उत्तर प्रदेश तुच्छ अपराध (विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेटों द्वारा विचारण ) नियमावली,1997
(2) परिभाषाएँ-
(ग ) तुच्छ अपराध
I. तुच्छ अपराध से ऐसा अपराध अभिप्रेत है:
(i) जैसा कि संहिता की धारा 206 में परिभासित है .
(ii) दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 320 की सारिणी II, भा.द.सं. की धारा 324, 325, 335, 344, 357, 379, 381, 406, 407, 408, 411, 419, 420, 430 और 494 को विवर्जित करके
(iii) भा.द.सं. की धारा 160, 188, 279 और 336,
(iv) किसी अधिनियम के अधीन सभी अपराध , जो दो वर्ष के कारावास से दण्डनीय है,
(v) मोटरयान अधिनियम के अधीन यातायात अपराध
II. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट समय समय से मामलों के किसी अन्य प्रकार को समनुदेशित कर सकेगा , जिनका विनिश्चय विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा किया जायेगा .