ज्योतिष केवल विवाह, करियर या धन संबंधी प्रश्नों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य समस्याओं की भविष्यवाणी करने में भी कारगर मानी जाती है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति के कुंडली के ग्रह और भाव उसके स्वास्थ्य की स्थिति, बीमारियों की संभावना और जीवनशैली से जुड़े पहलुओं की जानकारी देते हैं। इसलिए, यह प्रश्न स्वाभाविक है कि क्या ज्योतिष से हम अपनी बीमारी की भविष्यवाणी कर सकते हैं? आइए इस विषय पर विस्तार से जानें।
स्वास्थ्य ज्योतिष (Medical Astrology) एक ऐसी शाखा है जिसमें कुंडली के आधार पर यह समझा जाता है कि व्यक्ति किन–किन स्वास्थ्य समस्याओं से गुजर सकता है। उदाहरण के लिए –
· प्रथम भाव (लग्न भाव) — शरीर और समग्र स्वास्थ्य को दर्शाता है।
· षष्ठ भाव (छठा भाव) — रोग, शत्रु और कर्ज से जुड़ा होता है, इसलिए इसे रोग भाव भी कहा जाता है।
· आठवां भाव — दीर्घकालिक बीमारियाँ और दुर्घटनाओं का कारक है।
· बारहवां भाव — अस्पताल, खर्च और बिस्तर संबंधी समस्याओं का प्रतीक है।
जब इन भावों के स्वामी ग्रह पाप ग्रहों से प्रभावित होते हैं या अशुभ स्थिति में होते हैं, तो व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ हो सकती हैं।
· सूर्य — हृदय, हड्डियों और आत्मशक्ति का कारक है। इसकी अशुभ स्थिति से आंखों और हृदय रोग हो सकते हैं।
· चंद्रमा — मानसिक स्थिति और रक्त का कारक है। कमजोर होने पर व्यक्ति को तनाव, अवसाद और नींद की समस्याएँ होती हैं।
· मंगल — रक्त, ऊर्जा और स्नायु का कारक है। खराब स्थिति में दुर्घटना या चोट लग सकती है।
· बुध — त्वचा, नसों और बोलने की क्षमता का कारक है।
· बृहस्पति — यकृत और मोटापे से जुड़ा है।
· शुक्र — प्रजनन क्षमता और हार्मोन का कारक है।
· शनि — दीर्घकालिक बीमारियाँ, गठिया और कमजोरी से जुड़ा है।
· राहु–केतु — अचानक रोग और रहस्यमयी बीमारियाँ देते हैं।
इन्हीं आधारों पर ज्योतिष स्वास्थ्य समस्याओं की भविष्यवाणी करने में मदद करता है।
ध्यान रहे कि ज्योतिष इलाज नहीं है, बल्कि यह एक मार्गदर्शन है। ज्योतिषी आपकी कुंडली देखकर यह बता सकता है कि किस समय स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, और कौन से उपाय आपको राहत दिला सकते हैं। जैसे –
· विशेष ग्रह दोषों के लिए मंत्र जाप
· रुद्राक्ष धारण करना
· दान–पुण्य करना
· योग और ध्यान
इन उपायों से व्यक्ति अपनी ऊर्जा को संतुलित कर सकता है और मानसिक शांति पा सकता है।
प्रसिद्ध वैदिक ज्योतिषाचार्य Dr. Vinay Bajrangi के अनुसार, “कुंडली में ग्रह और भाव यह स्पष्ट संकेत देते हैं कि व्यक्ति किन–किन बीमारियों की ओर अधिक संवेदनशील है। यदि समय रहते स्वास्थ्य ज्योतिषीय उपाय किए जाएँ तो बड़ी बीमारियों से बचाव किया जा सकता है।”
उनका मानना है कि स्वास्थ्य ज्योतिष केवल भविष्यवाणी ही नहीं, बल्कि एक रोकथाम का साधन है।
तो, प्रश्न का उत्तर यही है कि हाँ, ज्योतिष स्वास्थ्य समस्याओं की भविष्यवाणी कर सकती है। यह हमें बताती है कि जीवन के किस समय हमें अपने स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है और किस प्रकार के रोगों से हम प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, यह हमेशा याद रखें कि ज्योतिष केवल मार्गदर्शन है, चिकित्सा का विकल्प नहीं। किसी भी बीमारी की स्थिति में डॉक्टर की सलाह लेना सबसे आवश्यक है।
Q1. क्या ज्योतिष से बीमारी का सही समय पता चल सकता है?
हाँ, ज्योतिष में दशा, अंतरदशा और गोचर के आधार पर बीमारी के समय की भविष्यवाणी की जा सकती है।
Q2. क्या ज्योतिष से गंभीर बीमारियों की पहचान संभव है?
हाँ, कुंडली के षष्ठ, अष्टम और द्वादश भाव का गहन अध्ययन करने पर गंभीर बीमारियों का संकेत मिलता है।
Q3. क्या ज्योतिष स्वास्थ्य का स्थायी समाधान देता है?
ज्योतिष केवल मार्गदर्शन और उपाय देता है। स्थायी समाधान के लिए उचित इलाज और स्वस्थ जीवनशैली जरूरी है।
Q4. Dr. Vinay Bajrangi से स्वास्थ्य ज्योतिष की सलाह कैसे मिल सकती है?
आप उनकी आधिकारिक वेबसाइट या व्यक्तिगत परामर्श के माध्यम से उनसे संपर्क कर सकते हैं। वे आपकी कुंडली देखकर सटीक मार्गदर्शन और उपाय बताते हैं।
Q5. क्या ज्योतिष के बताए उपाय वास्तव में काम करते हैं?
यदि उपाय ईमानदारी और विश्वास से किए जाएँ, तो ये मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं, जो स्वास्थ्य सुधार में सहायक होती है।
किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।
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Source: https://kundlihindi.com/blog/can-astrology-predict-time-of-illness/