा की समयावधि (मोहूर्त) के दौरान नीचे–उपरोक्त ग्रहों जैसे गुरु, शुक्र, चंद्रमा की स्थिति को देखकर पूजा करें, ताकि ग्रह दोषों का असर कम हो।
1. पूजा की दिशा (पूजा स्थल) उत्तर–पूर्व दिशा में रखने का प्रयास करें।
2. लाल रंग का शामिल प्रयोग (लाल फूल, वस्त्र) करना शुभ माना जाता है — प्रेम, वैभव और ऊर्जा को बढ़ाने के लिए।
3. पूजा के समय कम बिजली, हल्की खुशबू (अगरबत्ती, धूप) रखें, जिससे वातावरण शांत और सकारात्मक बने।
4. यदि संभव हो, पति–पत्नी दोनों साथ व्रत करें — यह संबंध में सामंजस्य बढ़ाता है।
Q1. करवा चौथ का व्रत क्या प्रत्येक महिला को रखना चाहिए?
— व्रत लगभग सभी विवाहित महिलाएं रखती हैं, लेकिन यदि स्वास्थ्य समस्या जैसे मधुमेह, ब्लड प्रेशर, गर्भावस्था (खासकर कि जोखिम वाली स्थिति), गुर्दा समस्या आदि हों, तो व्रत न रखना या सिर्फ हल्का उपवास लेना बेहतर है। Read more: स्वास्थ्य ज्योतिष
Q2. व्रत कब से शुरू करना चाहिए और कब तोड़ना चाहिए?
— व्रत सूर्योदय (या उस समय से पहले) सरगी लेकर शुरू किया जाता है।
— व्रत चंद्र दर्शन और पूजा–मंत्र के बाद, अर्घ्य देकर और पति की सहायता से भोजन ग्रहण कर तोड़ा जाता है।
Q3. यदि चंद्रमा बाद में निकले या बाद में मुहूर्त हो तो क्या व्रत अधूरा माना जाता है?
— यदि ग्रह घटाएं (Tithi) या मुहूर्त अनुकूल न हो, तो व्रत विधिपूर्वक नहीं माना जाता है। ऐसे स्थिति में ज्योतिष या पंडित की सलाह आवश्यक है।
Q4. बुढ़ापे में क्या व्रत रखना ठीक है?
— बुढ़ापे में यदि स्वास्थ्य अनुकूल हो, तो हल्का व्रत (फलाहार, जूस आदि) ही रखें। भारी व्रत शरीर पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है।
Q5. क्या अविवाहित महिलाएं करवा चौथ रख सकती हैं?
— कई स्थानों पर अविवाहित महिलाएं भी व्रत रखती हैं प्रेम या सौभाग्य प्राप्ति हेतु। यह परम्परागत तरीकों पर निर्भर करता है।
Q6. कृत्रिम चंद्र दर्शन (परदर्शी वस्त्र या पर्दे में चाँद की छाया) से व्रत मान्य होगा?
— अधिकतर मान्य पंडित और ज्योतिषी अस्वीकृति देते हैं — असली चंद्र दर्शन होना चाहिए।
किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।
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Source: https://kundlihindi.com/blog/karwa-chauth-date-and-time/