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जब एक होस्ट, नेटवर्क के द्वारा किसी दुसरे होस्ट को डाटा सेंड करता है, वो डाटा एक प्रोसेस से गुजरता है और OSI मॉडल की हर लेयर पर प्रोटोकॉल की इनफार्मेशन को जोड़ दिया जाता है |
नेटवर्क में कम्यूनिकेट करने और इनफार्मेशन को एक्सचेंज करने के लिए हर लेयर 'प्रोटोकॉल डाटा यूनिट' pdu का इस्तेमाल करती है | इसके द्वारा, हर लेयर पर डाटा के साथ जो इनफार्मेशन ऐड की जाती है उसको कण्ट्रोल किया जाता है | इस pdu की इनफार्मेशन कको रिसीविंग डिवाइस की peer लेयर के द्वारा ही पढ़ा जा सकता है | पढने के बाद इसमें से pdu हटा दिया जाट है और डाटा आगे की लेयर को भेज दिया जाता है |
ध्यान रहे कि हर लेयर पर पुराना pdu हटा कर उस लेयर से सम्बंधित नया pdu जोड़ दिया जाता है और डाटा को आगे भेज दिया जाता है |
हर लेयर की कुछ विशेष जिम्मेदारियां है | और याद रहे कि ये 3 लेयर logical है फिजिकल नहीं |
कोर लेयर वास्तव में नेटवर्क का कोर पार्ट है | इस लेयर का काम डाटा के बड़े अमाउंट को नेटवर्क में reliably और quickly transport करना है | इस लेयर का यही काम है कि नेटवर्क में ट्रैफिक को तेज़ी से आगे बढाना | अगर कोर लेयर फेल हो जाये तो इसका असर हर यूजर पर पड़ता है |
the distribution layer कभी कभी work-group लेयर के नाम से भी जानी जाती है और ये एक्सेस लेयर और कोर लेयर के बीच का कम्युनिकेशन पॉइंट भी है | इस लेयर के मुख्य कार्य है वो इस प्रकार है - रोउटिंग प्रोवाइड करवाना, नेटवर्क फ़िल्टरिंग करना और WAN एक्सेस देना और यह पता लगाना कि जरुरत के समय पर कोर, पैकेट को कैसे एक्सेस करेगी |
नेटवर्क में सर्विस रिक्वेस्ट आने पर, पैकेट को आगे भेजने का सबसे तेज़ रास्ता यही निकलती है | उदहारण के लिए - एक फाइल सर्वर को कैसे भेजी जायगी |
Routing.
Implement tools, Packet Filtering and queuing.
Security Implementing, Network Policies, Firmwares.
Redistributing between Routing Protocols.
Defining Broadcast and multicast domains.
एक work group और यूजर के द्वारा नेटवर्क में रिसोर्सेज के एक्सेस पर कंट्रोल रखने का काम इसी लेयर का है | एक्सेस लेयर कभी-कभी डेस्कटॉप लेयर के नाम से भी जानी जाती है |
continued use of access control and policies
creation of seperate collision domains (segmentation)
work group connectivity