Network Devices के बीच कम्युनिकेशन के लिए कुछ set of rules एंड conventions होते है जिनको Protocol कहा जाता है|
Protocol को access method भी कहते है | To chaliye Start Karte hain ki Protocol Kya hota hai ?
चलिए समझते हैं कि Protocol kya hota hai ?
. Computer प्रोटोकॉल कम्युनिकेशन के नियम के संग्रह को कहते हैं । जब भी कोई सूचना या Data एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में ट्रांसमिट या प्रेषित होती है तो यह प्रेषण या transmission कुछ नियमो के अनुसार होता है
जिस तरह जब दो मनुष्य मिलते है तो वे एक दुसरे से बात करने के लिए किसी ना किसी भाषा का इस्तेमाल करते है. जब वे बात करते है तो उन्हें सामने वाले की बात को समझने के लिए जरूरी नहीं है कि उन्हें व्याकरण के सभी नियमों का पता हो, किन्तु फिर भी वे बात को समझ जाते है. वे हल्के फुल्के नियमों और कम शब्दकोष के जरिये भी अंदाजा लगा लेते है कि सामने वाला क्या कह रहा है.
लेकिन कंप्यूटर प्रोटोकॉल में बिलकुल उल्टा है, अगर दो कंप्यूटर के बीच संचार हो रहा है तो उनके बीच शत प्रतिशत सही जानकारी डाटा, फिगर, आकार इत्यादि का संचार होना आवश्यक है तभी वे आपके द्वारा दी गई डाटा को समझ पायेगे और आपको उसका परिणाम देंगे,अन्यथा कोई निष्कर्ष नहीं निकलेगा. इसीलिए कंप्यूटर या किसी भी इलेक्ट्रोनिक डिवाइस ( Electronics Device ) के बीच संचार की प्रक्रिया के लिए प्रोटोकॉलबनाएं गए है जिनके अनेक प्रकार है. इनकी मदद से दो कंप्यूटर के बीच चाहे कितनी भी दुरी क्यों ना हो, अगर उनके बीच सही प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया गया तो वे सामान जानकारी को आसानी से पा सकते है. तो आओ अब कंप्यूटर प्रोटोकॉल के प्रकारों के बारे में जानते है
प्रोटोकॉल को आप मुख्यतः दो हिस्सों में बाँट सकते हो
इनके लिए अनेक प्रोटोकॉल बनायें गए है जो निम्नलिखित है
( Some Important Protocols ) –
– RIP ( Routing Information Protocol )
– IGRP ( Interior Gateway Routing Protocol )
– OSPF ( Open Shortest Path First )
– EIGRP ( Enhanced Interior Gateway Routing Protocol )
– NLSP ( Netware Link Services Protocol )
– RTMP ( Real Time Messaging Protocol )
– ARP ( Address Resolution Protocol )
– IS-IS ( Intermediate System of Intermediate System )
– EFP ( Exterior Gateway Protocol )
– BGP ( Border Gateway Protocol )
– OLSR ( Optimized Link State Routing Protocol )
– TCP ( Transmission Control Protocol )
– UDP ( User Datagram Protocol )
– ICMP ( Internet Control Message Protocol )
– SMTP ( Simple Mail Transfer Protocol )
– POP ( Post Office Protocol )
– IMAP ( Interactive Mail Access Protocol )
– HTTP ( Hyper Text Transfer Protocol )
– HTTPS ( Hyper Text Transfer Protocol over Secure Socket Layer )
– FTP ( File Transfer Protocol )
– IP ( Internet Protocol )
– IPX ( Internetwork Packet Exchange )
– AppleTalk
इनके अलावा भी अनेक प्रोटोकॉल, इंटीरियर प्रोटोकॉल,एक्सटीरीयर प्रोटोकॉल, स्टेटिक प्रोटोकॉल और उनकी लेयर होती है.
TCP और IP दोनों ही अलग प्रक्रियाओं का अनुसरण करते है, किन्तु इनका एक साथ इस्तेमाल भी किया जा सकता है और जब किन्ही दो या दो से अधिक प्रोटोकॉल को एक ही कार्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है तो उसे स्टैक ( Stack ) कहा जाता है, क्योकि इनके संचालन की कुछ लेयर ( Layer ) होती है. देखा जाएँ तो इन दोनों प्रोटोकॉल को एक पुरे सूट ( Suite ) को दर्शाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है और प्रोटोकॉल के यही सूट वेब के संचालन की जानकारियाँ पहुंचाते है. TCP और IP प्रोटोकॉल का इस्तेमाल काफी लोकल एरिया नेटवर्क के लिए भी किया जाता है
हर वेब पेज एक भाषा से बनता है जिसे Hyper Text Markup Language कहा जाता है. उसी पेज को पुरे इन्टरनेट वेब पर डालने के लिए एक सामान्य तरीके या प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया जाता है जिसे HTTP ( Hyper Text Transfer Protocol ) के नाम से जाना जाता है. ये प्रोटोकॉल भी इन्टरनेट पर काम करने और अपने कार्य को मैनेज करने के लिए TCP और IP का ही इस्तेमाल करता है.
इसी प्रोटोकॉल के समान ही एक अन्य प्रोटोकॉल भी है HTTPS ( Hyper Text Transfer Protocol over Secure Socket Layer ). ये हर डाटा को एक सिक्यूरिटी प्रदान करता है, इसका उदहारण आप हर उस वेबसाइट के URL में देख सकते है जिसकी शुरुआत https:// से होती है.
FTP प्रोटोकॉल अपने नाम की तरह ही कार्य करता है, ये किसी भी नेटवर्क की सभी फाइल्स को पहले कॉपी ( Copy ) करता है फिर उसे एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर तक पहुंचाने में मदद करता है. कहने का अर्थ है कि ये सबसे आसान तरीके से फाइल और उसके डाटा को मैनेज करता है. जबसे www ( World Wide Web ) आया है तब से ये बहुत कम इस्तेमाल किया जाता है या यूँ कहें कि आज इसका इस्तेमाल सिर्फ फाइल को किसी वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए ही होता है. पहले इसका इस्तेमाल वेबसाइट से गाने, फोटोज और सॉफ्टवेर इत्यादि को डाउनलोड करने के लिए भी होता था किन्तु आज उसके स्थान पर http का इस्तेमाल किया जाने लगा है. लेकिन आज भी बहुत सी ऐसी साईट है जो डाउनलोडिंग के लिए FTP का ही इस्तेमाल करती है क्योकि इसपर अधिक ट्रैफिक नहीं होता
Networking Protocol एक स्टैण्डर्ड है जिसको use करके डेटा computer network (जैसे local area network, Internet, Intranet, etc) मे exchange होता है | हर Protocol का एक अपना method होता है जिसकी help से ये decide होता है की data कैसे send किया जायेगा, जब data receive होगा तब क्या करना है, data को कैसे compress किया जावे एवं इन सब के बीच किसी भी तरह की errors को कैसे manage करना है | इस प्रकार प्रोटोकॉल, uniform set of rules होता है जो की दो devices को successful connect एवं data transmit करने के लिए help करता है इसके साथ साथ Protocol ensure करता है की कैसे data नेटवर्क एवं computing डिवाइस के बीच मे transmit करना है |
उपरोक्त प्रोटोकॉल के अलावा बहुत सारे और नेटवर्किंग प्रोटोकॉल हैं जिन्हें उपयोग किया जाता है । उमीद है कि आप को ये पोस्ट पसंद आयी होगी और आप जान पाएंगे होंगे प्रोटोकॉल का मतलब या प्रोटोकॉल क्या होता है ? Protocol kya hota hai ?