भारतीय संस्कृति और विवाह ज्योतिष में कुंडली मिलान का विशेष महत्व है। जब दो लोगों का विवाह तय किया जाता है, तो सबसे पहले उनकी जन्म कुंडलियों का मिलान किया जाता है। लेकिन अक्सर यह सवाल उठता है — क्या कुंडली मिलान वास्तव में एक मित्र की तरह मदद करता है, या यह शत्रु बनकर रिश्तों में बाधा डालता है?
डॉ. Vinay Bajrangi कहते हैं कि यदि कुंडली मिलान को सही तरीके से समझा जाए तो यह केवल वर–वधू की अनुकूलता नहीं बताता, बल्कि भविष्य में होने वाली समस्याओं और सुख–दुख का भी आकलन करता है।
कुंडली मिलान केवल एक पारंपरिक प्रथा नहीं है, बल्कि विवाह ज्योतिष का एक अत्यंत वैज्ञानिक पक्ष है। यह प्रक्रिया जन्म समय, जन्म स्थान और नक्षत्रों की स्थिति पर आधारित होती है। इसके मुख्य उद्देश्य हैं:
· दाम्पत्य जीवन की अनुकूलता जानना।
· मंगल दोष, नाड़ी दोष, या भकूट दोष जैसी संभावित बाधाओं को पहचानना।
· बच्चों के सुख, स्वास्थ्य और दांपत्य स्थिरता की जानकारी प्राप्त करना।
· विवाह के बाद के जीवन में सामंजस्य स्थापित करना।
यदि सही ज्योतिषीय पद्धति से कुंडली मिलान किया जाए, तो यह जीवन साथी के बीच सामंजस्य बढ़ाने वाला मित्र साबित होता है।
· यह पहले से ही उन कारणों को उजागर कर देता है, जो भविष्य में तनाव का कारण बन सकते हैं।
· उचित उपायों के माध्यम से विवाह में आने वाली बाधाओं को टाला जा सकता है।
· यह विवाह को अधिक मजबूत और स्थिर बनाने में मदद करता है।
डॉ. Vinay Bajrangi का मानना है कि कुंडली मिलान रिश्तों में सकारात्मक ऊर्जा लाने का कार्य करता है।
दूसरी ओर, यदि केवल सतही रूप से या अधूरी जानकारी के आधार पर कुंडली देखी जाए, तो यह रिश्तों में शत्रु जैसा काम कर सकता है।
· कई बार लोग गुण मिलान/kundali matching (अष्टकूट मिलान) पर ही रुक जाते हैं और बाकी महत्वपूर्ण योगों को नजरअंदाज कर देते हैं।
· इससे सही जोड़ी भी अस्वीकृत हो सकती है।
· गलत भविष्यवाणी परिवारों में भ्रम और तनाव पैदा करती है।
इसलिए ज़रूरी है कि कुंडली मिलान हमेशा किसी अनुभवी ज्योतिषी जैसे डॉ. Vinay Bajrangi से करवाया जाए।
आजकल कई लोग सोचते हैं कि प्यार या समझदारी ही रिश्ते को निभाने के लिए काफी है। लेकिन वास्तविकता यह है कि विवाह केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं, बल्कि दो परिवारों और संस्कृतियों का भी मिलन है। कुंडली मिलान न केवल मानसिक और भावनात्मक सामंजस्य पर ध्यान देता है, बल्कि आर्थिक, स्वास्थ्य भविष्यवाणी और भविष्य के हर पहलू पर दृष्टि डालता है।
निष्कर्ष
तो क्या कुंडली मिलान मित्र है या शत्रु? इसका उत्तर सरल है — यदि इसे सही तरह से समझा जाए तो यह जीवन का सबसे बड़ा मित्र है, लेकिन यदि इसे अधूरी जानकारी से किया जाए तो यह शत्रु साबित हो सकता है। इसलिए विवाह से पहले कुंडली मिलान को हल्के में न लें और इसे हमेशा किसी योग्य और अनुभवी ज्योतिषी से करवाएं।
प्रश्न 1: क्या केवल गुण मिलान ही काफी है?
नहीं, गुण मिलान कुंडली मिलान का केवल एक हिस्सा है। अन्य दोष जैसे मंगल दोष, नाड़ी दोष, और ग्रहों की दशा–अंतर्दशा को भी देखना ज़रूरी है।
प्रश्न 2: अगर कुंडली में दोष आ जाए तो क्या विवाह नहीं होना चाहिए?
ज़रूरी नहीं। डॉ. Vinay Bajrangi बताते हैं कि कई बार सही उपायों से दोषों का प्रभाव कम या समाप्त किया जा सकता है।
प्रश्न 3: क्या कुंडली मिलान से विवाह में खुशहाली की गारंटी होती है?
कुंडली मिलान संभावित समस्याओं की पहचान कर देता है और उनके समाधान सुझाता है। यह खुशहाल विवाह की संभावना को बढ़ा देता है।
प्रश्न 4: क्या आधुनिक समय में भी कुंडली मिलान प्रासंगिक है?
हाँ, क्योंकि यह केवल परंपरा नहीं बल्कि ग्रह–नक्षत्रों पर आधारित एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है।
प्रश्न 5: कुंडली मिलान करवाने का सही समय क्या है?
विवाह का निर्णय लेने से पहले, ताकि संभावित समस्याओं का समाधान किया जा सके।
Dr. Vinay Bajrangi: किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।
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Source: https://kundlihindi.com/blog/what-is-kundli-milan-friend-or-foe/