नेटवर्क सर्विस (NETWORK SERVICE)
नेटवर्क सर्विस कंप्यूटर हार्डवेयर तथा कंप्यूटर साफ्टवेयर की एक मिलीजुली योग्यता होती है l जिसे वे नेटवर्क में उपस्थित कंप्यूटर के साथ बाँट सकते हैं l इसके कारण ही नेटवर्किंग में विभिन्न प्रकार के कार्य संभव हो पाते हैं l नेटवर्क के कंप्यूटर सर्विस लेते भी हैं और सर्विस देते भी हैं l इस आधार पर नेटवर्क में उपस्थित कंप्यूटर को दो भागों में बांटा जाता है –
१- सर्विस प्रोवाइडर
२- सर्विस रिकुएस्टर
सर्विस प्रोवाइडर – सर्विस प्रोवाइडर वे कंप्यूटर होते है जो नेटवर्क में उपस्थित कंप्यूटर को अपनी विभिन्न सर्विसेस प्रदान करते हैं l इसे हम सर्वर भी कहते हैं l
सर्विस रिकुएस्टर- सर्विस रिकुएस्टर वे कंप्यूटर होते है l जो नेटवर्क में उपस्थित किसी और कंप्यूटर से विभिन्न प्रकार की सर्विसेस लेते हैं l इसे हम क्लाइंट भी कहते हैं l
प्रोटोकॉल (PROTOCOL)
प्रोटोकॉल ऐसे नियमो का समूह होता है l जिसके द्वारा यह निर्धारित होता है कि किस प्रकार एक डिवाइस या कंप्यूटर का डाटा व इन्फार्मेसन दुसरे डिवाइस या कंप्यूटर में ट्रांसमिट हो l
हम यह भी कह सकते है कि प्रोटोकॉल दो कंप्यूटर के बीच एक भाषा कि तरह कार्य करता है और एक कंप्यूटर के डाटा व सिग्नल्स को दुसरे कंप्यूटर को समझाता है कुछ प्रोटोकॉल निम्नलिखित हैं l
१- ऍफ़ टी पी (फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल )
२- एस एम टी पी (सिम्पल मेल ट्रांसफर प्रोटोकॉल )
३- एच टी टी पी (हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल )
४- टी सी पी (ट्रांसमिसन कण्ट्रोल प्रोटोकॉल )
५- आइ पी (इन्टरनेट प्रोटोकॉल )
आदि l
एक कंप्यूटर नेटवर्क के लिए न्यूनतम आवश्यकताएं (MINIMUM REQUIREMENTS FOR A COMPUTER NETWORK)
एक कंप्यूटर नेटवर्क बनाने के लिए निम्न आवश्यकतायें होती हैं
१- कम से कम दो कंप्यूटर जिनमे ऑपरेटिंग सिस्टम हो (नेटवर्किंग को सपोर्ट करने वाला)
२- ट्रांसमिशन मिडिया (वायर्ड या वायरलेस)