श्रीबाबू के 124वीं जयन्ति दिवस के आयोजन पर उनकी जन्मस्थली
खनवाँ में आकर श्रद्धासुमन अर्पण करने हेतू आमंत्रण ।
खनवां बिहार के राजनीत खानदान की मॉ है । जयन्ती एवं पूण्यतिथि का कार्यक्रम सभी क्षेत्रो में हो यह गौरव का विषय है लेकिन खनवाँ में इस आयोजन को मनाना विशेष महत्वपूर्ण होगा । श्रीबाबू के 124वीं जयन्ति दिवस के आयोजन पर राजनीत की तीर्थभूमि खनवाँ में हम सभी की अधिक संख्या में उपस्थिति गौरव का विषय होगा और उस महान योद्धा एवं स्वतंत्रता सेनानी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी । श्रीबाबू का आदर्श अनुकरणीय है - समाज के किसी भी जाति, धर्म एवं तबका के लिए । हमलोग यह चाहते है अधिक-से-अधिक लोगों की गरिमामयी उपस्थिति वर्ष में दो बार उनके जन्मतिथि और पूण्यतिथि को बिना बुलाये ही लोग आयें और आघुनिक बिहार के निर्माता को सम्मान दें । जब आधुनिक बिहार के निर्माता की ही जन्म स्थली उपेक्षित है, तो बिहार के अन्य गाँव की स्थिति इससे भली भाँति समझी जाएगी । हर खनवाँवासी की यह लालसा है कि श्रीबाबू के इस अमूल्य धरोहर को राजनीत की तीर्थभूमि के रूप में सजाये, सवारें । खनवाँ को उचित सम्मान दिलाने के लिए संघर्ष शुरू हो चुका है और अब यह संघर्ष चलता रहेगा और इस संधर्ष में आपसभी लोगो का सहयोग आपेक्षित है । श्रीबाबू का खनवाँ में आयोजन किसी व्यक्ति विशेष या किसी दल का नहीं हो सकता है बल्कि यह आयोजन समाज हर वर्ग का है और इसे एक गरिमामयी आयोजन के रूप में सफल करें । खनवाँवासी इसके लिए सदैब तत्पर है।
आप सबों से विनम्र आग्रह है कि श्रीबाबू की जयन्ति समारोह में खनवाँ में आपकी गरिमामयी उपस्थिति आवश्यक एवं महत्वपूर्ण भी होगा ।
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