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(power On Self Test) Post क्या हैं। या Booting किसे कहते हैं
Post Screen
Post प्रक्रिया वह क्रिया हैं। जिसमे computer ऑन होकर अपने साथ जुड़े हुए कॉम्पोनेन्ट कि जाँच करता हैं। इस प्रक्रिया के दोरान यदि कोई device नहीं लगा हैं या फिर वह सही से काम नहीं कर रहा है। इसकी सुचना मॉनिटर के screen पर Error Code या फिर Error Beep के द्वारा देता हैं। और मॉनिटर की डिस्प्ले पर दिखता है।
जब हम कंप्यूटर के ऑन स्विच को दबाते हैं। तब से लेकर मॉनिटर पर पहली डिस्प्ले आने तक जो भी प्रक्रिया होती हैं। उसी को Booting Process या फिर POST(power on self test) कहा जाता हैं
कंप्यूटर में बहुत सी समस्याओं "Problems" का पता पोस्ट के दोरान ही चलता है.
जैसे ही हम कंप्यूटर का स्विच दबाते हैं। तो पॉवर सप्लाई मदर बोर्ड और उससे जुड़े सारे कॉम्पोनेन्ट को सप्लाई देता हैं।
पॉवर मिलते ही सबसे पहले माइक्रो प्रोसेसर ऑन होकर मदर बोर्ड से जुड़े हुए सारे कॉम्पोनेन्ट कि जाँच करता हैं। जाँच पूरी होने पर होने पर मदर बोर्ड से लगे सभी कम्पोनेट के द्वारा एक पॉवर गुड का सिग्नल माइक्रो प्रोसेसर के टाइमर चिप को मिलता हैं जिसके अनुसार माइक्रो प्रोसेसर(cpu) को यह पता चल जाता हैं कि कौन-कौन से डिवाइस या कॉम्पोनेन्ट काम कर रहे हैं। या नहीं यह पॉवर गुड सिग्नल (Power good signal)स्विच ऑन होने से लगभग। .1मिनट से .5 मिनट तक माइक्रो प्रोसेसर तक पहुँच जाते हैं।
माइक्रो प्रोसेसर सबसे पहले रोम बायोस (Rom Bios) को एक्टिव करता हैं। यह रोम बायोस के अंतिम लोकेशन से शुरुवात होती हैं। फिर रोम बायोस जुड़े हार्डवेयर कि जाँच करता हैं। सबसे पहले रोम बायोस कि जाँच करता हैं
उसके बाद इनपुट और आउटपुट डिवाइस कि सेटिंग को उनके कार्य के अनुसार कॉन्फ़िगर करता हैं।
बायोस डिस्प्ले विडियो रैम कि स्कैनिंग करता हैं तरह बायोस एक एक करके सभी पार्ट्स कि जाँच पूरी करता हैं।
इस प्रक्रिया के बाद मॉनिटर पर पहली डिस्प्ले आती हैं। और कौन-कौन से पार्ट्स सही या फिर काम नहीं कर रहे हैं। उनकी जानकारी स्क्रीन पर दिखाई जाती हैं।
यदि पोस्ट के दोरान यदि रैम या विडियो रैम सही नहीं पाये जाते या फिर और कोई कॉम्पोनेन्ट ख़राब होगा तो उसकी जानकारी हमे एरर बीप के द्वारा बताता हैं।