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दिनांक: 19/10/2011
सेवा में,
माननीय मुख्यमंत्री
श्री नीतीश कुमार ,बिहार सरकार
एक अने मार्ग, पटना - 1
विषय - श्रीबाबू के 124वीं जयन्ति दिवस के अवसर पर आधुनिक बिहार के निर्माता बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की जन्मस्थली खनवाँ बिहार का पहला ई-ग्रामँ बेवसाईट का विधिवत शुभारंभ के संदर्भ में
महाशय,
आधुनिक बिहार के निर्माता बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की जन्मस्थली खनवाँ बिहार का पहला ई-ग्राम बना । श्री बाबू की 124वीं जयंति के अवसर पर 21 अक्टूबर को ई-ग्राम खनवाँ बेवसाईट का विधिवत शुभारंभ होना है। बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण बाबू की जन्मस्थली नवादा जिले के नरहट प्रखण्ड ई-ग्राम बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । अब www.mymodelvillage/Khanwan.com or www.Khanwan.com या गूगल पर srikrishnagramkhanwan क्लीक करते ही इस ग्राम से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारियां ऑन लाईन प्राप्त हो जाती है। इस बेवसाईट का उद्घाटन बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के हाथों होने का माँग खनवाँवासीयों का है। यह बेवसाईट खनवाँ के ही ग्रामीण संतोष कुमार जो कम्प्यूटर प्रशिक्षण के क्षेत्र में पूरे देश में एक खास उपलब्धि हासिल की है के द्वारा बनाया गया है। कम्प्यूटर प्रशिक्षण का यह अभियान विशाखपट्नम आन्ध्रप्रदेश से शुरू किया गया । खनवाँ गाँव को आदर्श ग्राम बनाने की दिशा में पहल 2010 से ही शुरू किया जा चूका है। ग्रामीण लोगों के आपसी प्रयास से खनवाँग्राम को बिना किसी सरकारी मदद् के बिहार का आदर्श ग्राम बनाने के लिए अपने स्तर से प्रयासरत जारी है। गाँव में सामूहिक डेयरी उद्योग, कुटीर उद्योग, जैविक खेती की दिशा में लोगों को जागरूकता अभियान की शुरूआत हो चुकी है। ई-गा्रम बनने के बाद खनवाँ ग्राम में रहने वाला बच्चा-बच्चा अब ग्लोबल हो गया है। गांव में होने वाले सभी प्रकार की आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक व अन्य सभी प्रकार की गतिविधियों की जानकारी बेवसाईट पर उपलब्ध रहेंगे । आज के भागदौड भरे व्यस्त जीवन में जब हर गाँव के लोग एक दूसरे से दूर एवं अनजान होते चले जा रहे हैं। उच्च आकांशाओं एवं आगे बढने की होड में अधिकांश लोगों के पास समय की कमी बीच में आ जाती है। अपने देश, प्रदेश, गॉव व रिस्तेदार तो दूर, परिवार के लिए भी आवश्यक कार्याे के लिए समय नही है। इसी को ध्यान में रखकर इस वेव साइट को बनाया गया है, जिसे कि घर/कार्यालय पर भी देख कर गॉव के क्रिया कलाप व अपनों से मिला जा सकता है, यद्धपि यह व्यवसायिक रूप से तैयार नही है और इसमें कई खामियॉ हो सकती है फिर भी कोशिश की गई है कि इस साइट के माध्यम से अधिक से अधिक सूचनाएँ गाँवालों जो खासकर गाँव से बाहर रहते है। इस बेबसाईट के माध्यम से मेरा यह प्रयास है । हम अपने सारे मित्रों, सहयोगियों, ग्रामवासियों, देशवासियों एवं संपूर्ण विश्वविरादरी से विनम्र आग्रह करते है कि वे हमारा मनोवल एवं समय-समय पर मार्गदर्शन किया करेंगे ।
इस बेबसाईट के माध्यम से एक ही गाँव के रहने वाले लोग आज देश और विदेशों में है । नौकरी और पेशे के लिए उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में पलायन करना उनकी मजबूरी भी है । हम एक दूसरे से दूर होते जा रहे है। एक दूसरे से जूड़ने के लिए मोबाईल /मेल तो है पर जानकारी नहीं है की कौन कहाँ है और क्या कर रहें है। ऐसी स्थिति में यह बेवसाईट सभी को जूड़ने में मद्दगार साबित होगा । दूर बैठे नेट से हर तरह की जानकारी हासिल हो जाएगी । हमारे आने वाली पिढि के लिए यह तो मील का पत्थर साबित होगा । सभी लोग अपने गाँव के पोर्टल के मेंबर होगंे । लोग अपने जन्मभूमि से हर हाल में जूड़े रहेंगे । गाँव के विकास की स्थिति की भी जानकारी प्राप्त हो सकेगी ।
इस बेबसाईट के माध्यम से कई अन्य धुन के पक्के लोग हमारे जैसे अपने गाँव को भी आदर्श गाँव बनाने के लिए दिशा मिल सकेगा । जैसा मै जब काम गाँव पर शुरू किया तो मुझे सारी अपनी सारी परिकल्पनाओं को जमीन पर उतारने के लिए सिस्टम बनाना जरूरी था और उसमें बहुत समय लगता है । इस बेबसाईट से एक गाँव को खुशहाल एवं आदर्श गाँव बनाने के लिए परिकल्पनाएं तथा उसका सामाधान दिया जा रहा है। सिर्फ आपको थोड़ी फेर बदलकर लागू करना होगा । इसमें शिक्षा, स्वच्छता, डेयरी, खेती, स्वास्थ्य, सरकार की सारी योजनाआं को लागू करना जैसे मूद्दो को उभारा गया है।
मेरा अपना मानना है कि हर गाँव डिजिटल जूड़े होने चाहिए । इस गाँव के बेबसाईट को देखकर दूसरे लोग भी अपने गाँव का बेबसाईट बनाना अवश्य चाहेंगे। हमारे गाँच के बेबसाईट के प्रारूप को देखकर कोई भी इच्छुक लोग अपने गाँव का अगर बेबसाईट बनाना चाहते है तो इस प्रारूप के द्वारा उन्हें काफी सहूलियत होगी ।
अपने जन्मभूमि या गाँव के लिए कुछ करना चाहते है। हमारा देश गाँवों का देश है। आज शहरों में सरकारी या गैर सरकारी संस्थानों में बड़े-बड़े पदों पर कार्यरत पदाधिकारी के पूर्वज भी गाँव से ही शहर में आये । अपना दृष्टिकोण है पदाधिकारी, बिजनेस मैन एवं अन्य सक्षम लोग अगर अपने अर्जीत धन का कुछ अंश गाँव के विकास में योगदान दें तो विकास बहुत हद तक संभव है। साधन सम्पन्न एवं खुशहाल लोग अगर अपने अर्जित अनुभव, ज्ञान विवके या धन का कुछ अंश गाँव के विकास के लिए सहयोग करें तो इससे उनकी सम्पनता पर कोई असर नहीं होगा और इससे गाँवों को खासा लाभ पहुँचेंगा । बहुत सारे लोग ऐसा करने की इच्छा रखते है लेकिन इसके लिए कैसे और क्या-क्या कदम उठाया जाना चाहिए, इसका अभाव होता है । इस बेबसाईट के माध्यम से कई ऐसी जानकारी मिलेगी । वैसे लोगों से आग्रह है कि गाँव के विकास में अपना अंश दान देकर नेक कार्य के मुहिम में भागी बने ।
21 अक्टूबर से श्रीबाबू की 125 स्वर्णजयंति वर्ष का शुभारंभ हो रहा है। इस अवसर पर गांव में सामुदायिक स्तर पर आपसी सहयोग से कई आर्थिक गतिविघियों का भी शुभारंभ कर रहे है। देश-विदेश की कई गैर-सरकारी संस्थाओं से भी मदद मांगी गई है। श्री बाबू के जन्मस्थली के बाद बिहार के सभी महापुरूषों की जन्मस्थली को ई-गा्रम बनाने की दिशा में उनका अभियान जारी रहेगा। हमारा प्रयास होगा कि गूणवत्ता पूर्ण स्कूली शिक्षा गाँव-गाँव तक पहूँचे इसके लिए ग्रामीण शिक्षा नीति भी बनाई गई है । श्रीबाबू के नाम से श्रीकृष्ण विद्यालय की शुरूआत उनके 125वीं वर्ष पर किया जायेगा ।
खनवाँ गंाव आधुनिक बिहार के निर्माता की जन्मस्थली होने के बावजूद भी उपेक्षा के दंश झेल रहा है। उपेक्षा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अभी तक यहाँ उच्च विद्यालय तक नहीं है। इसके कारण यहाँ की शिक्षा काफी प्रभावित है । खनवाँ की इस पावण माटी जिसने आधुनिक बिहार के निर्माता को जन्म दिया वही गाँव इतना उपेक्षित रहे यह सकारात्म पहलू के विपरीत प्रतीत होती है। श्रीबाबू को कोई जाति, धर्म एवं स्थान से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है वे तो सम्पूर्ण राष्ट्र के धरोहर है । वे हीं वैधनाथधाम देवघर के मंदिर में दलितो को पहली बार प्रवेश दिलाया जहाँ पहले दलितों का प्रवेश निषेध् था । वे ही देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हूए, जिन्होने जमीनदारी प्रथा का उन्मूलन का शुरूआत बिहार से किये । इसलिए आधुनिक बिहार के निर्माता एवं बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री के जन्मस्थली का कायाकल्प भी बिहार के मुख्यमंत्री के द्वारा ही होना चाहिए।
श्रीकृष्णग्राम-खनवाँ में प्रति वर्ष 21 अक्टूबर को श्रीबाबू के ़जयंति-दिवस के अवसर पर जिला/ कमिशनरी स्तर से चुने हुए लोगों को किसी विशेष क्षेत्र (जैसे- कृषि एवं पशुपालन, लघु एवं कुटीर उद्योग, कला एवं साहित्य, पत्रकारिता, खेल आदि) में उनके द्वारा उत्कृष्ट भूमिका निभाने के लिए सम्मानित किये जायेगे । साथ ही साथ उस दिन खनवाँ वासियों को भी उनके विशेष उपलब्धि पर उन्हें सम्मानित किया जाएगा । यह सम्मान श्रीबाबू की 124वीं जयन्ति दिवस से शूरू किया जा रहा है। इस दिन मगही कवि सम्मलेलन का भी आयोजन किया जा रहा है।
भवदीय
संतोष कुमार
ग्रामवासी9471000258/ 9162619356
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दिनांक: 12/10/2011
सेवा में,
सचिव,
पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार,
कमरा नंबर -2, सी-1 हटमेन्टस
नई दिल्ली - 110 001, भारत
टेलीफोन: 011-23016018
ई - मेल: webmaster-tour@nic.in
विषय - महान स्वतंत्रता सेनानी एवं बिहार के पहले मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की जन्मस्थली बिहार राज्य के नवादा जिले के नरहट प्रखंड के खनवां गाँव को ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रेषित प्रस्ताव
महोदय,
आज दिनांक 12 अक्टूबर को हिन्दी दैनिक समाचार पत्र हिन्दुस्तान में एक खबर हेडलाइन खास गांवों के लिए खुलेगा खजाना नाम से छपी है । जिसके तहत भारत सरकार के केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गाँवों से एक प्रस्ताव मांग रही है। प्रस्ताव उन गाँव के लिए है जिस गाँव में किसी तरह की क्राफ्ट या कोई खास कला पाई जाती हो। इसी समाचार के आधार पर खनवाँ गाँव को ग्रामीण पर्यटन के लिए चुना जाय प्रस्ताव भेजा जा रहा है।
खनवाँ गाँव के आस-पास अंर्तराष्ट्रीय पर्यटन केन्द्र नालंदा, राजगीर, बोधगया, पावापूरी मौजूद है। स्थानीय स्तर पर ककोलत ठंढा झरने का जल प्रपात एवं सीतामढ़ी भी है । यह गांव आधुनिक बिहार के निर्माता, महान स्वतंत्रता सेनानी एवं बिहार के पहले मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की जन्मस्थली भी है । यह गांव आज भी उपेक्षित है । इस गांव के आसपास लगभग 200 एकड़ आम गरमजरूआ जमीन भी उपलब्ध है। रेल यातायात से भी जूडा हूआ है। इस गांव को बिहार सरकार के पर्यटन मंत्रालय भी पर्यटन केन्द्र में शामिल करने के प्रयास में है।
इस गांँव का वेबसाईट भी कार्यरत है। पर्यटन के दृष्टि एवं अन्य सभी जानकारियाँ वेबसाईट पर मैजूद है जिससे आवश्यक जानकारियाँ ब्राउज कर प्राप्त किया जा सकता है। हम यह चाहते है कि केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस गाँव को भी शामिल किया जाय । यह गांव आदर्श ग्राम बनने के दिशा में ग्रामीणों के द्वारा भी पहल किया जा चुका है।
भवदीय
संतोष कुमार
विशेष जानकारी के लिए खनवाँ पर बने वेबसाईट भी देख सकते है । https://sites.google.com/site/srikrishnagramkhanwan
संलग्नक -
आवश्यक कागजात भी प्रेषित है।
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दिनांक: 12/10/2011
सेवा में,
लोक सूचना अधिकारी
पर्यटन मंत्रालय, बिहार सरकार
बैरक No.14,पुरानी सचिवालय,
पटना ,बिहार - 800015
विषय : सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत आवेदन।
महोदय,
बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीबाबू की जन्मस्थली खनवाँ बनेगा पर्यटन स्थल के सम्बंध् में सूचना के अधिकार के तहत निम्नलिखित सूचनाएं उपलब्ध् कराएं रू
1. श्रीबाबू की जन्मस्थली नवादा जिले के नरहट प्रखंड के खनवांँ गाँव है । खनवांँ गाँव को सरकार बिहार के पहले मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की जन्मस्थली को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेगी । इसके लिए बिहार सरकार ने पदाधिकारियों की एक टीम भेजकर परियोजना का एक विस्तृत प्रतिवेदन देने को कहा गया है। यह मामल बिहार विधान परिषद् में इस वर्ष 23 फरवरी 2011 को उठाया गया था । पर्यटन मंत्रालय की ओर से इसपर अभी तक क्या-क्या कारवाई हो पायी है इसकी विस्तृत जानकारी का विवरण भेजें जाय ।
2. इस वर्ष श्रीबाबू की 124वीं जयंति 21 अक्टूबर को मनाई जायेगी और उनकी जयंति 125वीं वर्ष में प्रवेश कर जायेगा तो इस संदर्भ में बिहार सरकार के पर्यटन मंत्रालय या बिहार सरकार के द्वारा इसे सरकारी कार्यक्रम क्यों नहीं घोषित किया जाय । उनकी 125वीं जयंति वर्ष में बिहार सरकार के पर्यटन मंत्रालय या बिहार सरकार क्या-क्या योजनाए बना रही है इसकी विस्तृत जानकारी का विवरण भेजें जाय ।
3. श्रीबाबू की 125वी जयन्ति वर्ष पर खर्च करने का अनुमानित बजट क्या होगा । इसकी विस्तृत जानकारी का विवरण भेजें जाय ।
4. पिछले पाँच वर्षो में बिहार के किन-किन विभूतियों पर सरकारी कार्यक्रम किये गये तथा इसपर किये गये खर्च का भी विवरण भेजें जाय ।
5. अभी वर्ष 2011 तक बिहार सरकार बिहार के किन-किन महापूरूषों को महान विभूतियों में शामिल किया है । इसकी विस्तृत जानकारी का विवरण भेजें ।
जानकारी मेल के माध्यम से भेजा जा सकता है ।
मैं आवेदन फीस के रूप में 10रू अलग से जमा कर रहा हूं। (आरटीआई शुल्क पत्र के साथ पोस्ट के माध्यम से भेजा जा रहा है । )
यदि मांगी गई सूचना आपके विभाग/कार्यालय से सम्बंधित नहीं हो तो सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 6 (3) का संज्ञान लेते हुए मेरा आवेदन सम्बंधित लोक सूचना अधिकारी को पांच दिनों के समयाविध् के अन्तर्गत हस्तान्तरित करें। साथ ही अधिनियम के प्रावधानों के तहत सूचना उपलब्ध् कराते समय प्रथम अपील अधिकारी का नाम व पता अवश्य बतायें।
भवदीय
संतोष कुमार
विशेष जानकारी के लिए खनवाँ पर बने वेबसाईट भी देख सकते है - https://sites.google.com/site/srikrishnagramkhanwan
पत्राचार का पता:
संतोष कुमार
पिता - स्व0 अर्जून प्रसाद सिंह, ग्राम पोस्ट - खनवाँ,
टोला मदनपुर, जिला नवादा, बिहार . 805122
फोन नं : 9471000258/9162619356
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दिनांक: 27-09-2011
सेवा में
माननीय श्री लालकृष्ण आडवाणी
नेता प्रतिपक्ष लोक सभा
30, पृथ्वीराज रोड़ नई दिल्ली - 1
011-23794124 / 23794125
विषय: बिहार के सिताबदियारा से आरंभ होने वाले रथयात्रा को पटना से गया जाने के क्रम में महान स्वतंत्रता सेनानी बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री बिहार केसरी डॉ0 श्रीकृष्ण सिंह की जन्मस्थली ग्राम-खनवाँ से होकर गूजरने हेतू आमंत्रण ।
महाशय,
भ्रष्टाचार के खिलाफ अक्टूबर से आरंभ होने वाली देश के लोकप्रिय एवं शीर्ष नेता माननीय श्रीलालकृष्ण आडवाणी की प्रस्तावित रथयात्रा लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जन्मस्थली सिताबदियारा, बिहार से आरंभ हो रही है । भ्रष्टाचार के खिलाफ इस रथयात्रा को श्रीकृष्णग्राम खनवाँ ग्रामवासी की ओर से हार्दिक शुभकामनाए ।
जैसा की बिहार में प्रकाशित दैनिक सामाचार पत्रों के माध्यम से हमलोगों को यह जानकारी हूई है कि आपका रथयात्रा पटना से होकर गया भी प्रस्तावित है । सिताबदियारा से आरंभ होने वाले देश के लोकप्रिय नेता की रथयात्रा को समस्त खनवाँ ग्रामवासी आमंत्रण करती है और अपने देश के लोकप्रिय नेता से यह इच्छा रखते है की यह रथयात्रा पटना से होकर गया जाने के क्रम में महान स्वतंत्रता सेनानी बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री बिहार केसरी डॉ0 श्रीकृष्ण सिंह की जन्मस्थली श्रीकृष्णग्राम खनवाँ, जिला नवादा से होकर गूजरें ।
अगर आपकी यह महत्वपूर्ण रथयात्रा खनवाँ गाँव से होकर गूजरती तो गुजरने के क्रम में बिहार के विकास के प्रतीक श्रीबाबू जैसे स्वतंत्रता सेनानी एवं महापूरूष के गर्भगृह पर श्रद्धा-सुमन भी अर्पित करेंगे तो बिहार के जनमानश पर एक विशिष्ट अमिट छाप छोड पायेगे जिससे समस्त बिहारवासी आपके इस सोच को कद्र करेंगे जिसके लिए आप जाने जाते है। इसीक्रम में आपके रथयात्रा की जानकारी मिलने से श्रीकृष्णग्राम खनवाँ के लोगों में एक आशा है की शायद आडवाणी जी खनवाँ गाँव आयें जिससे श्रीबाबू जैसे स्वतंत्रता सेनानी एवं महापूरूष की जन्मस्थली का कायाकल्प भी हो सके ।
खनवाँ गाँव ऐसे महापुरूषों के जन्मस्थली होने के बावजूद भी इसका विकास की उपेक्षा का आंदाजा इस से लगया जा सकता है कि यहाँ अभी तक लड़के एवं लड़कियों को पढ़ने के लिए कोई उच्च विद्यालय तक नहीं है। यहाँ के ग्रामवासी हसरत भरी निगाहों से यह आस बनाये बैठी है की कब और किनके हाथ से हमारे गाँव का कायाकल्प होगा । लोगों के इस जनआकांक्षा को देखते हूए मैने इस पत्र को आपके पास सीधा ईमेल से भेजने का निर्णय लिया ताकि आप अपने इस रथयात्रा के महत्व को और विशेष कर पायें ।
खनवाँ बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री एवं आध्ुनिक बिहार के निर्माता बिहार केसरी डॉ0 श्रीकृष्ण सिंह की जन्मस्थली है। 21 अक्टूबर, 1887 ई0 को बिहार केसरी का की जन्मस्थली, नवादा जिला के नरहट थाना अन्तर्गत ग्राम खनवाँ में हुआ था। वें ही बिहार के ऐसे वरेण्य काल पुरूष थे, जो जीवन के अंतिम घड़ी 31 जनवरी 1961 ई0 तक बिहार के मुख्य मंत्री के सम्मानित पद पर बने रहे। यह वर्ष 21 अक्टूबर को बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ0 श्रीकृष्ण सिंह की 124वीं जयंती-दिवस भी मनाया जायेगा और 125वीं जयंती में प्रवेश होगा ।
खनवाँ गाँव को आदर्श/मॉडल ग्राम बनाने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास का संकल्प उनके पूण्य तिथि 31 जनवरी, 2010 को ‘‘संकल्प समारोह’’ के आयोजन से किया गया। इस संकल्प समारोह में हजारों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया और गाँधीजी एवं श्रीबाबू के आदर्शा पर चलने तथा गाँव को सबल बनाने के लिए संकल्प लिए। गाँवों के विकास के बिना देश का विकास बिल्कुल हीं अप्रसंगिक है और इसी दिशा में श्रीकृष्ण ग्राम-खनवाँ को एक प्रतीक मानकर गाँव के विकास के लिए प्रयास शुरू किया गया है।
‘ ‘संकल्प समारोह’’ में उपस्थित होने वाले विशिष्ट गणमान्य लोगों से श्री ललितेश्वर प्रसाद शाही, पूर्व केन्द्रीय शिक्षा मंत्री, डॉ0 रत्नाकर पाण्डेय- पूर्व राज्यसभा सांसद, डॉ0 भोला सिंह, सांसद नवादा, डॉ0 श्री अरूण कुमार, शिक्षाविद् एवं पूर्व सासंद, जहानाबाद, श्री नीरज कुमार अध्यक्ष राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर स्मृति न्यास आदि मौजूद थे।
संकल्प दिवस के दिन आमंत्रित गणमान्य लोगों ने श्रीकृष्ण ग्राम-खनवाँ के विकास के लिए प्रतिबद्धता तो दिखाई लेकिन वो तमाम घोषणाएं पर कोई संतोषप्रद कार्यवाई अभी तक नहीं है और जब वैसे महापूरूषों की जन्मस्थली की स्थिति ऐसी है तो बाकी गाँवों का क्या होगा ।
आपका विश्वास भाजन
संतोष कुमार
श्रीकृष्ण ग्रामवासी खनवाँ
फोन: 9471000258 9162619356
(नोट - खनवाँ पटना - नालंदा - राजगीर - हिसूआ - गया रूट पर है। यह हिसूआ से 12 कि.मी. है।)
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दिनांक: 09.09.2011
मेरे प्रिय
श्रीकृष्ण ग्राम खनवाँ ग्रामवाँसी
बड़ों को आदर सहित प्रणाम एवं छोटों को शुभआशीष
इस पत्र के माध्यम से हमने निम्नांकित विन्दुओ पर प्रकाश डालने का कार्य किया है
खनवाँ को आदर्श ग्राम बनाने के लिए श्री बाबू की 125वी जयंति दिवस के अवसर पर संकल्प को क्रियांवित्त करें ।
श्री बाबू की 125वी जयंति समारोह कैसे मनाया जाय या आयोजन समिति का गठन ।
गाँव में प्रतिदिन चौपाल लगाया जाय । जिससे ग्रामीण विकास को एक नई दिशा मिल सके ।
डेयरी समीति का निर्माण किया जाये ।
आदर्श ग्राम बनाने के लिए इच्छुक कार्यकर्त्ताओं को चयनित किये जाये ।
मेरा पूरा मानना है कि श्रीकृष्ण ग्राम खनवाँ एक आदर्श गाँव का दर्जा प्राप्त कर सके । हम आप सभी ग्रामवासीयों के साथ मै यह देखने का प्रयास कर रहा हूँ कि ।
खनवाँ गाँव कैसा हो :-
- एक गांव जहां सभी बच्चो स्कूल जाये और पढें ।
- एक गांव जहां पर शिक्षक स्कूल से गायब नहीं होते हैं।
- एक गांव जहां महिलाओं का सम्मान हो ।
- एक गांव जहां जाति अंतर नहीं है ।
- एक गांव जहां रासायनिक खाद एवें कीटनाशक मुक्त कृषि हो ।
- एक गांव जहां सभी व्यक्ति की जीवन बीमा हो ।
- एक गांव जहां से कोई व्यक्ति पलायन नहीं हो ।
- एक गांव जहां पर कोई भी व्यक्ति शराब नहीं पीता हैं ।
- एक गांव जहां पर आंगनवाड़ी रोज खुलती है।
- एक गांव जहां पर बच्चे कुपोषित नहीं है।
- एक गांव जहां पर राशन व्यवस्था ग्रामसभा के अनुसार संचालित होती है।
- एक गांव जहां पर गांव की सड़कों पर गंदगी नहीं होती है।
- एक गांव जहां हर घर एक रंग से ही पुता हो ।
- एक गांव जहां पर व्यापक मंदी के इस दौर में मंदी का कोई असर नहीं हैं।
- जहां हर घर में गाय पालन हो तथा डेयरी आमदनी का मुख्य जरीया हो
- जहां के हर लोग अपना समय व्यर्थ नहीं विताकर, अपने समय को खेती, गाय पालन तथा अन्य कार्यों में दे ।
- जहां किसी भी सरकारी योजना का पूरा लाभ गाँव को मिले ।
महात्मा गांधी ने कहा थाए ष्सच्चा लोकतंत्र केन्द्र में बैठे हुये कुछ आदमी नहीं चला सकते हैंए वह तो नीचे से हर एक गांव में लोगों द्वारा चलाई जानी चाहिये। सत्ता के केन्द्र इस समय दिल्लीए कलकत्ता व मुंबई जैसे महानगरों में हैं। मैं उसे भारत के सात लाख गांवों में बांटना चाहूंगा।
हर नागरिक में अपने देश के प्रति राष्ट्र प्रेम की भावना होती है । क्या हर भारतवािसयों के मन में यह स्वप्पन नहीं पलता है कि हमारा राष्ट्र विश्व का सबसे मजबूत और खुशहाल राष्ट्र बने । राष्ट्र कि अन्तिम इकाई गाँव तथा गाँव के लोग है जबतक गाँव का विकास नहीं होता है तबतक हमारा भारत समृद्ध राष्ट्र नहीं बन सकता है। अतः हमें गाँव को आदर्श गाँव बनाना है।
यह वर्ष बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ0 श्रीकृष्ण सिंह की 125वीं जयंती-दिवस है अतः इस वर्ष उनकी 125वीं जयंती-दिवस के अवसर पर श्रीकृष्ण ग्राम खनवाँ वासियों को आदर्श ग्राम बनाने का संकल्प लेना चाहिए। मेरे अनुसार समस्त ग्रामवासीयों के द्वारा यह संकल्प लेना ही, उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी ।
मेरा अपना मानना है कि जब श्री बाबू हमारी घरती पर जन्म लेकर पूरे देश तथा इस बिहार राज्य के लिए एक अति सम्मानित व्यक्ति हुए तो क्या वैसे सम्मानित एवं स्वतंत्रता सेनानी की इस घरती पर हम ग्रामवासी यह संकल्प लेकर खनवाँ को आदर्श ग्राम नहीं बना सकते है। विल्कुल मेरे प्यारे गाँववासी यह संभव है। हम कर सकते है । इच्छाशक्ति जगाने की है ।
जागिए आप सभी ग्रामवासी को जागने से परिवर्त्तन की एक नई दिशा लेगी और खनवाँ के घर गाँववासी खुशहाल होंगे । कार्य ऐसा किया जाय कि वो दूसरे के लिए आदर्श हो । हम सभी ग्रामवासी अपने संकल्प शक्ति के द्वारा एक आदर्श गांव का ऐसा नमूना पेश करे की दूसरे गाँवों के लिए एक मिशाल हो, इससे राष्ट्रीय एवं अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर गाँव की ख्याति भी होगी ।
खनवाँ में श्री बाबू की सिर्फ मुर्ति लगा देने से उनकी प्रति सच्ची श्रद्धाजलि नहीं होगी असली श्रद्धांजली तो उनके जन्मभूमि को आदर्श गाँव बनाने से होगी ।
मित्रों यह वर्ष डॉ0 श्रीकृष्ण सिंह की 125वीं जयंती-दिवस हमारे गांव के लिए महत्वपूर्ण है और इस उनके जयंति दिवस पर यह संकल्प अवश्य लेना ही होगा । एक वार दिल से सभी दिवारों को तोड़कर एक होकर इसे अपनाकर देखे तो विकास की कैसी लकीर खीची जाएगी, जो कि एक मिशाल और एतिहासिक होगी । शायद हमारी आनेवाली पीढी हमलोगों पर गर्व महसूस करेगी । आदर्श गाँव को बनाने के लिए गाँव के सभी लोगो की भागीदारी आवश्यक होगा ।
अब समय आ गया है कि हम सभी को मिल-जूलकर इसे अपना लक्ष्य बनाये ।
मै इस पत्र के माध्यम से पूरे गाँव वासियों को आहवान करता हूँ की विजयदशमी के शुभअवसर पर एक बडी ग्रामसभा का आयोजन किया जाय और इसी ग्राम सभा में एक प्रस्ताव लाया जाय तथा इस प्रस्ताव को ग्राम सभा में पारित किया जाय । इस सभा में समस्त ग्रामवासी बच्चे/नौजवान/नवयूतियां/महिलाये/बूजूर्ग एवं सभी जन प्रतिनिधि उपस्थित रहें । यही से हमलोग का आदर्श गाँव का सफर की शूरूआत हो जाती है । इसके लिए हम सभी लोग दिल से जूड़े एक दूसरे से आग्रह करे, इससे चर्चा का विषय बनावे, तभी एक जनभागीदारी पैदा होगी और समस्त गाँव की उपस्थिति में इसका संकल्प लें ।
सबसे पहले हम अपने गाँव के वैसे नौजवान , नवयूवतियाँ एवं अन्य लोगो को सुचिवद्ध कर एक समूह का निमार्ण करना चाहते है और इस समूह का निमार्ण 20 सितम्बर के पहले कर लेना चाहते है । वैसे व्यक्ति जिनके मन में थोड़ा सा भी अगर गांव के विकास के प्रति सच्चा सोच है एवं अपना समय भी ग्राम निमार्ण में दे सकते है वे अविलम्ब मिले ।
- वैसे व्यक्तियों जो गाँव को आदर्श बनने मंे सहयोग करना चाहते है तो वे आकर मिले और अपना नाम दे ।
- दशहरा विजयदशमी से इस कार्यक्रम को शुरू करना चाहते है ।
मैं अविलम्ब गाँव में प्रतिदिन चौपाल लगाने की शुरूआत करना चाहते है । चौपाल प्रतिदिन चले इसके लिए एक निश्चित स्थान तथा चौपाल चलाने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश भी हो ताकि चौपाल से कृषि विकास एवं गाँव के अन्य विकास पर प्रतिदिन परिचर्चा हो ।
चौपाल के नियम
1. चौपाल प्रतिदिन लगाया जाए।
2. चौपाल का एक निश्चित स्थान एवं समय निधारित हो ।
3. चौपाल का समय संध्या 6 बजे से 9 बजे तक निधारित है । जरूरत पडने पर परिवर्तन किये जा सकते है ।
4. चौपाल में कुल समय का आधा समय खेती-बाड़ी, दुग्ध विकास एवं अन्य आर्थिक विकास के मूद्दो पर विचार किया जाना चाहिए । उसके बाद शिक्षा, नौजवानों तथा गाँव से संबंधित सभी अन्य मसलो पर विचार हो जिससे ग्राम स्वालम्बन की दिशा में सहयोग मिले ।
5. सभी सदस्य यहाँ अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र है, किन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि आप कोई ऐसी बाद कहें जिससे किसी के समाज को ठेस पहुँचती हो ।
6. आप कोशिश करें की यहाँ पर कोई अश्लील वार्तालाप न करें, कोई हिंसक वार्तालाप करने से भी बचें ।
7. किसी जाति धर्म आदि का उल्लेख न करें ।
8. गाली गलौच आदि की भाषा में वार्तालाप विल्कुल न करें ।
9. यह चौपाल एक प्रकार से हमारे आपसी वार्तालाप के उद्ेष्य से तेयार किया गया है, कृप्या कोई भी इस प्रकार की कार्यवाही न करें जिससे लोगों को नाराजगी हो ।
चौपाल में प्रतिदिन देश/राज्य/जिला स्तर पर गाँवों के विकास पर किये जा रहें व्यक्तियों/समूहों के द्वारा प्रयास को परिचर्चा में लाया जायेगा जिससे हम ग्रामीणवासियों को सही निर्णय लेने में आसानी हो । जिससे चौपाल में कई वैसे तरह की जानकारीयां उपल्बध करायी जायेगी जिससे कृषि एवं पशुपालन अधारित कार्यो को करने में आसानी हो ।
किसानों के आर्थिक समृद्धि के लिए डेयरी समिति निमार्ण के लिए भी आवश्यक दिशा निदेर्श बनाये गये है । इस डेयरी समिति का निमार्ण 11 सदस्यीय सदस्यों के द्वारा होगा । वैसे इच्छुक लोग जो डेयरी में इच्छा रखते हो वो भी मिल सकते है ।
श्रीकृष्ण सिंह की जयंती समारोह का आयोजन कैसा हो इसके लिए भी ग्रामीणों की मिटिंग आवश्यक है ।
इसबार की श्रीबाबू की 125वीं जयंति को विशेष तरह से मनाई जाय मेरी ऐसी राय है । चूकि 21 अक्टूबर आने में काफी कम समय बच चुका है अतः इसके लिए ग्रामीणों की ओर से आयोजन समीति का गठन हो कार्यक्रम के प्रारूप तय किये जाये तथा सभी को आवश्यक जिम्मेवारी भी दिया जा सके।
इस पत्र के साथ मै देश के विभिन्न हिस्सो में आदर्श एवं वेहतर गाँव के विकास का विवरण एवं चित्रन का संग्रह है । इसको पढ़ने से आप पायेंगे कि किसतरह से दूसरे गांवों के लोगों ने मिलकर एक संकल्प लेकर अपने गाँव को विकास की राह दिखाकर देश की मानचित्र पर लाकर खड़ा कर दिया । इससे संबंधित काम कैसे करना चाहिए तथा उसकी पूरी जानकारी तथा कार्य योजना का नमूना मिलेगा । आशा है कि इसको पढ़कर आपके मन का यह भ्रम टूटे और उत्साह का संचरण सभी लोगो के शरीर में संचरित होगा ताकी इस निर्णय को लेने में आसानी हो और अपने गांव में लागू कर विकास की एक गाथा और इतिहास रच सकते है ।
इस पत्र को पढने के बाद कम-से कम 10 व्यक्तियों को अवश्य पढ़ाये ताकि इसकी जानकारी सभी लोगों तक पहुँचे ।
आपका ग्रामीण
स्ंतोष कुमा