Indore Talk recently interviewed me on IIST's COVID readiness plan
हँसता हुआ जीवन
मुस्कुराता हुआ जीवन
गीत गाता हुआ जीवन
कैसे मिलेगा मुझको ?
वो प्यास जो है
कई वर्षों से
कैसे बुझेगी ?
कब मिल सकेगा
वो आशियाना
जहाँ सो जाऊँ बिन प्रयास
गहरी निद्रा में
कब दूर होंगे वो सारे तनाव
और दबाव
जिनमें जीया हुआ अब तक !
दबा हूँ जिनके बोझ तले
उठता हूँ रोज़ एक
भय लिए,
कि आज क्या होगा ?
किस किस से डरना होगा ?
किस किस से लड़ना होगा ?
जीवन के संघर्षों में
बस इन्ही तनावों में
ज़िंदगी खोती जा रही है
भूल गया हूँ हंसना, मुस्कुराना
बस रह गया है तो शेष
केवल यही एक फ़साना
कि कल क्या होगा?
क्या होगी नियति
इस जीवन की ?
क्या कभी पूरी हो पाएगी
अभिलाषा मन की ?
जब अट्ठ्हास करके जीऊँगा
उन्मुक्त जीवन
सौंदर्य से भरा जीवन
सार्थक जीवन !!
.... अरुण