कजरी तीज 2025 (या कजली तीज) भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 12 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा, क्योंकि भाद्रपद कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 11 अगस्त की सुबह 10:33 बजे से शुरू होकर 12 अगस्त की सुबह 8:40 बजे तक रहेगी, और उदय तिथि के अनुसार व्रत–विधि 12 अगस्त को होगी
· *तृतीया तिथि शुरू: 11 अगस्त 2025, सुबह 10:33 बजे
· *तृतीया तिथि समापन: 12 अगस्त 2025, सुबह 08:40 बजे
· *व्रत परायण (उदय तिथि): 12 अगस्त को पूजा–व्रत मनाया जाएगा
· इस वर्ष व्रत पर विशेष सर्वार्थ सिद्धि योग, सुकर्मा योग, और शिववास योग बन रहे हैं: –
*सर्वार्थ सिद्धि योग: 12 अगस्त सुबह 11:52 बजे से 13 अगस्त सुबह 5:49 बजे तक — बहुत शुभ माना जाता है– अअन्य योगों (सुकर्मा, धृतियोग, लाभ‑चौघड़िया आदि) विशिष्ट समय अनुपालनों में फलदायी होते हैं
· ययह त्योहार मुख्यतः शिव–पार्वती की आराधना, विवाहित महिलाओं के लिए पति की लंबी आयु, और कुंवारी कन्याओं के लिए मनचाहा वर प्राप्ति हेतु निर्जल व्रत के रूप में मनाया जाता है
· *कृषि, भूमि, और वर्षा से जुड़ा यह त्योहार मानसून अवधि के दौरान भूमि की उर्वरता एवं समृद्धि का प्रतीक है।– उउत्तर भारत (उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान) में यह पर्व विशेष रूप से उत्सव और मेलों के माध्यम से मनाया जाता है
प्रमुख पूजन सामग्रियाँ:
· गगंगाजल, गाय का दूध–दही, बेलपत्र, अक्षत (चावल), रोली‑गुलाल, शुद्ध चन्दन, धतूरा, भांग (कुछ समुदायों में), मिठाई, दीपक आदि
1. दिन प्रारंभ में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2. घर के मंदिर की सफाई करके गंगाजल छिड़काव से पूजा गृह को पवित्र बनाएं।
3. एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर शिव–पार्वती की मूर्ति/चित्र रखें।
4. अगबत्ती, फल, फूल, बेलपत्र, जल और नैवेद्य अर्पित करें।
5. मंत्र जाप, दीपक जलाकर आरती करें।
6. कथा सुनने के बाद चंद्रोदय या शाम को सत्तू से व्रत खोलें (कुछ समुदायों में निर्जल व्रत)
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· ममहिलाएँ झूला सजाना, Kajri गीत गाना, मेले‑जुलूस‑नृत्य आदि का आयोजन करती हैं। खासकर बाड़ी तीज मेलों में कई लोक‑उत्सव एवं लोककला‑प्रदर्शन होते हैं
Dr Vinay Bajrangi, एक प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य, सुझाते हैं कि:
· *सर्वार्थ सिद्धि योग के दौरान पूजा करने से दांपत्य जीवन में संतुलन, समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है।– ननिर्जला व्रत की पवित्रता और स्थिरता, साथ ही पूजा में पूर्णता की भावना मुख्य है।– उउन्हें सलाह है कि पूजा करते समय शुभ समय (उदय तिथि + योग अवधि) का पालन किया जाए ताकि पूजा अपरिहार्य फल दे।
Q1: कजरी तीज 2025 कब है और मुहूर्त क्या है?
A: Kajari Teej 2025 12 अगस्त को मनाई जाएगी। तृतीया तिथि 11 अगस्त सुबह 10:33 बजे से शुरू, एवं 12 अगस्त सुबह 08:40 बजे समाप्त होगी। व्रत विधि 12 अगस्त को है
Q2: क्या सर्वार्थ सिद्धि योग व्रत को और भी फलदायी बनाता है?
A: हाँ, सर्वार्थ सिद्धि योग (12 अगस्त सुबह 11:52 से 13 अगस्त सुबह 5:49 बजे तक) पूजा‑व्रत को बेहद शुभ बनाता है, जैसा कि ज्योतिषाचार्यों ने बताया है
Q3: कौन कौन रिटुअल्स और रंग प्रिय हैं इस दिन?
A: महिलाएँ लाल व पीला वस्त्र, 16 श्रृंगार, मेहंदी, देवी–देवताओं के चित्र श्रींगार, झूले, औरक काजरी गीत गाना इस दिन की रंगभूमि हैं।
Q4: अगर चाँद सुबह निकल जाए, तो व्रत कब तोड़ा जाए?
A: परंपरा के अनुसार व्रत चाँद दर्शन के बाद या शाम में पारंपरिक सत्तू भोजन से खोला जाता है। यदि निर्जल व्रत रखा गया हो तो रात्रि में भोजन कर सकते हैं।
Q5: क्या विशिष्ट पूजा सामग्री अनिवार्य है?
A: हाँ, जैसे गंगाजल, बेलपत्र, अक्षत, धतूरा, भांग, गुलाल आदि पूजा‑सामग्री पारंपरिक नियमों में उल्लिखित हैं। शास्त्रीय मान्यताओं में इन्हें अनिवार्य माना गया ह
इस कजरी तीज 2025 पर 12 अगस्त को पूर्ण श्रद्धा, आध्यात्मिक उत्साह और Dr Vinay Bajrangi द्वारा सुझाए गए शुभ योग एवं पूजा विधियों के अनुकूल व्रत रखना, मंत्र जाप एवं कथा सुनना अत्यंत फलदायी माना जाता है। यह पर्व विवाह, शक्ति, समृद्धि और रंग–बिरंगी लोक संस्कृति का त्योहार है। अपनी पूजा को समयबद्ध, विदिपूर्वक और पूर्ण श्रद्धा के साथ करें और इस विवाहिक जीवन–सुख के पर्व को आत्मसात करें।
शुभ कजली तीज!
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