01.09.2017 by hsg
शायद आपने भी ग़ौर किया होगा कि दो-तीन दिन से इंटरनेट धोखा दे रहा है. या तो कनेक्शन नहीं मिलता, या फिर उसकी रफ़्तार बेहद धीमी है.
नोटबंदी के इस दौर में डिजिटल लेन-देन की ज़रूरत है और लंबी क़तारों से बचने के लिए इंटरनेट बड़ा सहारा साबित हो सकता है. ऐसे में चेन्नई के वरदा तूफ़ान ने देश के कई हिस्सों में ये सहारा छीन लिया है. एयरटेल और वोडाफ़ोन जैसी मोबाइल नेटवर्क कंपनियों ने मैसेज के ज़रिए अपने ग्राहकों को बताया कि तूफ़ान ने अंडरसी (समुद्र में) केबल को नुकसान पहुंचाया है, जिसके चलते कनेक्शन में दिक्कतें पेश आ सकती हैं.
सवाल उठना लाज़मी है कि इस तूफ़ान और हमारे इंटरनेट का क्या लेना-देना? दरअसल, इंटरनेट की दुनिया समंदर ने नीचे बिछी केबल से चलती है और अगर ये केबल प्रभावित होती हैं, तो इंटरनेट कनेक्शन में परेशानी आनी तय है.
टेलीकम्युनिकेशन मार्केट रिसर्च फ़र्म टेलीज्यॉग्रफ़ी के मुताबिक दुनिया भर में समंदर के नीचे फ़िलहाल 321 केबल सिस्टम काम कर रहे हैं. इनमें कुछ निर्माणाधीन हैं और इनकी संख्या साल दर साल बढ़ रही है.
आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि साल 2006 में जहां सबमरीन केबल के हिस्से सिर्फ़ एक फ़ीसदी ट्रैफ़िक था, वहीं अब 99 फ़ीसदी अंतरराष्ट्रीय डाटा इन्हीं तारों से दौड़ता है.
[What is Internet in Hindi] इंटरनेट क्या है
इंटरनेट एक ऐसी तकनीक है जिससे दो या दो से अधिक कंप्यूटरों, सर्वरों और डाटा सेंटरों काे आपस में जोडा जाता है, उदाहरण के लिये आप जो फेसबुक चलाते हैं और उस पर जो फोटो अौर वीडियो अपलोड करते हैं वह अमेरिका के सिलिकन वैली स्थित फेसबुक के मुख्यालय के डाटा सेंटर में स्टोर होते हैं और वह इंटरनेट ही है, जिसकी वजह से आप उस डाटा को यूज कर पाते हैं।
इन्टरनेट क्या है :
Internet जिसको की short मे net भी कहा जाता है अनगिनत एवं आपस मे connected computer network का समूह है जिसकी help से आप एक computer से दूसरे computer पर सभी तरह की information को exchange कर सकते है | सभी computers को internet से connect करने के लिए बहुत सारी organizations एक managed way मे TCP/IP एवं other technologies को use करते हुए servers, switches, routers, fiber cables आदि की help से internet को globally connect करती है | इंटरनेट को कोई एक company own नहीं करती लेकिन world की बहुत सारी organizations आपस मे collaborate करके इसकी proper functioning and development को ensure करती है | High-speed fiber-optic cables इंटरनेट का backbones है and esko world के अलग अलग countries मे telephone companies own करती है ये fiber cables Internet का सबसे बड़ा communication medium है जिस पर world मे internet का data travels करता है |
Internet
इस प्रकार इंटरनेट के लिए हम कह सकते है की यह हज़ारो small networks का group है जिसमे बहुत सारे छोटे बड़े private, public, business, education या फिर government network आपस मे wired or wireless medium से connect होकर data exchange करते है |
इंटरनेट हिस्ट्री – 1950 का time था जब electronic computers का development start हुआ था एवं digital communication के बारे मे सोचा जाने लगा था | United States की top universities को लगा की उनके पास कोई ऐसा tool होना चाहिए जिससे की information sharing and accessing मे ज्यादा time न लगे and easy भी हो जिससे की वो research data को time waste किये बिना transfer कर पाए | उन्ही दिनों मे US defense भी digital network and network data system पर research कर रही थी | इसी सोच के साथ US Department of Defense ने Late 1950 मे ARPANET एवं packet network systems के development के लिए US की universities को contact किया और इसके लिए research करने के लिए कहा | Uske baad Early 1960 मे packet switching पर research start हुई एवं late 1960 मे अलग अलग protocol को use करते hue packet switched networks such as the ARPANET, CYCLADES, the Merit Network, NPL network, Tymnet, and Telenet, develop किये गए |
इसमें ARPANET project मे inter-networking protocols को डेवलप किया गया जिसमे बहुत सारे separate networks को single network of networks मे join किया जा सकता था | ARPANET को two network nodes से develop करना start किया गया जो की दो अलग अलग location से connected थी | उसके बाद ARPANET ने 1971 के end तक fifteen sites आपस मे connected करने मे सफलता प्राप्त कर ली थी | यहाँ पर expert को समझ आ चुका था की इस interconnection tool मे कितना potential एवं future है | जब 1981 मे National Science Foundation (NSF) ने Computer Science Network (CSNET) को fund किया तो ARPANET को और ज्यादा एक्सपेंड किया गया और जब 1982 मे Internet Protocol Suite (TCP/IP) standardized अपनाया गया तो फिर worldwide सभी network को आपस मे connect किया जाने लगा | फिर 1984 मे domain name का concept start हुआ तो यह internet की क्रांति की शुरुआत था जो की World Wide Web के existence के बाद आगे बढ़ता गया |
इंटरनेट क्रांति
आज हर जगह इंटरनेट का प्रयोग हो रहा है, पिछले कुछ वर्षो में लोग इससे इस तरह जुड गये हैं कि आने वाले समय में आप बिना इंटरनेट के किसी भी तकनीक की कल्पना नहीं कर सकते हैं, आज कोई भी क्षेञ इंटरनेट से अछूता नहीं है, आज भारत में इंटरनेट की वजह से ई-गवर्नेस का लाभ गांवों एवं पंचायतों को मिल रहा है। ऐसे ही अनेकों लाभ लोग इंटरनेट से ले रहे हैं।
इंटरनेट के फायदे
आज आप मिनटों में इंटरनेट पर गूगल की सहायता से कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, अगर आप काम्पटेटिप एक्जाम की तैयारी कर रहे हैं इससे पढाई करने वाले बच्चों को बहुत मदद मिलती है। आप घर बैठे यू्ट्यूब पर वीडियो देखकर कुछ भी बनाना सीख सकते हैं। कभीं घूमने जाने से पहले आप वहॉ के बारे में सभी जानकारी Google Map देख सकते हैं साथ ही वहॉ के मौसम के बारें में और वहॉ के घूमने लायक जगहों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। घर बैठे ई-कॉमर्स के माध्यम से आप शॉपिंग, नेटबैंकिग या व्यापार कर सकते हैं। महिलायें घर बैठे ही रेसिपी, होम मेकर टिप्स सीख सकती हैं। अगर आप बोर हो रहे हो तो इसकी सहायता से आप गाना, फिल्म, गेम्स डाउनलोड कर सकते हैं।
इंटरनेट के नुकसान
इंटरनेट दुनिया में इसका दुरूपयोग भी किया जा रहा है, कुछ लोग इंटरनेट पर सोशल नेटवर्किंग साइटों के आदि हो जाते हैं अौर रात-रात भी जागकर चैटिंग इत्यादी कर करते रहते हैं, इससे स्वास्थ्य पर विपरीत असर पढता है। असुरक्षित रूप से इंटरनेट का इस्तेमाल करने से आपके कंप्यूटर में वायरस आ सकता है और अापके कीमती कंप्यूटर को नुकसान पहुॅचा सकता है। ऑनलाइन बैंकिग, सोशल नेटवर्किंग साइटों पर आपकी पर्सनल इनफार्मेशन जैसे- नाम, पता, फोटो अौर मोबाइल नंबर होते हैं, आपकी छोटी सी लापरवाही से हैकर्स इस जानकारी को चुराकर आपको आर्थिक और मानसिक क्षति पहुॅचा सकते हैं।
Internet का इतिहास हिंदी में (Internet History in Hindi)
Net की History की बात की जाये तो 1969 में ये दुनिया में अपना पहला कदम रख चुकता था, और वक्त और technology क बदलाव से ये आगे बढ़ता गया और अभी बी रुकने का नाम नहीं ले रहा है. थोडा और जानते है.
भारत में Internet पहली बार 15 August 1995 को इस्तेमाल हुआ था. उस वक्त की सबसे बड़ी Telecom कंपनी VSNL(Videsh Sanchar Nigam Limited) ने ये सेवा दी गई थी.इसके बाद ये भारत में कुछ इस तरह से बदलाव लाया था.
जैसे सिक्के के दो पहलु रहते हैं वैसे ही हर चीज़ के लाभ और हानि होते हैं वैसे ही Internet के भी फायदे और नुन्सन होते हैं चलोये जानते हैं क्या है Internet के फायदे और नुकसान इसके बारे में थोडा विस्तार में जानते हैं.
अगर आप Internet के सही से उपयोग करोगे तो आप बोहत कुछ कर सकते हो, इसलिए निचे दिए गए net के फायदे अछे से पढ़ें और अपनी जिंदिगी को Digital बनायें
आपको अगर अपनी जिंदगी को सही तरीके चलाना है इस Digital दुनिया में तो इन बातों को जरुर ध्यान से पढ़ें, और दुसरो को बताएं
भाइयों और बहनों मेरी ये जानकारी आपको काफी अछि लगी होगी. जिसमे हमने आपको पहले बतया Internet क्या है (what is internet in Hindi), और उसके बाद पढ़े होंगे
Internet History in Hindi जिसमे आप जाने Internet का इतिहास के बारे में, इसके बाद Internet का इतिहास भारत में, और इस लेख में काफी मायने रखता है ये सवाल क्या है
Internet वो भी Hindi में Internet के फायदे और नुकसान हिंदी में (Advantages and Disadvantages Of Internet in Hindi) अगर आप चाहते हो की आगे भी Computer Science और Technology की जानकारी आपको मिलती रहे तो हमारे ब्लॉग को Subscribe कर लीजिये.अगर अभी बी कोई संदेह है तो comment box में लिखे आपका सवाल काफी मायने है मेरे लिए और कोई सुझाव भी दे सकते हैं आप. जय हिंद, जय भारत, बोहत बोहत धन्यबाद.